कंपनी से रिश्वत मांगने में हुआ था निलंबन, IAS अभिषेक प्रकाश के सस्पेंशन बढ़ाने की तैयारी

उत्तर प्रदेश में रिश्वत लेने के आरोप में पहले से सस्पेंड आईएएस ऑफिसर अभिषेक प्रकाश के निलंबन को बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार की मंजूरी मांगी है. 6 महीने से ज्यादा निलंबन के समय को करने के लिए केंद्र सरकार के पास प्रस्ताव भेजा जाता है.

आईएएस अभिषेक प्रकाश Image Credit:

उत्तर प्रदेश में निवेश करने वाली एक कंपनी से रिश्वत मांगने के आरोपों में निलंबित आईएएस अधिकारी अभिषेक प्रकाश की बहाली में अभी और देरी हो सकती है. सूत्रों के मुताबिक, राज्य सरकार ने उनके निलंबन के समय को एक साल तक बढ़ाने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा है. इस मामले में हाल ही में मुख्य सचिव दीपक कुमार की अध्यक्षता में हुई बैठक में निलंबन के समय को बढ़ाने पर सहमति बनी.

अभिषेक प्रकाश को 20 मार्च 2025 को रिश्वत मांगने के आरोपों में निलंबित किया गया था. उनकी निलंबन अवधि 20 सितंबर 2025 को छह महीने पूर्ण कर लेगी. सामान्यतः किसी आईएएस अधिकारी का निलंबन छह महीने तक रहता है, जिसके बाद बहाली की प्रक्रिया शुरू हो जाती है. हालांकि, गंभीर मामलों में राज्य सरकार निलंबन की अवधि को एक साल तक बढ़ा सकती है, और इससे ज्यादा की अवधि के लिए केंद्र सरकार की अनुमति आवश्यक होती है.

जांच और चार्जशीट का दौर

नियुक्ति विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, अभिषेक प्रकाश के मामले में जांच अभी भी जारी है. इस कारण निलंबन के समय को बढ़ाने का फैसला लिया गया है. अभिषेक प्रकाश को रिश्वत मांगने के आरोपों में चार्जशीट दी जा चुकी है, और उन्होंने चार्जशीट में उठाए गए सभी बिंदुओं का जवाब भी दे दिया है. नियुक्ति विभाग इन जवाबों का परीक्षण कर रहा है. इसके अलावा, अभिषेक प्रकाश पर भटगांव जमीन अधिग्रहण घोटाले में भी आरोप हैं. राजस्व परिषद के तत्कालीन चेयरमैन रजनीश दुबे की जांच रिपोर्ट के आधार पर उन पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं. रिपोर्ट के अनुसार, लखनऊ के सरोजिनी नगर तहसील के अंतर्गत भटगांव में जमीन अधिग्रहण घोटाले के दौरान अभिषेक प्रकाश क्रय समिति के अध्यक्ष थे.

सौर ऊर्जा कंपनी से रिश्वत लेने के आरोप

अभिषेक प्रकाश पर सौर ऊर्जा उपकरण बनाने वाली एक कंपनी से रिश्वत मांगने का आरोप है. इन आरोपों के आधार पर उनकी छवि को गंभीर नुकसान पहुंचा है. निलंबन के बाद से इस मामले में जांच चल रही है, और राज्य सरकार का कहना है कि जांच पूरी होने तक निलंबन जारी रखना उचित है.

क्या कहते हैं नियम?

नियुक्ति विभाग के सूत्रों के अनुसार, किसी आईएएस अधिकारी को छह महीने से ज्यादा समय तक निलंबित रखने के लिए केंद्र सरकार की मंजूरी जरूरी होती है. राज्य सरकार ने अपनी रिपोर्ट में इस बात का उल्लेख किया है कि अभिषेक प्रकाश के खिलाफ जांच अभी पूरी नहीं हुई है और इसलिए निलंबन की सीमा को बढ़ाने की आवश्यकता है.

केंद्र सरकार को भेजी गई रिपोर्ट के आधार पर ही अभिषेक प्रकाश के निलंबन की अवधि बढ़ाने का अंतिम फैसला लिया जाएगा. इस मामले में जांच की प्रगति और अभिषेक द्वारा दिए गए जवाबों का परीक्षण महत्वपूर्ण होगा. यदि केंद्र सरकार निलंबन अवधि बढ़ाने की मंजूरी देती है, तो अभिषेक प्रकाश की बहाली में और देरी हो सकती है. यह मामला उत्तर प्रदेश की नौकरशाही में चर्चा का विषय बना हुआ है और इसकी प्रगति पर सभी की नजरें टिकी हैं.