‘मेरी फीलिंग लड़कियों जैसी…’ YouTube देखा, एनेस्थिसिया लगाया और काट लिया प्राइवेट पार्ट; हैरान कर देगी इस छात्र की कहानी

प्रयागराज में एक प्रतियोगी छात्र ने लड़की बनने की इच्छा में अपना प्राइवेट पार्ट काट लिया. अब उसे अपनी गलती का अफ़सोस है और वह पहले जैसा बनना चाहता है. छात्र ने यूट्यूब से वीडियो देखकर यह कदम उठाया. उसने खुद एनेस्थिसिया लगाकर प्राइवेट पार्ट काटा. फिलहाल, वह स्वरूप रानी नेहरू अस्पताल में भर्ती है.

छात्र ने एनेस्थिसिया लगाया और काट लिया प्राइवेट पार्ट

प्रयागराज में लड़का से लड़की बनने की चाहत में अपना प्राइवेट पार्ट खुद ही काट डालने वाले प्रतियोगी छात्र को अपनी गलती का अहसास हुआ है. परिजनों के समझाने बुझाने और अपनी भूल का अहसास होने के बाद उसने अपना मन बदला है. प्रतियोगी छात्र को दुबारा उसके पहले वाले रूप में लाने के लिए डॉक्टरों की टीम लग गई है. वह शहर के स्वरूप रानी नेहरू सरकारी अस्पताल में भर्ती है.

यूपी के अमेठी का रहने वाला यह छात्र अब प्रयागराज शहर के स्वरूप रानी नेहरू अस्पताल के एक वार्ड में अपनी लंबी सर्जरी का कहना इंतजार कर रहा है. अस्पताल के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ संतोष सिंह का कहना है कि पीड़ित अब खुद अपने प्रारंभिक स्वरूप में आना चाहता है. पीड़ित और परिजनों की सहमति के बाद उसे प्लास्टिक सर्जरी विभाग में रेफर किया गया है.

अनोखा मामला जिसमे मरीज ही बन गया सर्जन

मेडिकल हिस्ट्री का यह अनोखा मामला है, जिसमें मरीज खुद ही सर्जन बन बैठा और अपने पैर में कुल्हाड़ी मार ली. पीड़ित छात्र बताता है कि 14 साल की उम्र से वह लड़का होकर भी लड़की की तरह सोचता था. लड़कियों के साथ वह ज्यादा कंफर्टेबल था. अपनी इच्छाओं को वह दबा नहीं सका और एक दिन वह एक सेक्सोलॉजिस्ट डॉ के पास सलाह लेने पहुंच गया.

डॉक्टर से उसने पूछा कि एक लड़का लड़की बनना चाहे तो उसके क्या विकल्प है. डाक्टर ने बताया कि सबसे पहले तो लड़के को अपने प्राइवेट पार्ट को सर्जरी से अलग करना होगा. लड़के ने डॉक्टर से इसका पूरा तरीका पूछा और फिर मेडिकल स्टोर से सर्जिकल ब्लेड, एनेस्थीसिया का इंजेक्शन, रुई और पेन किलर टैबलेट ले आया.

सर्जरी करने से पहले यूट्यूब पर देखे वीडियो

उसने कमरे में खुद ही एनेस्थिसिया का इंजेक्शन लगाने के बाद अपने प्राइवेट पार्ट काट डाले. एनेस्थीसिया का असर खत्म होने के बाद जब वह दर्द से व्याकुल हो उठा तो मकान मालिक की मदद से बेली अस्पताल लाया गया, जहां से उसे एसआरएन अस्पताल रेफर कर दिया गया. यह पहला केस था जिसमें मरीज खुद ही सर्जन बन गया.

पीड़ित लड़के ने पूरे होम वर्क के साथ इस काम को अंजाम दिया. पीड़ित बताता है कि पहले अक्सर वह गूगल और यू-ट्यूब पर लड़का से लड़की बनने की जानकारी लेता था. डाक्टरों के कई वीडियो चैनल भी देखता था और ऐसे लोगों के कमेंट भी वह पढ़ता था. जिससे वह खुद ही अपने को ऑपरेट कर लिया. छात्र की यह हरकत हैरान करने वाली है.

प्राइवेट पार्ट पूरी तरह बॉडी से अलग नहीं हुए हैं

डॉ संतोष ने बताया कि कोशिश है कि लड़के को वापस पहले की तरह सामान्य स्थिति में लाया जा सके. लड़के के निजी अंग पूरी तरह बॉडी से अलग नहीं हुए हैं. प्राइवेट पार्ट केवल डैमेज हुए हैं इसलिए उम्मीद है कि प्रयास के सकारात्मक परिणाम मिलेंगे. प्लास्टिक सर्जरी के विभागाध्यक्ष डॉ मोहित जैन ने कहा कि वह उसे सामान्य स्थिति में लाने का प्रयास कर रहे हैं.