अखिलेश दुबे के खिलाफ लामबंद हुए पीड़ित, बनाया गठबंधन; बोले- बुलडोजर कब चलेगा?
कानपुर जेल में बंद अखिलेश दुबे के खिलाफ पीड़ितों ने कानूनी लड़ाई के लिए गठबंधन बनाया है. पीड़ितों ने सरकार से जांच में तेजी और कड़ी कार्रवाई की मांग की. दुबे सिंडीकेट पर रंगदारी, झूठे रेप केसों में फंसाने और सरकारी जमीनों पर कब्जे जैसे दर्जनों आरोप हैं. पीड़ितों ने बुलडोजर कार्रवाई की मांग की.
कानपुर जेल में बंद अखिलेश दुबे के खिलाफ पीड़ितों ने एक गठबंधन बनाया है. गुरुवार को सभी ने एकजुट होकर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की. इस दौरान पीड़ितों ने जांच में तेजी लाने की मांग की. साथ ही कहा कि आरोपी पर पुलिस ने कुछ मामले दर्ज किए हैं, लेकिन अभी कई लंबित हैं. उनके साथ में कुछ अधिवक्ता और कांग्रेसी भी साथ खड़े नजर आए.
राजनीति गलियारों में तो पार्टियों का गठबंधन देखने को मिलता ही रहता है, लेकिन किसी आरोपी के खिलाफ पीड़ितों का गठबंधन पहली बार देखने को मिला. अखिलेश दुबे जेल में है और उनके ऊपर रंगदारी मांगने, फर्जी रेप का मुकदमा लिखाने समेत कई आरोप है. पीड़ितों ने गठबंधन बनाकर निष्पक्ष जांच और कड़ी कार्रवाई की अपील की है.
शासन का बुलडोजर क्यों नहीं चल रहा है.?
आरोपी अखिलेश दुबे से पीड़ित लोगों ने सिविल लाइंस स्थित रेस्टोरेंट में एकजुट हुए थे. जहां सभी ने कानूनी लड़ाई के लिए आवाज बुलंद की. इस दौरान सभी पीड़ितों ने कानपुर पुलिस की तारीफ भी की. उनका कहना है कि पुलिस आयुक्त अखिल कुमार की वजह से इतनी बड़ी कार्यवाही हो पाई है, लेकिन अन्य विभाग जांच में सहयोग नहीं कर रहे है.
पीड़ितों का कहना है कि अभी तक आरोपी के अवैध कब्जों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं हुई? पूर्व विधायक और कांग्रेस नेता भूधर नारायण मिश्रा और अधिवक्ता आशीष शुक्ला ने कहा कि आरोपी ने सरकारी पार्कों और जमीन पर कब्जा कर रखा है. उसके कब्जे वाली सरकारी जमीनों पर शासन का बुलडोजर क्यों नहीं चल रहा है.?
कई लोगों को झूठी रेप केस में फंसाया गया
पीड़ितों का कहना है कि आज तक दुबे के खिलाफ मात्र 5 एफआईआर दर्ज हुईं हैं. जबकि दर्जनों पीड़ितों ने तहरीरें दी हैं. आरोप लगाया गया कि दुबे सिंडीकेट ने सैकड़ों निर्दोष लोगों को झूठी रेप समेत अन्य गंभीर धाराओं में फंसाकर ब्लैकमेल किया, करोड़ों की सरकारी और निजी संपत्तियों पर कब्जा कर अवैध रूप से स्कूल, गेस्ट हाउस आदि संचालित किए.
हालांकि कई पीड़ितों का यह भी मानना था कि अखिलेश दुबे भले ही जेल में हो लेकिन उसका रसूख कम नहीं हुआ है. भूधर नारायण मिश्रा ने कहा कि यह मामला सिर्फ व्यक्तिगत नहीं है, बल्कि समाज के भ्रष्टाचार और प्रशासनिक लापरवाही का प्रतीक बन चुका है. उन्होंने सरकार से अपील की कि जल्द से जल्द सभी आरोपों पर सख्त कदम उठाया जाए.