घने कोहरे में हादसों का बढ़ता संकट! यमुना एक्सप्रेसवे और ईस्टर्न पेरिफेरल पर थमी गाड़ियों की रफ्तार

सर्दी में यमुना और ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे पर घना कोहरा और तेज रफ्तार हादसों का कारण बन रहे हैं. साल 2024-25 के आंकड़े बताते हैं कि दुर्घटनाएं जारी हैं, हालांकि मौतों में कमी आई है. वहीं, अधिकारी स्पीड लिमिट कम करने, पेट्रोलिंग बढ़ाने और चालकों को सावधानी बरतने की अपील कर रहे हैं.

यमुना एक्सप्रेसवे और ईस्टर्न पेरिफेरल पर घटी स्पीड लिमिट Image Credit:

सर्दी के मौसम की शुरुआत होते ही यमुना एक्सप्रेसवे और ईस्टर्न पेरिफेरल एक बार फिर सड़क हादसों के लिहाज से संवेदनशील हो गया है. घना कोहरा, तेज रफ्तार और ड्राइवरों की लापरवाही के चलते एक्सप्रेसवे पर दुर्घटनाओं का खतरा लगातार बढ़ रहा है. हालांकि, प्रशासनिक प्रयासों से मौतों की संख्या में कुछ कमी आई है, लेकिन हादसों का सिलसिला अभी भी थमा नहीं है.

आंकड़े बताते हैं कि 2024 में यमुना एक्सप्रेसवे पर कुल 1165 सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें 362 लोगों की मौत दर्ज की गई, जबकि 803 लोग घायल हुए. वहीं, 2025 के जनवरी से नवंबर तक 797 दुर्घटनाओं में 33 लोगों की मौत और 764 लोग घायल हुए हैं. यही हाल ईस्टर्न पेरिफेरल का है, जहां एक साल में 280 लोगों की जानें गई हैं.

कोहरा और ओवरस्पीडिंग सबसे बड़ी वजह

डीसीपी ट्रैफिक प्रवीण रंजन ने बताया कि सर्दियों में घने कोहरे के कारण विजिबिलिटी बेहद कम हो जाती है. इसके बावजूद कई वाहन चालक तय गति सीमा से अधिक रफ्तार में वाहन चलाते हैं. ट्रैफिक रिपोर्ट के अनुसार, ओवरस्पीडिंग यमुना एक्सप्रेसवे पर हादसों का सबसे बड़ा कारण बनी हुई है. केवल 2025 के शुरुआती महीनों में ही 59 हजार से अधिक ओवरस्पीडिंग चालान जारी किए गए.

अधिकारियों के मुताबिक, यमुना एक्सप्रेसवे पर दनकौर, जेवर, टप्पल, ज़ीरो पॉइंट और जितने भी कट है उनको हाई-एक्सीडेंट जोन माना जाता है. खासकर सुबह और रात के समय इन इलाकों में कोहरा हादसों का खतरा कई गुना बढ़ा देता है. वही इस बार घने कोहरे को देखते हुए रात में भारी वाहनों को ज्यादा न चलने की अपील की है.

आज से सभी वाहनों की स्पीड लिमिट घटा दी गई

साथ ही 15 दिसंबर को रात 12 बजे से सभी वाहनों की स्पीड लिमिट घटा दी गई है. यमुना एक्सप्रेसवे पर अब हल्के वाहनों की अधिकतम गति 100 से घटाकर 75 किमी और भारी वाहनों की 80 से घटाकर 60 किमी प्रति घंटा कर दी गई है. इसी तरह नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर हल्के वाहनों की सीमा 75 किमी और भारी वाहनों की 50 किमी कर दी गई है.

ईस्टर्न पेरिफेरल पर कोहरे में सबसे ज्यादा दुर्घटनाएं

सर्दी बढ़ते ही घने कोहरे में ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे में सबसे ज्यादा सड़क दुर्घटनाएं होती हैं. बीते कुछ दिनों में सबसे ज्यादा सड़क दुर्घटनाएं इसी एक्सप्रेसवे पर दर्ज की गई हैं. कोहरे के कारण दृश्यता बेहद कम हो जाती है, लेकिन इसके बावजूद तेज रफ्तार वाहनों का चलना लगातार गंभीर हादसों की वजह बन रहा है. इसका मुख्य कारण ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे पर भारी वाहनों ट्रक, ट्रेलर, कंटेनर का दबाव सबसे बड़ा फैक्टर है.

यह एक्सप्रेसवे कई औद्योगिक और लॉजिस्टिक ज़ोन को जोड़ता है. इसी वजह से यहां दुर्घटनाओं की आशंका ज्यादा रहती है. पिछले 1 साल के अनुमानित हादसे के आंकड़े की अगर बात की जाए तो कुल सड़क दुर्घटनाएं लगभग 850 से 950 के बीच हुए जिसमें 280 के आसपास लोगो की जानें गई और 700 से अधिक लोग घायल हुए.

इसमें दादरी, बादलपुर, कासना और डासना ब्लेक स्पॉट है, जहां दुर्घटना सबसे ज्यादा देखी गई है. पुलिस ने वाहन चालकों से अपील की है कि वे कोहरे में धीमी गति से वाहन चलाएं, सुरक्षित दूरी बनाए रखें, फॉग लाइट का उपयोग करें और थकान की स्थिति में वाहन न चलाएं. थोड़ी सी सावधानी न केवल आपकी, बल्कि दूसरों की जान भी बचा सकती है.