सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर UP में आई बड़ी भर्ती, परिषदीय स्कूलों में नियुक्त होंगे 5352 टीचर
सुप्रीमकोर्ट के निर्देश पर उत्तर प्रदेश में 5352 विशेष शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया आरंभ होने वाली है. यह भर्ती प्रदेश के परिषदीय स्कूलों में दिव्यांग बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से की जा रही है. सरकार ने सोमवार को इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल करेगी. इससे दिव्यांग बच्चों को बेहतर शिक्षा मिलेगी और शिक्षकों को स्थायी रोजगार मिल सकेगा.

उत्तर प्रदेश में जल्द ही एक और बड़ी भर्ती आने वाली है. ये भर्ती उत्तर प्रदेश के परिषदीय स्कूलों में 5352 नियमित विशेष शिक्षकों की है. इस संबंध में पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को दिशा निर्देश दिया था. इसके बाद सरकार ने इस संबंध में फैसला लिया है और अब सोमवार को ही सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल करेगी. इसमें सरकार भर्ती प्रक्रिया से सुप्रीम कोर्ट को अवगत कराएगी. सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले करीब 80 हजार दिव्यांग बच्चों की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए सरकार को गाइन लाइन दी थी.
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक दिव्यांग बच्चों में सीखने, बोलने और व्यवहार से संबंधित विभिन्न समस्याएं होती हैं. इन बच्चों को पढ़ाने के लिए विशेष प्रशिक्षण प्राप्त शिक्षकों की आवश्यकता होती है. जो उनकी विशिष्ट जरूरतों को समझकर शिक्षा प्रदान कर सकें. वर्तमान में बेसिक शिक्षा विभाग में 2200 से अधिक संविदा आधारित विशेष शिक्षक कार्यरत हैं, जो निर्धारित मानदेय पर सेवाएं दे रहे हैं. हालांकि, अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर इन पदों पर नियमित नियुक्तियां की जाएंगी. इससे परिषदीय स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार तो होगा ही, शिक्षकों को भी स्थायी रोजगार मिलेगा.
माध्यमिक के बाद बेसिक शिक्षा में भी पहल
इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन में 2 सितंबर 2025 को हुई कैबिनेट बैठक में राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में 4700 विशेष शिक्षकों की नियुक्ति को मंजूरी दी गई थी. यह नियुक्तियां मौजूदा पदों में समायोजन के जरिए की गई थीं. अब बेसिक शिक्षा विभाग ने भी इसी दिशा में कदम उठाते हुए 5352 विशेष शिक्षकों की नियुक्ति का प्रस्ताव तैयार किया है. इसे उच्च स्तर पर मंजूरी मिल चुकी है. बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों के अनुसार, इस निर्णय से न केवल दिव्यांग बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलेगी, बल्कि यह समावेशी शिक्षा को बढ़ावा देने में भी मददगार साबित होगा.
जल्द शुरू होगी भर्ती
अधिकारियों के मुताबिक विशेष शिक्षकों की नियमित नियुक्ति से शिक्षण प्रक्रिया में स्थिरता आएगी. इससे बच्चों की विशिष्ट जरूरतों को बेहतर ढंग से पूरा किया जा सकेगा. बेसिक शिक्षा विभाग के इस प्रस्ताव को लागू करने के लिए जल्द ही नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की जाएगी. सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुपालन में शासन 9 सितंबर को हलफनामा दाखिल करेगा. जिसमें इस निर्णय की जानकारी दी जाएगी. यह कदम उत्तर प्रदेश में दिव्यांग बच्चों के शैक्षिक सशक्तीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है.