नोएडा: महिला GST अफसर पर गिरी गाज, IAS पर लगाया था यौन शोषण का आरोप; इस मामले में हुआ एक्‍शन

आईएएस अधिकारी पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली गाजियाबाद की महिला GST अधिकारी को व्यापारी से रिश्वत लेने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है. आरोप है कि महिला अधिकारी ने एक बेनामी पत्र में आईएएस अधिकारी पर धमकाने और यौन शोषण करने की बात कही थी. हालांकि जीएसटी कमिश्‍नर ने उनके खिलाफ यह कार्रवाई एक वकील द्वारा भेजे गए ऑडियो और वीडियो रिकॉर्डिंग के आधार पर की है. इसमें महिला अध‍िकारी कारोबारी से रिश्‍वत मांग रही हैं.

जीएसटी भवन, उत्तर प्रदेश

आईएएस अधिकारी संदीप भागीय पर यौन शोषण का आरोप लगाकर चर्चा में आई गाजियाबाद की महिला कर अधिकारी पर आखिरकार गाज ग‍िर ही गई. उन्‍हें तत्‍काल प्रभाव से सस्‍पेंड कर द‍िया गया है. पिछले दिनों विभाग के एडिशनल कमिश्‍नर पर कथित तौर पर यौन शोषण के आरोप लगाए थे. इस संबंध में उत्‍तर प्रदेश सरकार को एक बेनामी पत्र भी भेजा गया था. इसमें आईएएस के खलिाफ शिकायतों को बताते हुए कहा गया था क‍ि महिला अध‍िकारी पर एक कारोबारी से रिश्‍वत लेने का आरोप लगा था.

इस शिकायत के आधार पर आईएएस अधकिारी ने मह‍िला को डराया धमकाया और तीन दिन तक नोएडा के एक फाइव स्‍टार होटल में बुलाकर यौन शोषण किया था. यह बेनामी श‍िकायती पत्र सोशल मीड‍िया में भी वायरल हुआ था. इस पत्र में आरोप लगाया गया था क‍ि आईएएस अधिकारी महिला अधिकारियों को ना केवल छुप-छुपकर घूरते हैं, बल्‍क‍ि रात में वीडियो कॉल पर गंदी बात करते हैं. इस पत्र के वायरल होने के बाद शासन स्‍तर से जांच के आदेश द‍िए गए थे. इस मामले की जांच अभी पूरी भी नहीं हुई क‍ि जीएसटी कम‍िश्‍नर डॉ. नितिन बंसल ने मह‍िला अधिकारी को ही सस्‍पेंड कर दिया.

हालांक‍ि इस महिला अधकिारी के खिलाफ कार्रवाई कारोबारी से रिश्‍वत मांगने के मामले में की गई है. वहीं इस मामले में आगे की जांच के ल‍िए विशेष अनुसंधान कम‍िश्‍नर शाखा वाराणसी मनोज कुमार सिंह को अधिकृत किया गया है. इससे पहले महिला अफसर ने विभाग के बड़े अफसरों से म‍िलकर सफाई दी थी. कहा था वायरल श‍िकायती पत्र से उनका कोई संबंध नहीं है, यह पत्र किसी और ने भेजा और इसमें उनके नाम का इस्‍तेमाल किया है.

अब जीएसटी कमिश्‍नर ने अपने आदेश में कहा है गाजियाबाद सचल दल यूनिट-10 में तैनात महिला अधिकारी के संबंध में एडिशनल कमिश्‍नर को दिल्ली उच्च न्यायालय के अधिवक्ता शशांक सिंघल ने वाट्सऐप पर शिकायत भेजी थी. इसमें उन्‍होंने लिखा था क‍ि महिला अफसर ने 24 जुलाई 2025 को उनके क्लाएंट बड्डी इंटरप्राइजेज लखनऊ की गाड़ी पकड़ ली थी. इस दौरान उन्‍होंने पांच लाख रुपये रिश्‍वत की डिमांड की थी. जिसमें से उनके क्लाएंट ने 3.5 लाख रुपये दे भी दिए थे.

वकील ने इस संबंध में साक्ष्य के तौर पर कॉल की ऑडियो व वीडियो रिकार्डिंग भी दी थी. मामले की जांच एडिशनल कमिश्‍नर संदीप भागीय ने कराई और उनकी आख्या में आरोप सही पाए गए थे. जीएसडी कमिश्‍नर के मुताबिक महिला अफसर की इस हरकत से विभाग की छवि धूमिल हुई. ऐसे में उनके ख‍िलाफ कठोर कार्रवाई करते हुए उन्‍हें सस्‍पेंड किया जा रहा है. उन्‍होंने अपने आदेश में निलंबन अवधि के दौरान इस महिला अफसर को व‍िशेष अनुसंधान शाखा वाराणसी से अटैच कर दिया है.