हाथरस छात्रवृत्ति घोटाले में दो और गिरफ्तार, 62 कॉलेज और मदरसों पर एक्शन
हाथरस जिले में बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले में दो और आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है. यूपी के आर्थिक अपराध शाखा ने एक पूर्व प्रधानाचार्य और 1 प्रबंधक को अरेस्ट किया है. दोनों आरोपी पति-पत्नी हैं. यह मामला शैक्षणिक सत्र 2011-12 से 2012-13 तक का है. जिसमें 24 करोड़ 92 लाख का घोटाला हुआ था.

उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले में शुक्रवार को दो और आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. जिले में अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति के कुल 24 करोड़ 92 लाख से ज्यादा का घोटाला सामने आया था. यूपी के आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने इस मामले में आज एक पूर्व प्रधानाचार्य और 1 प्रबंधक को गिरफ्तार किया है. दोनों पर छात्रवृत्ति के 48 लाख रुपये के गबन का आरोप है.
यह मामला शैक्षणिक सत्र 2011-12 से 2012-13 तक का है. जिसमें प्री-मैट्रिक यानी कक्षा 8 तक के अल्पसंख्यक छात्रों को दी जाने वाली छात्रवृत्ति की रकम हड़प ली गई. इस घोटाले में 65 विद्यालयों और मदरसों के नाम सामने आए हैं. आरोप है कि तत्कालीन अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी बीपी सिंह और अन्य अधिकारियों ने षड्यंत्र कर फर्जी नामों से ये रकम गबन कर ली.
गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपी पति-पत्नी
यूपी पुलिस ने अपने अधिकारिक एक्स अकाउंट पर इसकी जानकारी साझा की है. इसमें बताया गया है कि यह कार्रवाई धोखेबाजों के खिलाफ जीरो टोलरेंस के तहत की गई है. पोस्ट में लिखा है, ‘ फर्जी नामों से अल्पसंख्यक छात्रों की छात्रवृत्ति गबन करने के आरोपी पूर्व प्रधानाचार्य और 1 प्रबंधक को EOW द्वारा हाथरस से गिरफ्तार किया गया है.’
अधिकारियों के मुताबिक, गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपी पति-पत्नी हैं. दोनों की पहचान राजेंद्र प्रसाद और उनकी पत्नी सुधा शर्मा के रुप में हुई है. राजेंद्र प्रसाद अर्जुनपुर स्थित मदरसा अब्दुल हमीद इस्लामिया एजुकेशन के पूर्व संचालक हैं. जबकि उनकी पत्नी सुधा उसी संस्थान की तत्कालीन प्रबंधक हैं. EOW ने दोनों को सिकंदराराऊ क्षेत्र स्थित उनके पैतृक गांव टोली से गिरफ्तार किया है.
इस मामले में 32 आरोपी अभी भी फरार
इस बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले में तीन लोक सेवकों और 78 निजी व्यक्तियों सहित 81 लोग शामिल थे. पुलिस इस मामले में 46 आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल कर चुकी है. जबकि राजेंद्र प्रसाद और सुधा शर्मा ने अकेले 48 लाख रुपये का गबन किया था. वहीं, अभी भी इस मामले में 32 अन्य आरोपी फरार हैं. यूपी EOW की टीम आरोपियों की तलाश में जुटी है.