न राशन, न दवा, एक महीने से फंसे हैं 1500 लोग… बाढ़ के कहर से टापू बना ये गांव

झांसी के पचवई गांव में सिजार नदी कहर ढहा रही है. बाढ़ के चलते हालात ये हैं कि 1500 लोग एक महीने से गांव में ही फंसे हैं. गांव में न राशन पहुंच पा रहा है, न ही इलाज मुहैया हो पा रहा है और न ही स्कूल खुल रहे हैं.

बाढ़ के हालात

उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र का झांसी जिला इस वक्त बड़े पैमाने पर बाढ़ के संकट से जूझ रहा है. मऊरानीपुर तहसील के पचवई गांव में सिजार नदी ने ऐसा कहर बरपाया है कि गांव की करीब 1500 आबादी पिछले एक महीने से बाहर नहीं निकल पा रही है. आलम ये है कि इन लोगों को रोजमर्रा की जरूरत की चीजें भी नसीब नहीं हो पा रही हैं. यहां की जो तस्वीरें सामने आई हैं, ये काफी परेशान करने वाली हैं. गांववालों का कहना है कि उन तक कोई मदद नहीं पहुंच पा रही है, जिसके चलते वे खासा परेशान हैं.

कट चुका है गांव से कनेक्शन

इस गांव को जोड़ने वाला रिपटा पुल, बाढ़ के चलते डूब चुका है. नदी का जलस्तर 16 फीट तक पहुंच गया है, जिससे गांव का बाहरी इलाके से कनेक्शन पूरी तरह कट चुका है. हालात ये हैं कि न तो बच्चे स्कूल जा पा रहे हैं और न ही शिक्षक गांव पहुंच पा रहे हैं. आलम ये है कि प्राथमिक विद्यालय के गेट पर ताले लटक रहे हैं. इसके चलते बच्चों को खासा नुकसान हो रहा है.

जान जोखिम में डालकर नदी पार करने को मजबूर

इसके अलावा सबसे बड़ी समस्या ये है कि गांव में न राशन पहुंच रहा है और न ही पीने का पानी. गांववालों का कहना है कि इसके चलते चूल्हा जलना मुश्किल हो गया है. बीमारी की हालत में इलाज भी मिलना मुश्किल है. जरूरी चीजे लाने के लिए लोग अपनी जान जोखिम में डालकर नदी पार करने को मजबूर हैं.

ग्रामीणों की मानें तो उन्होंने सीएम हेल्पलाइन, जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधियों तक भी अपनी समस्या को लेकर कई बार शिकायत की है, लेकिन अब तक कोई ठोस राहत नहीं पहुंचाई गई है. उनका कहना है कि उनके लिए न तो नाव भेजी गई है और न ही राहत सामग्री पहुंचाई गई है.