कुलदीप सिंह सेंगर को बड़ा झटका, SC ने हाईकोर्ट के आदेश पर लगाई रोक
उन्नाव रेप केस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने कुलदीप सिंह सेंगर की आजीवन कारावास की सजा को सस्पेंड कर दिया था. हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ सीबीआई ने सुप्रीम में याचिका दायर की थी. अब इसपर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाते हुए सजा को बरकरार रखा है.
उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में 2017 में घटित माखी रेप कांड मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने कुलदीप सिंह सेंगर के आजीवन कारावास की सजा को सस्पेंड कर दिया था. इसको लेकर रेप पीड़िता के साथ-साथ तमाम संगठन और विपक्षी नेता दिल्ली में लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सीबीआई सुप्रीम कोर्ट पहुंची थी. अब सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए कुलदीप सिंह सेंगर के आजीवन कारावास के सजा के निलंबन पर रोक लगा दिया है.
कुलदीप सिंह सेंगर के सजा के सस्पेंशन के खिलाफ सीबीआई ने भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. इसको लेकर आज यानी 29 दिसंबर को सुनवाई हुई. सीबीआई की इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट की अवकाश कालीन बेंच की तीन सदस्यीय जजों की टीम सुनवाई की. इस बेंच की अगुवाई सीजेआई जस्टिस सूर्यकांत ने किया. इसमें जस्टिस जेके माहेश्वरी और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह भी शामिल रहे.
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट ने सजा निलबंन पर हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाते हुए कहा कि तमाम सवाल हैं कि जिनका जवाब बाद में भी लिया जा सकता है. फ़िलहाल इस मामले में हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाने की ज़रूरत है. लोकसेवक हैं या नहीं, इस व्याख्या पर भी विचार करेंगे.
पिता के समर्थन में कुलदीप सिंह सेंगर की बेटी का ट्वीट
कुलदीप सिंह सेंगर से सजा के सस्पेंशन के खिलाफ जबर्दस्त विरोध प्रदर्शन हुआ. लेकिन सुनवाई से पहले उनकी बेटी ऐश्वर्या सेंगर ने अपने पिता के समर्थन में एक्स पर पोस्ट किया. उन्होंने लोगों से धैर्य बनाकर रखें की अपील की है. किसी प्रकार का धरने का मार्ग ना अपनाएं. उन्होंने लिखा- हमें न्यायिक प्रक्रिया पर पूरा भरोसा है. आपका संयम और आशीर्वाद हमारी हिम्मत है.
ऐशवर्या सेंगर ने यह भी लिखा है कि “ऐ झूठ तुम्हारे हो गए हैं कितने लंबे पैर, है सच की इज्जत दांव पर, अब राम करेंगे खैर”. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हमें अपना धैर्य नहीं खोना है, और न्याय के लिए इंतजार करना है.
दिल्ली हाईकोर्ट का क्या था फैसला?
दिल्ली उच्च न्यायालय ने 23 दिसंबर को सेंगर की जेल की सजा निलंबित कर दी थी और उन्हें सशर्त जमानत दे दी थी. अदालत ने कहा था कि वह सात साल और पांच महीने की जेल काट चुका है. हालांकि, वह जेल में ही रहेगा, क्योंकि वह पीड़िता के पिता की हिरासत में हुई मौत के मामले में भी 10 साल की सजा काट रहा है. बता दें कि कुलदीप सेंगर उन्नाव क्षेत्र से चार बार के विधायक रह चुके हैं.
