यूपी में पेट्रोल पंप खोलने के लिए कौन-कौन सी NOC चाहिए? 7 स्टेप में समझे पूरा नियम

यूपी सरकार ने पेट्रोल पंप की लाइसेंस प्रक्रिया तेज, पारदर्शी और आसान करने के लिए एनओसी की प्रक्रिया में बड़ा बदलाव किया है. अब पेट्रोल पंप खोलने के लिए सिर्फ 4 विभागों की एनओसी लेनी पड़ेगी. बाकी दो विभागों के लिए सेल्फ डिक्लेरेशन फॉर्म भरना होगा. बचे हुए अन्य 4 विभागों के एनओसी की अनिवार्यता को खत्म कर दिया गया है.

यूपी में पेट्रोल पंप का लाइसेंस लेना हुआ आसान (फाइल फोटो)

उत्तर प्रदेश सरकार ने पेट्रोल पंप खोलने की प्रक्रिया को और आसान बना दिया है. सरकार ने इसके लिए चार विभागों की एनओसी लेने की अनिवार्यता को पूरी तरह से हटा दिया. वहीं, दो डिपार्टमेंट की मंजूरी आपकी तरफ से सेल्फ डिक्लेरेशन फॉर्म जमा करने पर तुरंत मिल जाएगी. ऐसे में अब पेट्रोल पंप खोलने के लिए 10 की बजाय सिर्फ 4 विभागों की एनओसी की ही जरूरत पड़ेगी.

माना जा रहा है कि सरकार के इस फैसले से पेट्रोल पंप के लिए लाइसेंस प्रक्रिया तेज, पारदर्शी और आसान हो गई है. पहले राजस्व, NSAI, PWD, विकास प्राधिकरण या नगर निकाय, जिला पंचायत, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, पुलिस, वन, बिजली विभाग से एनओसी लेनी पड़ती थी. इसमें महीनों लग जाते थे. लेकिन सरकार के इस फैसले से अब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, वन विभाग, पुलिस विभाग, NSAI विभाग से किसी भी तरह की NOC नहीं लेनी पड़ेगी. आइए 7 स्टेप में पेट्रोल पंप का लाइसेंस लेने का पूरा नियम समझते हैं.

स्टेप-1: तेल कंपनी का नोटिफिकेशन आने पर आवेदन

इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोल या हिंदुस्तान पेट्रोलियम जैसी तेल विपणन कंपनियां पेट्रोल पंप खोलने के लिए नोटिफिकेशन जारी करती हैं. नोटिफिकेशन आने के बाद इनकी ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर आवेदन करना होता है. आवेदन में जमीन का विवरण, वित्तीय स्थिति और शैक्षणिक योग्यता संबंधी कई जानकारियां देनी होती हैं.

स्टेप-2: जमीन का चयन और डॉक्यूमेंट्स संबंधी जानकारी देनी होती है

पेट्रोल पंप के लाइसेंस के आवेदन के लिए आवेदक के पास अपनी या लीज पर ली गई जमीन होनी चाहिए. ये जमीन तेल कंपनियों के दिए मानकों पर बिल्कुल खड़ी उतरनी चाहिए. अगर आवेदक के पास कृषि जमीन है तो तत्काल इसे व्यवसायिक इस्तेमाल में बदलवाने के प्रॉसेस को शुरू करना चाहिए. इसके अलावा आपके पास जमीन के कागजात, नक्शा और सीमांकन जैसे डॉक्यूमेंट्स जरूर होने चाहिए.

स्टेप-3: जिलाधिकारी के माध्यम से इन विभागों लेनी होगी NOC

सरकार की तरफ से पेट्रोल पंप के लाइसेंस के लिए नियमों में बदलाव के बाद अब सिर्फ 4 विभागों से ही एनओसी की जरूरत है. इनमें राजस्व विभाग, लोक निर्माण विभाग (PWD), बिजली विभाग, विकास प्राधिकरण / नगर निकाय शामिल हैं. बाकी जिला पंचायत, विद्युत सुरक्षा विभाग के लिए सेल्फ डिक्लेरेशन फॉर्म जमा करना होगी.

स्टेप-4: अग्निशमन विभाग की मंजूरी लेना जरूरी

एनओसी की प्रक्रिया के बाद अग्निशमन विभाग से फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट लेना जरूरी होता है. इसमें विभाग की तरफ से पेट्रोल-डीजल टैंक, फायर एक्सटिंग्विशर, आपात व्यवस्था और सुरक्षा मानकों की जांच होती है.

स्टेप-5: PESO लाइसेंस लेना बेहद जरूरी

आवेदक को पेट्रोलियम एवं विस्फोटक सुरक्षा संगठन (PESO) से पेट्रोल-डीजल के भंडारण और बिक्री का लाइसेंस लेना अनिवार्य है. बिना PESO लाइसेंस के आप पेट्रोल पंप नहीं चला सकते हैं.

स्टेप-6: निर्माण और इंस्टॉलेशन होगा शुरू

सभी तरीके के एनओसी, लाइसेंस और मंजूरी के बाद तेल कंपनी की तकनीकी टीम की तरफ से चिन्हित किए गए जमीन पर पंप का निर्माण, अंडरग्राउंड टैंक, डिस्पेंसर और डिजिटल मीटर लगाने का काम किया जाता है. यह सारा काम तेल कंपनी के मानकों के आधार पर होता है.

स्टेप-7: अंतिम निरीक्षण और संचालन का काम

सारा निर्माण होने के बाद तेल कंपनी और प्रशासन की टीम की तरफ से एक अंतिम बार निरीक्षण किया जाता है. सब कुछ सही पाए जाने पर पेट्रोल पंप का संचालन शुरू कर दिया जाता है.

नए नियमों से निवेशकों को खूब होगा फायदा

पेट्रोल पंप का लाइसेंस लेने के लिए सरकार के इन नए नियमों से जिस प्रक्रिया में पहले महीनों लग जाते थे , वह जल्दी पूरा हो जाएगा. इससे निवेशकों को विभाग के चक्कर बार-बार नहीं लगाने पड़ेंगे. साथ ही समय की बचत भी होगी. इसके अलावा पेट्रोल पंप खोलने की प्रक्रिया पहले से कहीं अधिक आसान और पारदर्शी जाएगी.