UP बोर्ड में अब नहीं कर पाएंगे नकल, एग्जाम सेंटर से लेकर स्ट्रांगरूम तक होगी AI की नजर
यूपी बोर्ड ने परीक्षाओं में नकल रोकने के लिए AI आधारित निगरानी प्रणाली लागू करने का फैसला किया है. यह प्रणाली परीक्षा केंद्रों और स्ट्रांगरूम में 24 घंटे निगरानी रखेगी. यहां तक कि परीक्षा केंद्र में छात्रों के बीच बातचीत तक पर भी नज़र रखी जाएगी. इस दौरान किसी भी अनियमितता की सूचना तुरंत अधिकारियों को मिल जाएगी.
नकल के भरोसे यूपी बोर्ड की परीक्षा पास करने का सपना देखने वालों के लिए बुरी खबर है. इस बार बोर्ड की ओर से ऐसे इंतजाम किए जा रहे हैं कि एग्जाम सेंटर में नकल करना तो दूर, आपस में बातचीत करना भी संभव नहीं होगा. यही नहीं, स्ट्रांगरूम में रखे क्वेश्चन पेपर भी सीधे यूपी बोर्ड की नजर में होंगे. इसके लिए यूपी बोर्ड ने एआई आधारित निगरानी प्रणाली इस्तेमाल करने का फैसला लिया है. यह प्रणाली पिछले साल ही लागू होनी थी, लेकिन कुछ तकनीकी खामियों की वजह से उस समय संभव नहीं हो पाया. अब बोर्ड ने इन सभी खामियों को दूर करने के साथ ही इनका ट्रॉयल भी सफलता पूर्वक पूरा कर लिया है.
अधिकारियों के मुताबिक यूपी बोर्ड की परीक्षाओं के दौरान सभी केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे. वहीं क्वेश्चन पेपर रखने के लिए बने स्ट्रांगरूम भी सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में होंगे. इन सभी कैमरों को एआई सिस्टम से जोड़ा जाएगा. ये सभी कैमरे जिला मुख्यालय पर बने कंट्रोल रूम के साथ यूपी बोर्ड मुख्यालय में बने कंट्रोल रूम से भी कनेक्ट होंगे. गौतमबुद्ध नगर के जिला विद्यालय निरीक्षक राजेश कुमार सिंह के मुताबिक इस तकनीक से पूरा स्ट्रांगरूम 24 घंटे एआई की नजर में रहेगा. इसके खुलने, बंद होने या किसी तरह की अन्य गतिविधियों का अलर्ट जिला कंट्रोल रूम के साथ ही बोर्ड के कंट्रोल रूम को जाता रहेगा.
आपस में बात भी नहीं कर पाएंगे छात्र
अधिकारियों के मुताबिक इस निगरानी प्रणाली के लागू होने के बाद परीक्षा केंद्र में छात्र छात्राएं नकल करना तो दूर, आपस में बात भी नहीं कर पाएंगी. ऐसा करने पर एआई सिस्टम तत्काल कंट्रोल रूम को अलर्ट कर देगा. इससे समय रहते उड्नदस्ता या सेंटर स्तर पर बनी नकल रोधी टीम एक्शन ले सकेगी. इस सुविधा का बड़ा फायदा दूरस्था इलाकों में बने परीक्षा केंद्रों पर सूचिता बताए रखने में मिलेगा. अभी तक इन केंद्रों पर निगरानी के ठोस इंतजाम नहीं थे, लेकिन नई व्यवस्था से वहां भी बेहतर तरीके से निगरानी रखी जा सकेगी.
पहले दिन नहीं होगी हिंदी की परीक्षा
डीआईओएस राजेश कुमार सिंह के मुताबिक यूपी बोर्ड ने इस बार परीक्षा के शिड्यूल में भी खास परिवर्तन किया है. इसमें छात्रों को पहले ही दिन हिंदी की परीक्षा नहीं देनी होगी. बल्कि इसके स्थान पर किसी आसान ट्रेड में एग्जाम देने की छूट मिलेगी. बीते वर्षों के परीक्षा परिणामों का अध्ययन करने के बाद अधिकारियों का मानना है कि पहले ही दिन हिंदी की परीक्षा होने से छात्रों में घबराहट रहती है और उनके ऊपर मानसिक दबाव बढ़ जाता है. इसका सीधा असर उनके परीक्षा परिणाम पर पड़ता है.