सहारनपुर में हैं दिल्ली धमाकों की जड़े! केंद्रीय एजेंसियों का इनपुट, डिटेल खंगालने पहुंची UPATS

दिल्ली धमाकों की साजिश सहारनपुर में रची गई थी. वहीं फरीदाबाद में इसे अंजाम देने की रणनीति बनी थी. इस संबंध में केंद्रीय एजेंसियों के इनपुट के बाद यूपी एटीएस सक्रिय हो गई है. यूपी एटीएस ने सहारनपुर, शामली और मुजफ्फरनगर में 13 से अधिक संदिग्धों को हिरासत में लिया है. डॉ. आदिल की गिरफ्तारी के बाद अब एटीएस उसके सहयोगियों और धमाकों की प्लानिंग से जुड़े अन्य सबूत ढूंढ रही है.

सहानपुर में आतंक की जड़ें खंगाल रही यूपी एटीएस

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के दिल में धमाके की साजिश सहारनपुर में रची गई. फरीदाबाद में रणनीति बनी और फिर आतंकियों ने दिल्ली में जाकर अंजाम दिया. केंद्रीय जांच एजेंसियों के साथ लोकल इंटेलिजेंस यूनिटों को इस तरह के इनपुट मिले हैं. इस इनपुट के बाद बाद यूपी एटीएएस की टीम एक्टिव हो गई है. यूपी एटीएस की तीन अलग अलग टीमों ने एक साथ सहारनपुर, शामली और मुजफ्फरनगर में दबिश देनी शुरू कर दी है. अब तक इन टीमों ने 13 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया है और उनसे पूछताछ की जा रही है.

यूपी एटीएस के सूत्रों के मुताबिक अब तक उठाए गए लोग सहारनपुर से गिरफ्तार संदिग्ध आतंकी डॉ. आदिल के करीबी हैं और अक्सर उससे मिलने के लिए आते जाते रहते थे. यूपी एटीएएस के अधिकारियों के मुताबिक जम्मू पुलिस के इनपुट पर सहारनपुर पुलिस ने डॉ. आदिल को सरसावा के एक फूड कोर्ट से अरेस्ट किया था. उस समय वह वहां बिरयानी खाने पहुंचा था. यूपी एटीएस की जांच में पता चला कि उस समय तक दिल्ली धमाकों की प्लानिंग हो चुकी थी. इसके लिए डॉ. आदिल ने अपने अस्पताल में मां की बीमारी के बहाने छुट्टी अप्लाई कर दिया था. दरअसल उसे दिल्ली में धमाकों के बाद वापस लौटना ही नहीं था.

सहारनपुर में अब क्या ढूंढ रही एटीएस?

यूपी एटीएस के अधिकारियों के मुताबिक डॉ. आदिल की गिरफ्तारी के बाद पुलिस टीमें लगातार उसे अलग अलग लोकेशन की निशानदेही करा रही हैं. हर लोकेशन को पुलिस को इस धमाके और अन्य आतंकी घटनाओं संबंधी प्रमाण भी मिले हैं. लेकिन अभी भी डॉ. आदिल के उन सहयोगियों की जानकारी नहीं मिल पाई है, जिन्होंने इस धमाके की रूप रेखा तय करने में डॉ. आदिल की मदद की. ऐसे में पुलिस टीमें सहारनपुर और शामली में उनकी तलाश कर रही है. यह वही लोग हैं, जो आए दिन डॉ. आदिल से मिलने के लिए आते थे. इसके अलावा अहमदाबाद में पकड़े गए संदिग्ध आतंकियों की जड़े खंगालने के लिए यूपी एटीएस की टीम मुजफ्फरनगर में दबिश दे रही है.

आतंकियों का ठिकाना बन गया सहारनपुर

डॉ. आदिल की गिरफ्तारी और दिल्ली में धमाके के बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सहारनपुर एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है. आम तौर पर शांत रहने वाला सहारनपुर हमेशा की तरह एक बार फिर आतंकियों की पनाहगाह होने की वजह से चर्चा में है. दरअसल पहले भी देश के अलग अलग हिस्सों में होने वाली आतंकी घटनाओं के तार सहारनपुर से जुड़े हैं. कुछ समय पहले ही यहां से जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा, इंडियन मुजाहिदीन, हिजबुल मुजाहिदीन के अलावा कुछ पाकिस्तानी जासूसों की गिरफ्तारी तक हो चुकी है.

आतंकियों का सेफ कॉरिडोर है सहारनपुर

उत्तर प्रदेश का जिला सहारनपुर शुरू से ही आतंकियों का खास पनाहगाह और सेफ कॉरिडोर रहा है. इसकी बड़ी वजह इस जिले की भौगोलिक स्थिति है. दरअसल उत्तरप्रदेश के इस जिले से ना केवल हरियाणा, बल्कि उत्तराखंड की सीमाएं भी सटी हैं. ऐसे में उत्तर प्रदेश में वारदात को अंजाम देकर बड़े आराम से हरियाणा या उत्तराखंड की सीमा में जाया जा सकता है. इसी प्रकार उत्तराखंड या हरियाणा में वारदात कर अपराधी यहां छिप सकते हैं. इसी प्रकार यहां कई धार्मिक-शैक्षणिक संस्थान भी हैं, जहां दुनिया भर से लोग आते हैं और आतंकियों के लिए इन संस्थानों में बड़े आराम से सहयोगी भी मिल जाते हैं.