‘पापा कब आएंगे’… ई-रिक्शा चलाने वाले मेरठ के मोहसिन की भी दिल्ली ब्लास्ट में मौत
दिल्ली कार ब्लास्ट में मेरठ के रहने वाले मोहसिन की भी मौत हो गई. वह ई-रिक्शा चलाकर परिवार का पेट पालता था. वह अपने पीछे पत्नी और दो बच्चों को छोड़ गया. फिलहाल, मोहसिन की मौत की खबर मिलते ही उसके परिवार में कोहराम मचा हुआ है.
दिल्ली के लाल किले के पास हुए कार ब्लास्ट में मेरठ के रहने वाले युवक मोहसिन की भी मौत हो गई. परिवार के गुजर-बसर के लिए वह दिल्ली में रहकर ई-रिक्शा चलाता था. इससे वह रोजाना के 500 से 600 रुपये कमा लेता था. जब मोहसिन अपनी सवारी लेकर जा रहा था उसी वक्त एक एक i20 कार में ब्लास्ट हो गया. इसके चपेट में आने के बाद 35 साल के मौसम की दर्दनाक मौत हो गई.
पत्नी और बच्चों के साथ दिल्ली रह रहा था मोहसिन
जानकारी के मुताबिक परिवार में मोहसिन को मिलाकर 5 भाई हैं. सभी मजदूरी करते हैं. मोहसिन की शादी हुए तकरीबन 10 साल हो गए हैं. 2 साल पहले वह मेरठ से दिल्ली अपने कमाने गया था. यहां वह अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ कमाने गया था. ब्लास्ट में मौसम की मौत की खबर सुनते ही परिवार में कोहराम मच गया है. अब बच्चे अपने पिता के बारे में पूछ रहे हैं, उन्हें कौन बताएं कि अब उनके ऊपर से पिता का साया हमेशा के लिए उठ गया है.
मोहसिन के दाफिने को लेकर पैदा हुआ विवाद
बता दें मोहसिन की मौत के बाद उनके परिवार में थोड़ा विवाद की स्थिति हो गई है. दरअसल, मोहसिन की पत्नी और ससुराल के लोग उसका दाफिना दिल्ली में कराना चाह रहे हैं. वहीं, मोहसिन के पिता अपने ही शमशान में उसका दाफिना करना चाहते है. इसी बात को लेकर दोनों परिवार के बीच विवाद हो गया.
पिता हैंडलूम फैक्ट्री में करते हैं काम
मोहसिन के पिता रफीक हैंडलूम की फैक्ट्री में काम करते हैं. रफीक के 11 बच्चे है, जिसमें 6 बेटे और 5 बेटियां हैं. मोहसिन का परिवार मेरठ में किराए के मकान में रहता है. मोहसिन रोज 500 रुपए के करीब कमाते है . परिवार के अन्य सदस्य भी इसी तरह से मजदूरी करते है. पिता और परिवार अब सरकार से मदद की गुजारिश कर रहा है.
फिदायीन अटैक की आशंका
बता दें कि दिल्ली सोमवार यानी 10 अक्टूबर की शाम धमाके से दहल उठी. शाम 6 बजकर 55 मिनट पर लाल किला मेट्रो स्टेशन के बाहर जोरदार विस्फोट हुआ. इसमें 9 लोगों की मौत और 24 के घायल होने की पुष्टि की है. घायलों को लोकनायक जयप्रकाश (LNJP) अस्पताल में भर्ती कराया गया है. आशंका जताई जा रही है कि कार चला रहा शख्स डॉ मोहम्मद उमर था, जो कथित तौर पर फरीदाबाद मॉड्यूल से जुड़ा हुआ था. ऐसे में इसके फिदायीन हमले होने का भी शक बढ़ गया है.
