UP में जमीन का झगड़ा खत्म? अब मोबाइल पर दिखेगा खेत-घर का नक्शा
योगी सरकार उत्तर प्रदेश में भूमि विवादों को खत्म करने के लिए बड़ा कदम उठा रही है. अब प्रदेश के गांवों के राजस्व नक्शे पूरी तरह ऑनलाइन होंगे. लोग एक क्लिक में अपने खेत, मकान या गाटे का हाई-रेजोल्यूशन सैटेलाइट नक्शा देख सकेंगे. आगामी 3-4 महीनों में यह सुविधा मोबाइल ऐप के ज़रिए उपलब्ध होगी, जिससे पारदर्शिता बढ़ेगी.
उत्तर प्रदेश के गांवों में जमीन के झगड़े अब खत्म होने की ओर बढ़ रहे हैं. लोग अब घर बैठे ही एक क्लिक में अपने खेत, मकान या गाटे का पूरा नक्शा देख सकेंगे. योगी सरकार प्रदेश के सवा लाख से अधिक राजस्व गांवों के नक्शे पूरी तरह ऑनलाइन करने जा रही है. सैटेलाइट इमेजरी से तैयार होने वाले इन हाई-रेजोल्यूशन मैप्स में 15-30 सेंटीमीटर तक की सटीकता होगी. यानी मोबाइल पर ज़ूम करके यह भी देखा जा सकेगा कि आपके खेत की मेड़ बिल्कुल कहां तक जाती है.
राजस्व परिषद ने इस बड़े प्रोजेक्ट पर तेज़ी से काम शुरू कर दिया है. जल्द ही इसके लिए एक खास मोबाइल ऐप भी जारी किया जाएगा. इस ऐप में लोग केवल अपना गाटा नंबर, खसरा नंबर या घर का नंबर दर्ज करेंगे और तुरंत उनकी जमीन की सैटेलाइट इमेज, पूरा नक्शा, रकबा और सीमाएं स्क्रीन पर दिखाई देंगी.
कब से शुरू होगी यह सुविधा?
राजस्व परिषद के अध्यक्ष अनिल कुमार का कहना है कि इस व्यवस्था से जमीन से जुड़े विवादों में बड़ी कमी आएगी और लोगों को तहसील के चक्कर लगाने से राहत मिलेगी. अनिल कुमार ने बताया कि आने वाले 3-4 महीनों में यह सुविधा आम नागरिकों के लिए शुरू कर दी जाएगी. इसे देश का अब तक का सबसे बड़ा डिजिटल लैंड रिकॉर्ड प्रोजेक्ट माना जा रहा है.
जमीन को लेकर झगड़े होंगे खत्म
इससे पारदर्शिता बढ़ेगी और आपसी झगड़े भी खत्म होंगे. चाहे दो भाइयों के बीच सीमा विवाद हो या पड़ोसी के साथ मेड़ को लेकर बहस. अब ऐसे मामलों से छुटकारा मिलेगा. पहले लेखपाल के पास रखे पुराने कागज़ी नक्शे ही सबूत होते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. सैटेलाइट से ली गई ताज़ा इमेज को अंतिम सबूत माना जाएगा. कोई बहस नहीं, कोई विवाद नहीं. इसके तहत हर घर, हर कुएं और यहां तक कि हर पेड़ को भी टैग किया जाएगा.
बड़े पैमाने पर होगी लागू
कर्नाटक में इस तरह की सुविधा आंशिक तौर पर उपलब्ध है, लेकिन यूपी में इसे बड़े स्तर पर लागू किया जा रहा है. प्रदेश में कुल 1.07 लाख से अधिक राजस्व गांव और 57,694 ग्राम पंचायतें हैं. इन सभी का डिजिटल मैप तैयार किया जा रहा है.