न देरी, न गलत रिपोर्ट… यूपी सरकार ISRO से कराएगी बाढ़ में नुकसान का सर्वे

यूपी में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का आकलन करने के लिए अब सैटेलाइट का सहारा लिया जाएगा. ये पूरी प्रक्रिया ISRO की मदद से की जाएगी. इससे न केवल प्रभावित इलाकों का सही डाटा मिल पाएगा बल्कि किसानों की फसलों के नुकसान का मुआवजा देने में भी आसानी होगी.

ISRO करेगा बाढ़ निरीक्षण

उत्तर प्रदेश में बाढ़ से होने वाले नुकसान का सटीक आकलन करने के लिए ISRO की मदद से सैटेलाइट का इस्तेमाल किया जाएगा. पहले जहां निरीक्षण में राजस्व कर्मियों की मनमानी और गलत रिपोर्ट की शिकायतें सामने आती थीं तो वहीं अब सरकार की इस पहल के चलते बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पारदर्शी सर्वे संभव हो पाएगा. इसका ट्रायल इसी मानसून सीजन में होगा, जिसका लाभ प्रदेश के लगभग 2.75 करोड़ किसानों को भी मिलेगा.

बाढ़ से प्रभावित हैं इतने गांव

प्रदेशभर में हर साल करीब 43 जिले बाढ़ की चपेट में आते हैं. इस बार भी अब तक 116 तहसीलों के 2600 से अधिक गांव बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के तौर पर दर्ज किए गए हैं. जिनमें 1594 गांवों की फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है. अभी तक नुकसान का आकलन राजस्व कर्मचारी मौके पर पहुंच कर करते थे.

जिसमें देरी और गलत सर्वे की शिकायतें आम थीं. इस समस्याओं से निजात पाने के लिए ISRO की डाटा ऑब्जर्वेशन सेवाओं का सहारा लिया जाएगा. सूत्रों के मुताबिक प्रदेश में 85 फीसदी कृषि भूमि की गाटा संख्या का डाटा ऑनलाइन मैपिंग के जरिए उपलब्ध है. इससे सैटेलाइट आधारित सर्वे में किसी तरह की तकनीकी बाधा का सामने नहीं करना पड़ेगा.

मुआवजे में भी होगी आसानी

सैटेलाइट तकनीक से किसी भी क्षेत्र की कृषि भूमि की एक हफ्ते में 2 बार लाइव तस्वीरें ली जाएंगी. अगर दोनों तस्वीरों में खेतों में जलभराव दिखाई देता है तो यह माना जाएगा कि फसल को गंभीर नुकसान हुआ है. विशेषज्ञों के मुताबिक यदि किसी खेत में एक हफ्ते तक पानी भरा रहता है तो फसल को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचता है. इस तकनीक के जरिए न केवल नुकसान का सटीक आकलन किया जाएगा बल्कि मुआवजा के लिए सटीक डाटा भी मुहैया हो सकेगा.