मुख्तार के बेटे उमर अंसारी को मिली जमानत, HC ने निचली अदालत का फैसला पलटा
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने माफिया मुख्तार अंसारी के छोटे बेटे उमर अंसारी को जमानत दे दी है. उमर पर अपनी मां के फर्जी हस्ताक्षर से जाली दस्तावेज दाखिल करने का आरोप था. पिछले महीने निचली अदालत ने जमानत अर्ज़ी खारिज कर दी थी, लेकिन अब हाईकोर्ट ने उस फैसले को पलट दिया है.

माफिया मुख्तार अंसारी के छोटे बेटे उमर अंसारी को बड़ी राहत मिली है. इलाहाबाद हाई कोर्ट ने शुक्रवार को उन्हें जमानत दे दी, जिससे उनकी जेल से रिहाई का रास्ता साफ हो गया है. उम्मीद है कि उन्हें जल्द ही रिहा कर दिया जाएगा. इससे पहले निचली अदालत ने उनकी जमानत याचिका कर दी थी. जिसके बाद उमर अंसारी ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.
वहीं, इलाहाबाद हाई कोर्ट के जस्टिस डॉ. गौतम चौधरी की सिंगल जज बेंच ने उनकी जमानत अर्जी मंजूर कर ली है. यह मामला मुख्तार अंसारी की पत्नी आफशां अंसारी की 10 करोड़ रुपये की संपत्ति से जुड़ा है. डीएम के आदेश पर इसे गैंगस्टर एक्ट के तहत कुर्क किया गया था. इसे रिलीज कराने के लिए उमर अंसारी ने अपनी मां आफशां के फर्जी हस्ताक्षर कोर्ट में दाखिल किया था.
पुलिस ने 4 अगस्त को किया था गिरफ्तार
उमर अंसारी पर अपनी मां के फर्जी हस्ताक्षर कोर्ट में दाखिल करने का आरोप है. गाजीपुर के मुहम्मदाबाद थाने में 3 अगस्त 2025 को एफआईआर दर्ज कराई गई थी. थानाध्यक्ष मुहम्मदाबाद ने केस दर्ज कराई थी. इसके बाद गाजीपुर पुलिस ने 4 अगस्त को उमर अंसारी को लखनऊ के दारूलशफा से गिरफ्तार किया गया. उन्हें गाजीपुर जेल में रखा गया, बाद में कासगंज भेज दिया गया.
गाजीपुर कोर्ट ने खारिज कर दी थी जमानत
वहीं, 21 अगस्त को गाजीपुर की एडीजे प्रथम कोर्ट ने उमर अंसारी की जमानत अर्जी खारिज कर दी थी. इसके बाद उमर अंसारी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की थी. कोर्ट में सुनवाई के दौरान उमर अंसारी की तरफ से अधिवक्ता उपेन्द्र उपाध्याय ने पक्ष रखा. जबकि राज्य सरकार की तरफ से अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने कोर्ट में बहस किया.
उमर अंसारी के खिलाफ क्या है मामला?
कासगंज जेल में बंद उमर अंसारी के खिलाफ अपनी मां के फर्जी हस्ताक्षर कोर्ट में दाखिल करने का आरोप है. मामला मुख्तार की पत्नी अफ्शां अंसारी की करीब 10 करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी से जुड़ा हुआ है. यह प्रॉपर्टी सदर कोतवाली क्षेत्र के बल्लभ देवढी दास मोहल्ले में स्थित है. डीएम के आदेश पर गैंगस्टर एक्ट की धारा 14(1) के तहत इसे 2021 में कुर्क किया गया था.
इसी कुर्क संपत्ति को रिलीज कराने के लिए उमर अंसारी ने कोर्ट में फर्जी दस्तावेज दाखिल किए गए थे. जांच में पाया गया कि दस्तावेजों पर अफ्शां अंसारी के फर्जी हस्ताक्षर किए गए थे. क्योंकि, अफ्शां अंसारी इन दिनों फरार है उसपर 50 हजार का इनाम है. ऐसे में प्रॉपर्टी मुक्त कराने के लिए उमर अंसारी ने फर्जी हस्ताक्षर से वकालतनामा दाखिल किया था.