गुरु पूर्णिमा पर जगद्गुरु सतीशाचार्य ने किया पूजन, भजन संध्या भी हुई; महर्षि आश्रम में उमड़े भक्त एवं श्रद्धालु
गुरु पूर्णिमा पर प्रेमेश्वर धाम महर्षि आश्रम में भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस मौके पर जगद्गुरु सतीशाचार्य ने अपने गुरुदेव महेश योगी का पूजन किया. वहीं भजन संध्या में दीपक त्रिपाठी ने भक्तिमय भजन प्रस्तुत किया. इस मौके पर हज़ारों भक्तों ने अनुष्ठान में भाग लेते हुए भंडारे का आनंद लिया.
गुरु पूर्णिमा के अवसर पर नोएडा के प्रेमेश्वर धाम महर्षि आश्रम में दिव्य अनुष्ठान, भजन-सत्संग और भव्य भंडारे का आयोजन किया गया. इस मौके पर अनंतश्री विभूषित जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी सतीशाचार्य महाराज ने अपने पूज्य गुरुदेव महर्षि महेश योगी का विधि विधान के साथ पूजन किया. इस मौके पर आश्रम से जुड़े बड़ी संख्या में भक्त एवं श्रद्धालु भी पहुंचे हुए थे. कार्यक्रम के दौरान प्रसिद्ध भजन गायक दीपक त्रिपाठी ने भजनों की श्रृंखला प्रस्तुत की.
प्रेमेश्वर धाम महर्षि आश्रम की ओर से इस संबंध में प्रेस नोट जारी किया गया है. इसमें बताया गया है कि गुरु पूर्णिमा के अवसर पर सनातन की प्रसिद्ध गुरु-शिष्य परंपरा को जीवंत करने की कोशिश की गई. इस मौके पर महर्षि महेश योगी के चरणों में ससम्मान पूजन-अनुष्ठान किया गया. इस कार्यक्रम के दौरान आश्रम में उमड़े सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भी हिस्सा लिया. वहीं खुद को ‘गुरु ब्रह्मा, गुरु विष्णु…’ की जीवंत व्याख्या में शामिल होकर आनंद की अनुभूति की. इस दौरान माहौल को देखकर उपस्थित जनसमूह भावविभोर हो उठा.
विशाल भंडारे का आयोजन
कार्यक्रम के बाद आश्रम में दिव्य सत्संग एवं विशाल भंडारे का आयोजन हुआ. इसमें देश विदेश से आए भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया और उसके बाद जगद्गुरु के आशीर्वचन सुनकर आत्मिक शांति का अनुभव किया. इस मौके पर अंतरराष्ट्रीय ख्याति के भजन गायक दीपक त्रिपाठी ने भक्ति पूर्ण भजनों की प्रस्तुति दी. इससे आश्रम का पूरा वातावरण भक्तिरस से सराबोर हो गया. खासतौर पर “गुरु बिन कौन बतावे राह…” मुखड़े वाले भजन सुनकर उपस्थित जनमानस भावविभोर हो गया.
सतीशाचार्य महाराज करते हैं आश्रम का संचालन
प्रेमेश्वर धाम प्रवक्ता के मुताबिक महर्षि आश्रम में आज का दिन केवल एक उत्सव ही नहीं, बल्कि वैदिक चेतना, गुरु महिमा और अध्यात्मिक जागरण का सजीव क्षण बन गया. उन्होंने बताया कि महर्षि आश्रम का संचालन जगद्गुरु स्वामी सतीशाचार्य महाराज द्वारा किया जाता है. इस केंद्र को सनातन चेतना का जाग्रत तीर्थ के रूप में विकसित किया गया है. यहां साधना तो होती ही है, गुरु-शिष्य परंपरा के जीवंत संरक्षण के लिए भी कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है.