यूपी में होगा स्काउट एंड गाइड्स ‘जम्बूरी’, पीएम मोदी करेंगे उद्घाटन… हजारों युवा लेंगे ट्रेनिंग
यूपी में 6 दशक के बाद स्काउट एंड गाइड्स 'जम्बूरी' का आयोजन होने जा रहा है. पीएम मोदी इसका उद्घाटन 24 नवंबर को करेंगे. इसमें देश-विदेश के 32 हजार युवाओं की ट्रेनिंग होगी. इसके लिए राज्य सरकार ने तैयारियां तेज कर दी हैं. सीएम योगी इस पूरे कार्यक्रम की मेजबानी करेंगे.

उत्तर प्रदेश में 61 सालों के बाद ‘भारत स्काउट एंड गाइड्स’ की 19वीं राष्ट्रीय ‘जम्बूरी’ का आयोजन होने जा रहा है. पीएम मोदी 24 नवंबर को इसका उद्घाटन करेंगे. इस कार्यक्रम के तहत लगने वाले शिविर में न केवल देश- विदेश के 32 हजार युवाओं की ट्रेनिंग होगी बल्कि दुनियाभर के कई देशों का भारत के साथ सहयोग भी बढ़ेगा. ये कार्यक्रम 23 से 29 नवंबर तक चलेगा. इसके लिए लखनऊ की वृंदावन योजना में एक टेंट सिटी बसाई जाएगी.
CM योगी करेंगे मेजबानी
सीएम योगी के निर्देशन में 19वीं राष्ट्रीय जम्बूरी कार्यक्रम की तैयारियां जोरों पर हैं. कार्यक्रम को भव्य बनाने के लिए योगी सरकार ने लखनऊ में विश्वस्तरीय सुविधाओं के साथ गेटेड टेंट सिटी तैयार करने का फैसला किया है. ताकि देश-विदेश से आने वाले हजारों युवा प्रतिभागियों को एक सुरक्षित और सुविधाजनक माहौल मुहैया कराया जा सके. सीएम योगी इस पूरे आयोजन की मेजबानी करेंगे.
कई मंत्री रहेंगे मौजूद
जम्बूरी के आयोजन स्थल पर बनने वाली टेंट सिटी के लिए भूमि पूजन कार्यक्रम 29 सितंबर को होगा. यूपी सरकार के कई मंत्री इस भूमि पूजन कार्यक्रम में शामिल होंगे. कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना, योगेन्द्र उपाध्याय, बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह, मंत्री गुलाब देवी, भारत स्काउट गाइड (उत्तर प्रदेश) के अध्यक्ष डॉ. महेंद्र सिंह और स्टेट चीफ कमिश्नर डॉ. प्रभात कुमार मौजूद रहेंगे. यहां 35 हजार लोगों के लिए आवासीय सुविधा वाली अस्थायी ‘गेटेड टेंट सिटी’ विकसित की जाएगी.
32 हजार युवाओं को ट्रेनिंग
जम्बूरी एक हफ्ते तक चलने वाला ऐसा आयोजन होगा, जिसमें देश-विदेश से आने 32 हजार युवाओं को स्काउट एंड गाइड्स की ट्रेनिंग दी जाएगी. इसमें युवाओं के लिए एडवेंचर, खेलकूद, विज्ञान के साथ- साथ कई सांस्कृतिक गतिविधियां शामिल होंगी. जिससे उनकी क्षमताओं का विकास किया जाएगा.
19वीं राष्ट्रीय जम्बूरी महज एक शिविर नहीं बल्कि नई पीढ़ी को नेतृत्व और सामाजिक जिम्मेदारियां सिखाने का एक बड़ा मंच भी होगा. जिसका मकसद नई पीढ़ी की क्षमताओं में बढ़ोत्तरी करना है.