UP में यहां फर्जी तरीके बसा दिए गए 400 बांग्लादेशी-रोहिंग्या घुसपैठिए, NIA की जांच में बड़ा खुलासा
रायबरेली में फर्जी जन्म प्रमाण पत्रों के जरिए 400 बांग्लादेशी-रोहिंग्या घुसपैठिओं को बसाने का मामला सामने आया है. यह खुलासा NIA की जांच में हुआ. अब प्रशासन ने जालसाजों और उनका साथ देने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों की तलाश तेज कर दी गई है. इस मामले में जल्द ही कई गिरफ्तारियां होने की संभावना है.
बांग्लादेशी, रोहिंग्या और पाकिस्तानी घुसपैठियों को भारतीय नागरिक बनाने के लिए जालसाजों के खेल की परतें अब खुलने लगी हैं. रायबरेली के सलोन तहसील क्षेत्र के तीन गांवों नुरुद्दीनपुर, लहुरेपुर और गढ़ी इस्लामनगर में कागजों पर ही 400 से ज्यादा परिवार बसा दिए गए. किसी परिवार को 25 बच्चे, तो किसी को 15-11 बच्चे दिखा कर फर्जी जन्म प्रमाणपत्र बनवाए गए.
जांच में खुल गई फर्जीवाड़े की पोल
असल में इन गांवों में न तो ये परिवार रहते हैं और न ही इतनी बड़ी संतान वाला कोई घर है. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के हस्तक्षेप और दबाव के बाद जब गहन जांच शुरू हुई तो फर्जीवाड़े की पोल खुल गई. स्थानीय स्तर पर की गई छानबीन में सैकड़ों जन्म प्रमाणपत्र फर्जी पाए गए. इनमें से अब तक 250 से अधिक प्रमाणपत्रों को बुधवार यानी 10 दिसंबर को निरस्त कर दिया गया. जिला प्रशासन के सूत्रों के मुताबिक कुल 1046 फर्जी जन्म प्रमाणपत्र चिह्नित हो चुके हैं. इन्हें जल्द ही रद्द किया जाएगा.
जालसाजों ने एक परिवार के 25 बच्चे दिखाए. ऐसे ही गायबनुरुद्दीनपुर गांव में आरिफ मलिक नाम के व्यक्ति को 15 बच्चों का पिता दिखाया गया. अजमत अली के नाम 13, इमरान खान के नाम 9 बच्चे दर्ज किए गए. इसी तरह ऐश मोहम्मद, अब्दुल अजीज, अब्दुल अली और अकबर अली जैसे नामों वाले लोगों को इन गांवों का निवासी बताकर दर्जनों बच्चों के फर्जी जन्म प्रमाणपत्र बनवाए गए.
पाए गए 4 बांग्लादेशी और 2 रोहिंग्या घुसपैठिए
जांच टीम जब मौके पर पहुंची तो न तो ये लोग मिले और न ही कोई पड़ोसी उन्हें जानता था. प्रारंभिक जांच में ही चार बांग्लादेशी और दो रोहिंग्या घुसपैठिए इन फर्जी दस्तावेजों के आधार पर भारतीय पहचान पत्र हासिल करने की फिराक में पाए गए.
NIA की सख्ती से खुला मामला
खुफिया एजेंसियों को जब संदिग्ध गतिविधियों की सूचना मिली तो NIA ने स्थानीय प्रशासन पर दबाव बनाया. इसके बाद ग्राम पंचायतों, रजिस्ट्रार कार्यालय और आधार-संबंधी दस्तावेजों की गहन पड़ताल शुरू हुई. फिर जो तथ्य सामने आए, वे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा पैदा करने वाले हैं. जिला पंचायतराज अधिकारी सौम्यशील सिंह ने बताया कि फर्जी जन्म प्रमाणपत्रों को बड़े पैमाने पर निरस्त करने की कार्रवाई चल रही है. सर्वर में बार-बार तकनीकी दिक्कत आ रही है, लेकिन एसआईआर (सिस्टेमेटिक इंफॉर्मेशन रिव्यू) पूरा होते ही कर्मचारियों की संख्या बढ़ाकर इसे तेज कर दिया जाएगा.
जल्द हो सकती हैं कई गिरफ्तारियां
जालसाजों और बांग्लादेशियों और रोहिंग्याओं की मदद करने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों की तलाश तेज कर दी गई है. जल्द ही कई गिरफ्तारियां होने की संभावना है. साथ ही इन फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बनवाए गए वोटर आईडी, आधार कार्ड और पासपोर्ट की भी जांच शुरू कर दी गई है. आने वाले दिनों में और भी चौंकाने वाले खुलासे होने की आशंका है.
