आजम खान के बाद इरफान सोलंकी को भी जमानत, 24 महीने बाद जेल से आएंगे बाहर
आजम खान के बाद अब समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक इरफान सोलंकी को भी जमानत मिल गई है. हाईकोर्ट ने गैंगस्टर एक्ट के एक मामले में उनकी जमानत मंजूर कर ली. इसी के साथ उनकी रिहाई का रास्ता साफ हो गया है. इरफान सोलंकी 24 महीनों से महाराजगंज जेल में बंद हैं.

समाजवादी पार्टी के नेता और पूर्व विधायक इरफ़ान सोलंकी को गुरुवार को जमानत मिल गई है. हाईकोर्ट ने सपा नेता और उनके भाई रिजवान सोलंकी समेत एक अन्य आरोपियों की भी जमानत मंजूर की है. इरफान सोलंकी पिछले 24 महीने से जेल में बंद हैं. अब जमानत मिलने के साथ उनकी रिहाई का रास्ता साफ हो गया है.
कानपुर के सीसामऊ सीट से पूर्व विधायक इरफान सोलंकी के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट में मुकदमा दर्ज है. इस केस में उन्हें मुख्य आरोपी बनाया गया था. इससे पहले 2 सितंबर को अदालत ने उनकी जमानत पर फैसला सुरक्षित रख लिया था. वहीं अब उनकी जमानत मंजूर कर ली गई है. वह फिलहाल, महाराजगंज जेल में बंद हैं.
सरकारी वकील ने जमानत का किया विरोध
इलाहाबाद हाईकोर्ट में गुरुवार को एक साथ तीनों आरोपियों की जमानत याचिका पर सुनवाई की गई. सभी पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने इरफान सोलंकी, रिजवान सोलंकी और इसराइल आटेवाला को जमानत दे दी. कोर्ट में इरफान सोलंकी की ओर से अधिवक्ता इमरान उल्लाह ने उनका पक्ष रखा था.
सोलंकी के वकील ने तर्क दिया कि इस मामले में सभी आरोपियों को जमानत मिल चुकी है. ऐसे में समानता के सिद्धांत पर सोलंकी समेत तीनों आरोपियों को भी जमानत मिलनी चाहिए. वहीं, यूपी सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने इसका विरोध किया. उन्होंने कहा कि इरफान मुख्य आरोपी हैं, जमानत नहीं दी जाए.
आगजनी केस में 7 साल की हुई थी सजा
हालांकि, कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद तीनों की जमानत अर्जी मंजूर कर ली. इरफान सोलंकी पर गैंगस्टर एक्ट के अलावा, आगजनी और अन्य गंभीर आरोप भी लगे हैं, जिनमें उन्हें पहले ही सजा सुनाई जा चुकी है. MP-MLA कोर्ट ने जाजमऊ आगजनी केस में सोलंकी को 7 साल की सजा सुनाई थी.
अजमेर में जन्म, विरासत में मिली राजनीति
इरफान सोलंकी का जन्म राजस्थान के अजमेर में 5 जून, 1979 को हुई थी. उनके पिता हाजी मुश्ताक सोलंकी मुलायम सिंह यादव के करीबी थे. उन्होंने ही अपनी विरासत इरफान को सौंपी थी. इरफान सोलंकी इसके बाद कुल 17 साल विधायक रहें. यहां तक की मोदी लहर में भी वह जीतते रहें.
उन्होंने पहली बार सपा के टिकट पर 2007 में कानपुर के आर्य नगर सीट से चुनाव लड़ा. जिसमें वह जीतने में सफल भी रहे थे. इसके बाद सीसामऊ सीट से 2012 और 2017 में भी वह जीते. आखिरी चुनाव भी उन्होंने साल 2022 में सीसामऊ सीट से जीते थे. वहीं, अब हाईकोर्ट से जमानत मिलने के वह करीब 24 महीने बाद जेल से बाहर आ सकते हैं.