नीट में दाखिले के नाम पर 100 करोड़ की ठगी, कम मार्क्स वाले छात्रों को बनाते थे शिकार; ऐसे पकड़े गए जालसाज

लखनऊ पुलिस ने NEET में दाखिले के नाम पर 100 करोड़ रुपये से भी अधिक की ठगी का खुलासा किया है. बिहार से आए जालसाजों ने उत्तर प्रदेश में अपना जाल बिछाया, कम अंक वाले छात्रों को मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश दिलाने का झांसा दिया. लखनऊ पुलिस ने इस साइबर ठगी नेटवर्क के दो मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने एक कॉल सेंटर चलाकर छात्रों से धोखाधड़ी की.

लखनऊ पुलिस की गिरफ्त में जालसाज Image Credit:

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की पुलिस ने साइबर ठगों के एक बड़े नेटवर्क का खुलासा किया है. इस नेटवर्क से जुड़े ठग मेडिकल कोर्स में दाखिले के नाम पर छात्रों और उनके परिजनों को फंसाते थे और फिर उनसे रुपये ऐंठने के बाद फरार हो जाते थे. इन ठगों ने अकेले लखनऊ में ही 100 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी को अंजाम दिया है. वहीं इनके तार उत्तर प्रदेश के अलावा कई अन्य राज्यों में भी फैले पाए गए हैं. लखनऊ में साइबर थाने की क्राइम टीम ने इस गिरोह के दो जालसाजों को धर दबोचा है.

पुलिस इन पकड़े गए जालसाजों के साथियों की पहचान और गिरफ्तारी के लिए दबिश तेज कर दी है. लखनऊ के डीसीपी क्राइम कमलेश दीक्षित के मुताबिक इन जालसाजों को कठौता झील के पास से गिरफ्तार किया गया है. इनकी पहचान औरंगाबाद बिहार के रहने वाले अभिनव शर्मा और समस्तीपुर बिहार के रहने वाले संतोष कुमार के रूप में हुई है. उन्होंने बताया कि इस गिरोह के जालसाज योजनावद्ध तरीके से अपने शिकार की तलाश करते थे. ये लोग उन छात्रों को टारगेट करते थे, जिनके मार्क कम होने की वजह से मेडिकल कोर्स में दाखिला नहीं मिल पता है.

ऐसे करते थे ठगी

पुलिस के मुताबिक आरोपियों ने अपना एक कॉलसेंटर खोल रखा था. यहीं से ये कम मार्क्स वाले छात्रों और उनके अभिवावकों को कॉल करते थे. फिर उन्हें बुलाकर अच्छे संस्थान में एडमिशन का झांसा देकर डिमांड ड्राफ्ट, ऑनलाइन, कैश के रूप में रुपये लेते थे.आरोपी यह रकम हिन्द इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस के नाम से लेते थे. इसी संस्थान के नाम से आरोपियों ने अलग अलग बैंकों में खाते खुलवा रखे थे, जिसमें वह डिमांड ड्राफ्ट या चैक जमा करते थे. इसके अलावा इन्हीं खातों में ऑनलाइन ट्रांजेक्शन भी कराते थे. इन खातों में पुलिस ने करोड़ों रुपये का ट्रांजेक्शन पकड़ा है.

ऐसे तलाशते थे शिकार

पुलिस की पूछताछ में इन जालसाजों ने बताया कि मेडिकल कोर्स में दाखिले से वंचित छात्रों की लिस्ट ऑनलाइन कंपनियों से खरीदते थे. इसके बाद इन्हें कॉलसेंटर में बैठकर रैंडम कॉल किया जाता था. 10 छात्रों को कॉल करने पर एक दो छात्र तो उनके झांसे में आ ही जाते थे. इसके बाद ये उन्हें सुनहरे सपनों का झांसा देकर ठगी की वारदातों को अंजाम देते थे. पुलिस के मुताबिक इन जालसाजों ने लखनऊ ही नहीं, कई अन्य राज्यों में भी अपनी कंसल्टेंसी फर्म खोल रखी थी.