वोट चोरी पहले छिपकर होती थी, अब खुलेआम… सांसद अफजाल ने अखिलेश की तुलना भगत सिंह से की
उत्तर प्रदेश में गाजीपुर सांसद अफजाल अंसारी ने कहा कि वोटों की चोरी पहले छिपकर होती थी, लेकिन आज तो ये खुलेआम किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि कोई पापी जब एक बार पाप कर लेता है तो उसका हौसला बढ़ जाता है.
उत्तर प्रदेश में राहुल गांधी की ओर से वोट चोरी का आरोप लगाएं जाने पर गाजीपुर सांसद अफजाल अंसारी ने कहा कि यह पहले भी होता रहा है पहले छिपकर होता था लेकिन, जब से 2014 में मोदी और 2017 में योगी जी की सरकार बनी तब से निर्वाचन क्षेत्र में वोट काटते रहे हैं जो बीजेपी के पक्ष में वोट नहीं करते थे. यह कोई चोरी की चीज नहीं है बल्कि यह डकैती की चीज है क्योंकि निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति में प्रधानमंत्री खुद और उन्हीं के मंत्री परिषद का एक सदस्य होगा.
अफजाल अंसारी ने कहा कि पहले छिपकर वोट काटा जाता था लेकिन अब सीनाजोरी की तरह बिहार में 8 करोड़ मतदाताओं के वोट को रिव्यू करने काम किया गया है. उन्होंने कहा कि योजना बद्ध तरीके से काम किया गया इसके लिए लोग सुप्रीम कोर्ट में भी गए. पार्लियामेंट के अंदर और पार्लियामेंट के बाहर विरोध किया और अब निर्वाचन आयोग की बेईमानी भी जाहिर हो रही है. ऐसे में जो 12 विकल्पों को ठुकरा दिए थे अब उन 11 विकल्पों को तो मान लिया है. वहीं अब 12वां विकल्प भी मान लिया है कि अब आधार कार्ड भी आपका माना जाएगा.
अखिलेश यादव ने भी इस मुद्दे को उठाया था
अफजाल अंसारी ने कहा कि अखिलेश यादव ने भी इस मामले को पहले उठाया था तब चुनाव आयोग ने इसे निराधार बताया था और इसका सबूत मांगा था. चुनाव आयोग ने खुद से इस पर कोई एक्शन नहीं लिया था. जब कोई पापी एक सवाल छुपा लेता है तब उसका हौसला बढ़ जाता है और फिर वह बार-बार पाप करता है और उसके बाद उसकी बुद्धि मारी जाती है.
अफजाल अंसारी ने कहा कि इनकी बुद्धि भ्रष्ट हुई थी और बिहार के जनता से यह घबरा गए और उन्होंने वोट चोरी का रास्ता अपना लिया. पहले इन्होंने महाराष्ट्र में 60 लाख नए मतदाता जोड़ दिए थे और बिहार में बचने के लिए 65 लाख मतदाताओं का नाम काट दिया गया.
जनता का विरोध इस बात का होना चाहिए की लिस्ट मत सुधारो बल्कि उसे कानून की बात करो जैसे किसानों के खिलाफ तीन कानून आए थे और जनता लाम बंद हुई और तीनों कानून काले कानून वापस हुए. यह महा काला कानून है इसे वापस होना चाहिए.
पूजा पाल पर क्या बोले?
समाजवादी पार्टी दरिया दिल वाली पार्टी है सपा के सिंबल से जीते हुए कई विधायकों ने राज्यसभा के चुनाव में भाजपा के पक्ष में वोट कर दिया था समाजवादी पार्टी ने कई सालों तक उनके लिए कोई कलम नहीं चलाया. लेकिन, कई सालों के बाद उन्हें पार्टी से निष्कासित किया. वे लोग अब खुश हैं कि हम निष्कासित हो गए और आजाद हो गए.
वहीं पूजा पाल के निष्कासन पर उन्होंने कहा कि उन्हें इस बारे में पता नहीं है लेकिन जो नेतृत्व का जो फैसला है वह सही है. मुख्तार अंसारी की मौत के बाद अब्बास को जेल और फिर सदस्यता खत्म और अब उमर अंसारी को जेल देने पर भी अफजाल अंसारी ने अपनी बात कही. अफजाल अंसारी ने कहा कि जब जुल्म हद से बढ़ जाता है तब उसका अंत भी होता है निश्चित रूप से मुख्तार अंसारी को पहले से प्लानिंग के तहत उन्हें मारा गया.
अब्बास अंसारी सरकार के मुखिया के खिलाफ भारी बहुमत से चुनाव जीतकर गए थे, जो सरकार को खल रहा था. भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगाकर मुकदमा दर्ज किया गया और फिर उन्हें जेल भेज दिया गया. देश के नागरिक की कहीं भी उम्मीद जीवित है तो उसे अपने न्यायपालिका पर भरोसा है उनके अगेंस्ट में फैसला आया अब उच्च न्यायालय में सुनवाई पूरी हो चुकी है. जजमेंट रिजर्व है दो-चार दिन के बाद फैसला सामने आ जाएगा.
उमर अंसारी अपने भाई अब्बास की पैरवी करने वाला था. ऐसे में उन्हें बुराई के खिलाफ खड़े भी होना है और लड़ना भी है तो इस तरह के जोखिम सामने आएंगे. यह सबके सामने नहीं आएंगे लेकिन, इससे यह बेईमान डरते हैं सरकार में बैठे हुए घूसखोर अधिकारी सरकार में बैठे हुए पापी मानसिकता के नेता जिससे डरते हैं उसके विरुद्ध घात करते हैं.
मुझे शपथ नहीं लेने दिया गया
सांसद अफजाल अंसारी ने कहा कि हमारे साथ भी तो यही हुआ था सजा भी कर दी गई और जश्न मनाया गया लेकिन, मैं अपील में गया और इसी भारत में हमें न्याय मिला. और मैं जब दोबारा जीत कर गया तो सभी सांसदों ने शपथ ले लिया है लेकिन हम तीन सांसदों को शपथ नहीं लेने दिया गया. मैं हाउस में होने के बावजूद भी शपथ नहीं लेने दिया गया. हमें अपने न्यायपालिका और संविधान पर गर्व है.
उमर को मुकदमे में फसने और बृजेश को चुनाव मैदान में लाने के सवाल पर कहां की सरकार उन्हें शंकराचार्य घोषित कर दे मुख्तार को आईएस 191 बैंक का सदस्य घोषित कर दिया. लेकिन, सरकार बताएं कि उसके गैंग का क्या नाम है जिसके सरगना बृजेश सिंह है.
अखिलेश की तुलना भगत सिंह से
इस दौरान उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव ने पोंटी चड्ढा जैसे लोगों का करोड़ अरबों रुपए के कर्ज जो देनदारी थी. जिसे सरकार को वसूलना था उन्होंने उसे माफ कर दिया वह राशि 50000 करोड़ से भी ज्यादा है. अखिलेश यादव ने संसद में पुलिस के द्वारा बैरिकेडिंग किए जाने के बाद बैरिकेडिंग से कूद जाने पर उनकी तुलना भगत सिंह से किया.
उन्होंने कहा कि अंग्रेजों के संसद भवन में करवाई चलने के दौरान भगत सिंह ने बम क्यों फेंका था. क्योंकि, किसी को मारने का मकसद नहीं था. वह सिर्फ धुंए वाला था. मकसद था बेईमानों के महफिल में इंकलाब जिंदाबाद करना वही किया है. अखिलेश यादव ने इंकलाब जिंदाबाद बताया है कि बेईमानों के खिलाफ खड़े हो जाओ, जो वोट काटने वालों के खिलाफ खड़े हो जाओ चोरी करने वालों के खिलाफ खड़े हो जाओ.