भूमाफिया होता तो लखनऊ में मेरी भी कोठी होती… आजम खान ने ऐसा क्यों कहा?

समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान ने खुद को 'भूमाफिया' कहे जाने पर तंज कसा है. उन्होंने कहा कि 50 साल की सियासत में कोठी न होने के बावजूद उन्हें भूमाफिया कहा जा रहा है. इस दौरान सपा नेता ने बिहार चुनाव प्रचार में न जाने की बात फिर से दोहराई. उन्होंने कहा कि वहां आज भी ‘जंगलराज’ जैसी स्थिति है.

समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान (फाइल फोटो)

समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री मोहम्मद आजम खान ने गुरुवार को अचानक लखनऊ में कदम रखा. रामपुर से चलकर आए इस दिग्गज नेता की यात्रा को पूरी तरह गोपनीय रखा गया था. वे शहर के एक नामी होटल में ठहरे, पहले तो सन्नाटा रहा, लेकिन जैसे ही सपा के कुछ नेताओं का आना-जाना शुरू हुआ, होटल में गहमागहमी मची.

पूर्व मंत्री अभिषेक मिश्रा और पूर्व विधायक सिबगतुल्लाह अंसारी (मुख्तार अंसारी के बड़े भाई) उनसे मिलने पहुंचे. इसी दौरान आजम खान ने लेखक हैदर अब्बास की किताब ‘सीतापुर की जेल डायरी’ का विमोचन भी किया. किताब जेल के उन काले दिनों की दास्तान है, जो आजम खान ने खुद झेले हैं.

‘कोठी नहीं, फिर भी भूमाफिया’

पत्रकारों से मुखातिब होते हुए आजम खान ने तल्ख लहजे में कहा, ‘मैं अगर भूमाफिया होता, तो लखनऊ में मेरी भी कोई कोठी होती. रामपुर में जहां रहता हूं, वहां तो बारिश में पानी भर जाता है. फिर भी मुझे भूमाफिया कहा जा रहा है.’ व्यंग्य की चाशनी में डूबी उनकी बातें सुनकर मौके पर मौजूद लोग भी मुस्कुरा उठे.

उन्होंने आगे कहा, ‘सवाल मत पूछिए, उत्तर प्रदेश की कानून-व्यवस्था बहुत बेहतर है.’ इस दौरान उन्होंने बिहार विधानसभा चुनाव पर भी प्रतिक्रिया दी. साथ ही दोहराया कि वह
बिहार में प्रचार के लिए क्यों नहीं गए? आजम खान ने वह वहां प्रचार करने नहीं जाएंगे. बिहार में आज भी ‘जंगलराज’ जैसी स्थिति है.

‘कट्टा बेचने वाले का बेटा विधायक बन गया’

आजम खान ने कहा, ‘जानवरों से लड़ने वाले और जिनके पास सक्षम हथियार हैं, वही लोग बिहार गए. मेरे पास कोई सुरक्षा नहीं है, इसलिए उस जंगल तक नहीं गया.’ हालांकि, उन्होंने यह भी जोड़ा, किसी राज्य को ‘जंगल’ कहना तौहीन है. ऐसे शब्द लोकतंत्र में नहीं होने चाहिए. साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘कट्टा’ वाले बयान पर भी बात की.

आजम खान ने कहा कि ‘अगर प्रधानमंत्री को जानकारी है, तो बताएं कि कितने बरस कट्टा बिका? हमारे यहां तो कट्टा बेचने वाले का बेटा विधायक बन गया और उसे केंद्र सरकार के गार्ड मिले हुए हैं. उन्होंने तंज कसते हुए कहा, ‘1975 में जो कट्टे के ड्रम के साथ गिरफ्तार हुआ था, वह खुद विधायक बना और उसका बेटा आज विधायक है.’