कानपुर का ‘अमात्यराक्षस’ अरेस्ट, विषकन्या भेजने का आरोप; पूछताछ में किए कई बड़े खुलासे; रेट भी बताया

कानपुर पुलिस ने व्यापारियों को निशाना बनाकर उन पर झूठे रेप केस दर्ज कराने और रंगदारी वसूलने वाले गैंग का खुलासा किया है. गिरोह का मास्टरमाइंड वकील अखिलेश दुबे पहले ही गिरफ्तार हो चुका है. अब पुलिस ने विषकन्या उपलब्ध कराने वाले शैलेंद्र उर्फ टोनू को भी दबोच लिया है. पुलिस की पूछताछ में शैलेंद्र ने कई अहम खुलासे किया हैं.

विषकन्या उपलब्ध कराने वाला टोनू अरेस्ट Image Credit:

इतिहास के पन्नों में आपने विषकन्याओं के बारे में खूब पढ़ा होगा. चंद्रगुप्त मौर्य को मारने के लिए अमात्यराक्षस ने एक विषकन्या भेजा था, यह एक चर्चित प्रसंग है. कानपुर पुलिस ने एक ऐसे ही अमात्यराक्षस को दबोच लिया है. यह अमात्यराक्षस लोगों के खिलाफ रेप के मुकदमे दर्ज कराकर रंगदारी वसूलने वाले गिरोह का सदस्य है. पुलिस पहले इस गिरोह के मास्टरमाइंड और वकील अखिलेश दुबे को सलाखों के पीछे पहुंचा चुकी है.

पुलिस के मुताबिक अखिलेश दुबे व्यापारियों, कारोबारियों या पूंजीपतियों को चुनकर टारगेट सेट करता था. फिर उस टारगेट पर विषकन्याओं को भेजने और पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराने की जिम्मेदारी इस अमात्यराक्षस शैलेंद्र उर्फ टोनू की होती थी. शैलेंद्र भी वकील है और अखिलेश के साथ ही प्रेक्टिस करता था. पुलिस की हिरासत में शैलेंद्र उर्फ टोनू ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए. उसने बताया कि नाबालिग लड़कियों और महिलाओं को झांसा देकर बुलाता था और मुकदमा दर्ज कराने के बाद उन्हें गायब करा देता था.

बीजेपी नेता को फंसाने की कहानी बताई

शैलेंद्र ने पुलिस की पूछताछ में बताया कि भाजपा नेता रवि सतीजा को उसने ही झूठे रेप केस में फंसाया था. रवि से इन लोगों ने 50 लाख रुपये की रंगदारी मांगी थी. हालांकि यह मामला उल्टा पड़ गया और रवि सतीजा ने छह अगस्त को उल्टा गिरोह के मास्टरमाइंड अखिलेश दुबे, उसके सहयोगी लवी मिश्रा, अभिषेक बाजपेई, शैलेंद्र यादव उर्फ टोनू और विमल यादव समेत अन्य लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दिया.

बताए विषकन्याओं के रेट

शैलेंद्र पुलिस की पूछताछ में विषकन्याओं के रेट भी बताए हैं. कहा कि उन्हें उनके काम के हिसाब से पैसा दिया जाता था. यदि टारगेट छोटा है तो कम से कम 5 हजार रुपये दिए जाते थे. वहीं बड़ा शिकार फंसने पर उन्हें 50 हजार तक का भुगतान किया जाता था. ये विषकन्याएं केवल मुकदमा दर्ज होने तक ही नजर आती थीं, उसके बाद इन्हें गायब करा दिया जाता था. रवि सतीजा केस में पुलिस ने अब तक वकील अखिलेश दुबे और लवी मिश्रा को जेल भेज चुकी है और अब शैलेंद्र यादव को जेल भेजा गया है. वहीं पुलिस ने इस खेल में शामिल कुछ विषकन्याओं की भी पहचान कर ली है.

ऐसे बनाया गिरोह

पुलिस की पूछताछ में शैलेंद्र ने बताया कि वह मूलरूप से शिवराजपुर के सखरेज गांव का रहने वाला है. फिलहाल वह बर्रा के सचान चौराहा स्थित सोना मेंशन में रह रहा था. साल 2012 में उसके मामा जयहिंद यादव की हत्या हुई थी. उस मामले में आरोपी दिनेश सिंह बरी हो गया था. शैलेंद्र के मुताबिक इस मामले की पैरवी के लिए वह 2013 में वह वकील अखिलेश दुबे के पास आया करता था. बाद में दोनों ने मिलकर गिरोह बना लिया.