लखनऊ को यूपी का ‘नया नोएडा’ बनाने की तैयारी; बदलेगी राजधानी की तस्वीर, जानें क्या है प्लान
योगी सरकार लखनऊ को औद्योगिक केंद्र बनाने और पांच आस-पास के जिलों से जोड़ने की योजना बना रही है. इसके लिए 100 किमी मेट्रो नेटवर्क के विस्तार और 200 किमी के रैपिड रेल नेटवर्क के निर्माण का प्रस्ताव है. यह परियोजना दिल्ली-एनसीआर की तर्ज पर है और इससे लखनऊ और आसपास के क्षेत्रों के आर्थिक विकास में तेज़ी आएगी.

लखनऊ को यूपी का नया नोएडा बनाने की तैयारी है. योगी सरकार की लखनऊ को औद्योगिक हब के रूप में डेवलप करने और पांच जिलों से इसको जोड़ने की तैयारी है. इसके लिए 10 सालों का लक्ष्य बनाया गया है. सरकार के इस नए प्लान से राजधानी लखनऊ की तस्वीर बदल जाएगी. वहीं, उत्तर प्रदेश स्टेट कैपिटल रीजन (SCR) में शामिल अन्य 5 जिलों को भी इसका सीधा लाभ मिलेगा.
यह परियोजना दिल्ली-एनसीआर की तर्ज पर है और इससे लखनऊ और आसपास के क्षेत्रों के आर्थिक विकास में तेज़ी आएगी. इसके तहत राजधानी में मेट्रो और आसपास के पांच जिलों में रैपिड रेल ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम लागू किया जाए. अभी लखनऊ में 29 किमी का मेट्रो नेटवर्क है, इसको बढ़ाकर 100 किमी तक करने की योजना है. जबकि रैपिड रेल ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम के जरिए अगले दस सालों में 200 किलोमीटर का नेटवर्क स्थापित करने की योजना है.
21 सदस्यीय कार्यकारी समिति हो चुकी गठित
मेट्रो और रैपिड रेल में अंतर स्पीड को लेकर होता है. मेट्रो की स्पीड जहां 80 किमी /घंटे की होती है. वहीं, रैपिड रेल की गति 140 से 180 किमी /घंटे तक की होती है. स्टेट कैपिटल रीजन दिल्ली एनसीआर की तर्ज पर एससीआर स्थापित होना है. यूपी कैबिनेट से प्रस्ताव पारित हो चुका है. लखनऊ, रायबरेली, उन्नाव, सीतापुर, हरदोई और बाराबंकी स्टेट कैपिटल रीजन में शामिल होंगे. जिसकी अधिसूचना राज्य सरकार ने कैबिनेट के माध्यम से जारी की है.
लखनऊ में प्रस्तावित एससीआर प्रोजेक्ट पर उत्तर प्रदेश स्टेट कैपिटल रीजन डेवलपमेंट अथॉरिटी (UPSCRDA) काम कर रही है. इस अथॉरिटी के चेयरमैन खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ है. इस अथॉरिटी में उपाध्यक्ष मुख्य सचिव हैं. इनके अलावा 21 सदस्यीय कार्यकारी समिति भी गठित हो चुकी है. इसमें नगर विकास, लोक निर्माण, परिवहन और अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों को शामिल किया गया हैं.
8 नए मार्गों का प्रस्ताव सरकार को सौंपा गया
लखनऊ से आसपास के जिलों को जोड़ने के लिए UPMRC ने 8 नए मार्गों का प्रस्ताव सरकार को सौंपा है. इन रूटों की कुल लंबाई 127.74 किलोमीटर होगी. इनमें मुंशीपुलिया से जानकीपुरम 6.29 किमी, राजाजीपुरम से आईआईएम 18.42 किमी, इंदिरानगर से अनौरा कला 9.27 किमी, अनौरा कला से बाराबंकी 14 किमी, चारबाग से कल्ली पश्चिम 13 किमी, इंदिरानगर से सीजी सिटी 7.7 किमी, सीजी सिटी से अमौसी एयरपोर्ट 19.08 किमी, कल्ली पश्चिम से मोहनलालगंज 6.0 किमी तक शामिल हैं.
राजधानी को बाकी जिलों से जोड़ने का चौतरफा लाभ मिलेगा. इससे लखनऊ शहर पर अनावश्यक दबाव घटेगा, आस पास के जिलों में आर्थिक संवृद्धि आएगी और लोगों को सार्वजनिक परिवहन का एक बेहतर और सुलभ विकल्प मिलेगा. बाराबंकी, उन्नाव, हरदोई और सीतापुर जैसे छोटे शहरों में व्यापार और निवेश पहुंचेगा. इससे उत्तर प्रदेश की वन ट्रिलियन इकॉनमी का लक्ष्य भी पूरा होगा.
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