मेरठ में ज्वैलरी पार्क खोलने वाली यूपी सरकार, 42 एकड़ पर होगा निर्माण, ये है पूरा प्लान
मेरठ में 42 एकड़ में ज्वैलरी पार्क बनने जा रहा है. इससे यहां के ज्वैलरी उद्योग को काफी फायदा होने वाला है. इस पार्क में ज्वैलर्स के लिए ऑफिस, फैक्ट्री और सभी आधुनिक सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी. इससे मेरठ के हजारों कारीगरों को रोजगार मिलने वाला है, तो वहीं एक्सपोर्ट के बढ़ने से सरकार के टैक्स में भी सालाना करीब 2500 करोड़ रुपये की बढ़ोत्तरी होने वाली है.

मेरठ में ज्वैलरी उद्योग को नई पहचान मिलने वाली है. मेरठ विकास प्राधिकरण अब यहां 42 एकड़ की एरिया में ज्वैलरी पार्क बनाने जा रहा है, जिससे पारंपरिक ज्वैलरी कारोबार का संगठित रूप में विकास होने वाला है. मौजूदा समय में मेरठ हाथ से बनी लाइट वेट ज्वैलरी के लिए एशियाभर में जाना जाता है. इस पार्क के जरिए सरकार मेरठ को बड़े पैमाने पर गोल्ड मैन्यूफैक्चरिंग हब बनाने की तैयारी कर रही है.
गलियों में होता है कारोबार
अभी तक मेरठ में ज्वैलरी का कारोबार तंग गलियों में होता है, जिससे ग्राहकों और व्यापारियों, दोनों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. ऐसे में ज्वैलर्स के लिए एक अलग और आधुनिक सुविधाओं वाली जगह की मांग लंबे समय से की जा रही थी, जिसे अब सरकार की तरफ से ज्वैलरी पार्क के रूप में मंज़ूरी मिल गई है.
आधुनिक सुविधाओं का पूरा ध्यान
ये पार्क इकोफ्रेंडली ग्रीन बिल्डिंग की तर्ज पर बनाया जाएगा. बनने वाली इस 5 मंजिला इमारत में आधुनिक सुविधाओं का पूरा ख्याल रखा जाएगा. इसमें एंट्री गेट, बैंक, कस्टम ऑफिस, पावर बैकअप, एयर पाइप लाइन, गोल्ड लॉकर रूम जैसी सुविधाएं होंगी. गाड़ियों के लिए बेसमेंट पार्किंग की व्यवस्था की जाएगी. ये पार्क करीब 2000 ज्वैलर्स, 30,000 कारीगर, 2000 सप्लायर, और 200 होलसेलर्स की क्षमता को ध्यान में रखकर तैयार किया जाएगा.

सरकार को भी मिलेगा फायदा
इस परियोजना से सिर्फ मेरठ ही नहीं, पूरे प्रदेश और देश की इकोनॉमी को फायदा मिलने वाला है. बड़े पैमाने पर ज्वैलरी एक्सपोर्ट जो अभी दिल्ली से होता है, वो सीधे मेरठ से भी हो पाएगा. एक अनुमान के मुताबिक इससे सरकार को सालाना करीब 2500 करोड़ रुपये टैक्स के रूप में मिल सकते हैं.
जमीन सर्वे का काम हुआ पूरा
इसे लेकर जमीन के सर्वे का काम पूरा हो चुका है. यहां के व्यापारियों का कहना है कि उन्हें जमीन इंडस्ट्रियल रेट पर दी जाए. अगर ये योजना एमएसएमई क्लस्टर स्कीम के तहत आती है, तो उन्हें सरकार से अनुदान भी मिल सकता है. फिलहाल इस पार्क के बनने से मेरठ को काफी फायदा होने वाला है.