एंकर कनिका ने ही ली थी CNN न्यूज के मालिक की जान, पत्रकार बृजेश गुप्ता हत्याकांड में 16 साल बाद मिला न्याय

कानपुर के पत्रकार बृजेश गुप्ता हत्याकांड में 16 साल बाद न्याय मिल गया है. इस मामले में कोर्ट ने एंकर कनिका ग्रोवर और उसके दो भाइयों सहित एक रिश्तेदार को आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई है. कनिका और उसके भाइयों ने पिता की गिरफ्तारी और नौकरी से निकालने का बदला लेने के लिए इस वारदात को अंजाम दिया था.

कानपुर कोर्ट

उत्तर प्रदेश में कानपुर के बहुचर्चित पत्रकार बृजेश गुप्ता हत्याकांड में 16 साल चले कानूनी जंग का अब पटाक्षेप हो गया है. कानपुर की कोर्ट ने इस वारदात के लिए बृजेश गुप्ता की साथी एंकर कनिका ग्रोवर को जिम्मेदार ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. कनिका के साथ ही उसके भाइयों सन्नी और मन्नी तथा रिश्तेदार सुरजीत सिंह को भी उम्रकैद की सजा हुई. इस मामले की सुनवाई जिला अदालत में अपर सत्र न्यायाधीश (एडीजे)-19 की कोर्ट में हुई. मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने सबूत मिटाने के आरोप में राजीव कुमार उर्फ बंटी को दोषी मानते हुए पांच वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है.

केस डायरी के मुताबिक यह वारदात जून 2009 की है. उस समय कानपुर के बाबूपुरवा में रहने वाले सीएनएन न्यूज चैनल के संचालक बृजेश गुप्ता की निर्मम हत्या कर दी गई थी. उनके भाई प्रभात गुप्ता ने वारदात के दिन यानी 13 जून की शाम करीब साढ़े चार बजे बृजेश को गौशाला चौराहे के पास देखा था. पुलिस और कोर्ट को दिए बयान में प्रभात ने बताया था कि उस समय बृजेश की की कार में एंकर कनिका ग्रोवर, उसके भाई सन्नी, मन्नी और सुरजीत सिंह सवार थे. पूछने पर बृजेश ने बताया था कि वह कनिका को घर छोड़ने जा रहे हैं.

लावारिश हाल में मिला था शव

प्रभात ने बताया कि वहां से जाने के बाद वह कभी वापस नहीं आए. अगले दिन 14 जून को बृजेश की कार लावारिश हाल में मिली थी और गाड़ी में पिछली सीट पर बोरे में बंधा शव पड़ा था. उस समय बृजेश की रिवॉल्वर और पांचों अंगूठियां भी गायब थीं. इस संबंध में प्रभात ने गोविंद नगर थाने में कनिका, सन्नी, मन्नी, उनकी मां अल्का ग्रोवर, सुरजीत सिंह और बंटी उर्फ राजीव कुमार के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था.पुलिस की जांच में पाया गया कि बृजेश की हत्या कनिका के घर में हुई. जहां से पुलिस ने चाकू, सुम्मी (एक प्रकार का हथियार) और हथौड़ा आदि बरामद किया था.

ये थी वारदात की वजह

पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने बताया था कि कनिका के पिता को चरस तस्करी में बर्रा पुलिस ने अरेस्ट कर जेल भेज दिया था. आरोपियों को शक था कि यह इनपुट बृजेश ने ही पुलिस को दिया था. यही नहीं, पिता की गिरफ्तारी के बाद कनिका को बृजेश ने नौकरी से भी निकाल दिया था. कोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान हत्या की वारदात में कनिका, सन्नी, मन्नी और सुरजीत को दोषी पाया गया, वहीं उनके रिश्तेदार बंदी को सबूत नष्ट करने का दोषी पाया गया. हालांकि कनिका की मां अल्का ग्रोवर के खिलाफ पर्याप्त सबूत न होने की वजह से उसे बरी कर दिया गया.