धार्मिक पुस्तकें छापने के नाम पर टेरर फंडिंग, हवाला से ट्रांजेक्शन; नोएडा में पकड़ा गया घुसपैठियों का पनाहगार फरहान

यूपी एटीएस ने नोएडा की एक कंपनी में दबिश देकर फरहान नबी सिद्दीकी नामक शख्स को अरेस्ट किया है. आरोप है कि फरहान धार्मिक उन्माद फैलाने वाली पुस्तकें प्रकाशित करता था और इसके एवज में उसे विदेशों से टेरर फंडिंग होती थी. जांच में पता चला है कि उसे विदेशों से पैसा हवाला नेटवर्क के जरिए आता था. फरहान पर अवैध घुसपैठियों को पनाह देने और बिना सूचना हॉस्टल चलाने का भी आरोप है.

नोएडा में धार्मिक पुस्तकें छापने वाला फरहान नबी सिद्दीकी अरेस्ट

यूपी एटीएस ने नोएडा में दबिश देकर धार्मिक पुस्तकें छापने के नाम पर टेरर फंडिंग करने वाले एक शख्स फरहान नबी सिद्दीकी को अरेस्ट किया है. यह ना केवल समुदाय विशेष के लिए धार्मिक पुस्तकों का प्रकाशन करता था, बल्कि सामूदायिक वैमनस्य फैलाने वाली कई अन्य किताबें और पोस्टर भी छापने का काम करता था और इसके एवज में उसे कई देशों से विदेशी फंडिंग होती थी. यही नहीं, इसके खिलाफ घुसपैठियों को पनाह देने का भी आरोप है.

एटीएस अधिकारियों के मुताबिक ग्रेटर नोएडा के कासना में एक कंपनी का संचालन करने वाले फरहान नबी के खिलाफ कुछ इनपुट मिले थे. इसमें बताया गया था कि इसकी कंपनी में धार्मिक और सांप्रदायिक वैमनस्य फैलाने वाली पुस्तकें छापी जा रही हैं. इन पुस्तकों का वितरण देश में ही नहीं, कई अन्य देशों में भी हो रहा है. इसके लिए इस कंपनी को हवाला के जरिए तुर्की, सीरिया समेत कई देशों से विदेशी फंडिंग भी हो रही है. इस इनपुट पर हरकत में आई यूपी एटीएस ने कंपनी में दबिश देकर संचालक फरहान नबी को दबोच लिया है.

इन कंपनियों के नाम से फंडिंग

इस इनपुट के आधार पर एटीएस ने जांच शुरू की तो पता चला कि फरहान नबी सिद्दीकी द्वारा संचालित कई कंपनियों के नाम पर विदेशी फंडिंग हो रही है. इनमें इस्तांबुल इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड, हकीकत वक्फी फाउंडेशन और रियल ग्लोबल एक्सप्रेस लॉजिस्टिक प्राइवेट लिमिटेड शामिल है. एटीएस की जांच में फरहान के कुछ सहयोगियों के नाम भी सामने आए हैं. इनमें नासी तोर्बा और अन्य शामिल हैं. इन लोगों ने हकीकत प्रिंटिंग पब्लिकेशन, डी-192, साइट-ईपीआईपी, कासना, ग्रेटर नोएडा में प्रेस खोल रखा था. इसमें धार्मिक उन्माद फैलाने वाली पुस्तकें छापने के लिए हर साल करोड़ों रुपये का फंड आता था.

अवैध प्रवासियों का हॉस्टल

एटीएस अधिकारियों के मुताबिक आरोपी फरहान ने अवैध रूप से एक हॉस्टल भी खोल रखा था. इसमें वह अवैध रूप से आए विदेशी नागरिकों को ठहराता था. इनपुट मिला है कि इसके हॉस्टल में जर्मनी, तुर्की, बांग्लादेश और पाकिस्तान के नागरिकों को सरकार को सूचना दिए बिना पनाह दी जाती थी. इसके लिए इन्हें अलग से हवाला नेटवर्क के जरिए पैसा आता था. अभी बीते कुछ दिन पहले ही इन्हें 11 करोड़ रुपये की राशि मिली है. आरोप है कि इसी रकम से फरहान ने उत्तर प्रदेश के अमरोहा और पंजाब में मदरसों, मस्जिदों के नाम पर जमीन खरीदी है.

ईडी भी करेगी जांच

एटीएस ने कासना स्थित इस्तांबुल इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड में दबिश के दौरान कंपनी के सह-निदेशक फरहान नबी सिद्दीकी को अरेस्ट करते हुए गिरफ्तार किया. इस दौरान एटीएस ने फरहान की निशानदेही पर उसके वित्तीय लेनदेन, विदेशी संपर्कों और प्रकाशन सामग्री का खुलासा किया है. एटीएस ने संबंधित रिपोर्ट केंद्रीय जांच एजेंसियों ईडी और सीबीआई को भी दी है. उम्मीद है कि जल्द ही ये एजेंसियां भी मामले की जांच में शामिल हो जाएंगी.