यूपी का वह गणेश मंदिर, जहां खुद ब्रह्मा जी ने की थी पूजा… अकबर के मंत्री टोडरमल ने कराया था जीर्णोद्धार
गणपति महोत्सव को लेकर जहां हर तरफ पांडालों की तैयारियां जोरों पर हैं तो वहीं प्रयागराज के संगम तट पर स्थित एक गणेश मंदिर में खासा भीड़ उमड़ती हुई दिखाई दे रही है. इसकी वजह है यहां से जुड़ी मान्यता. ऐसा कहा जाता है कि दुनिया में सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा की यहीं से शुरुआत हुई थी.

गणेश उत्सव को लेकर जहां एक देशभर में हर तरफ भक्तिपूर्ण वातावरण देखने को मिसता है, तो वहीं प्रयागराज के संगम तट पर मौजूद एक ऐसा गणपति मंदिर है, जिसके बारे में ऐसी मान्यता है कि दुनिया में सबसे पहले इसी मंदिर में भगवान गणेश की पूजा की शुरुआत हुई. ऐसा माना जाता है कि उसके बाद से ही पूरी सृष्टि में गजानन की पूजा होने लगी. संगम नगरी में गंगा नदी किनारे भगवान गणपति के इस मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है.
गणेश चतुर्थी के साथ ही देशभर में गणपति महोत्सव की शुरुआत हो गई है. इसके बाद भक्त पूजा पंडालों की तैयारियों में लगे हुए दिखाई दे रहे हैं. वहीं लोग अपने घरों में भी भगवान गणपति की मूर्तियां स्थापित कर रहे हैं.
पुजारी ने बताया इतिहास
संगम नगरी प्रयागराज में भक्त विनायक के उस आदि स्वरुप के दर्शन करने के लिए गंगा तट पर जुट रहे हैं. जिसे सृष्टि का पहला गणेश मंदिर माना जाता है. मंदिर के पुजारी अरुण अग्रवाल जी बताते हैं कि यही से सबसे पहले भगवान गणेश की आराधना आरम्भ हुई. उनका कहना है कि यही से ओमकार का पहला उद्घोष हुआ, जिसकी वजह से गणपति का यह मंदिर ओमकार गणेश के नाम से जाना जाता है.
ब्रह्मा जी ने की थी पूजा
ऐसी पौराणिक मान्यता है कि सृष्टि के निर्माण के समय सूर्यदेव की आराधना से पहले ब्रह्मा जी ने सबसे पहले इसी जगह पर देवाधिदेव गणपति का आह्वान किया था. उन्होंने सृष्टि को दैत्यों की बुरी नज़र से बचाने के लिए गणपति को विघ्नराज के रूप ख़ुद अपने हाथो से इसी जगह पर स्थापित किया था.
अकबर के मंत्री ने कराया जीर्णोद्धार
कहा जाता है कि मुगल बादशाह अकबर के मंत्री टोडरमल ने इस मंदिर का जीर्णोद्धार कराया था. प्रयागराज में बाढ़ के कारण इस समय ये मंदिर भी बाढ़ की जद में है लेकिन फिर भी यहां दर्शन करने आते भक्तों को साफतौर से देखा जा सकता है.