UP में SIR की डेडलाइन अब 31 दिसंबर तक, चुनाव आयोग बोला- क्लीन वोटर लिस्ट प्राथमिकता
यूपी में अब तक बांटे गए SIR फॉर्म में से कुल 80.29 प्रतिशत मतदाताओं के प्रपत्र ही वापस आए हैं. ऐसे में चुनाव आयोग वोटर लिस्ट में नाम जुड़वाने के लिए मतदाताओं को 21 दिनों की और मोहलत दी है. अब यूपी में SIR 31 दिसंबर तक जारी रहेगा.
उत्तर प्रदेश में SIR की प्रक्रिया चल रही है. इस बीच चुनाव आयोग ने इसकी समय सीमा में 31 दिसंबर तक के लिए बढ़ा दी है. इससे लोग SIR में इस साल तक नाम जुड़वा सकेंगे. जानकारी के मुताबिक यूपी में अब तक SIR डिजिटाइजेशन का 99.24 प्रतिशत काम पुरा हो चुका है. लेकिन 80.29 प्रतिशत मतदाताओं के प्रपत्र ही वापस आए हैं. ऐसे में बाकी बचे मतदाताओं को SIR में नाम जुड़वाने के लिए 21 और दिन की मोहलत मिली है.
चुनाव आयोग की ओर से यूपी के साथ 6 अन्य राज्यों में भी एसआईआर की समयसीमा बढ़ाया गया है. आयोग का मानना है कि मतदाता सूची को अधिक क्लीन और सटीक बनाना प्राथमिकता है, इसलिए अतिरिक्त समय देना आवश्यक हो सकता है. प्रदेश में तकरीबन 76 प्रतिशत मतदाताओं की 2003 की वोटर लिस्ट मैपिंग हो चुकी है. एक करोड़ लोग अस्थाई रूप से स्थानांतरित हो चुके हैं.
इसका अर्थ ये हुआ कि ये लोग अपने पते पर नहीं मिले. तीन फीसदी लोग मृत पाए गए. यह संख्या तकरीबन 46 लाख लोगों की है. वहीं, 23.69 लाख डुप्लीकेट वोटर पाए गए हैं. इसके अलावा 2 करोड़ 91 लाख लोगों SIR फॉर्म डिटेक्टेबल यानी असंगृहित श्रेणी के हैं. ऐसे में UP मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने SIR से जुड़े इन सभी कामों को निपटाने के लिए चुनाव आयोग से दो हफ्ते का और वक्त मांगा था.
इन जिलों में अच्छी-खासी संख्या में कटेंगे वोट
बता दें इस बार बड़ी संख्या में मतदाता सूची से वोट हटाए गए हैं. इसकी कई वजहें हैं. पहली बड़ी संख्या में लोग स्थानांतरित हुए हैं. दूसरी कई पुराने वोटर्स की मौत हो चुकी है. इसके अलावा डुप्लीकेट वोट भी अच्छी खासी संख्या में कटे हैं. जानकारी के मुताबिक अयोध्या में लगभग 4,100 वोट और लखनऊ में लगभग 2.2 लाख वोट हटाए जा सकते हैं. इसके अलावा प्रयागराज में भी 2.4 लाख वोट काटे जाएंगे. वहीं , गाजियाबाद में 1.6 लाख वोटर और सहारानपुर में 1.4 लाख मतदाता हटाए जा सकते हैं.
डुप्लीकेट रजिस्ट्रेशन के खिलाफ चुनाव आयोग सख्त
चुनाव आयोग इस बार डुप्लीकेट रजिस्ट्रेशन के खिलाफ सख्त हो गई है. वोटर्स को सिर्फ एक ही जगह के लिए रजिस्ट्रेशन कराना आवश्यक है. डुप्लीकेट रजिस्ट्रेशन कराने वाले मतदाताओं के ऊपर चुनाव आयोग की तरफ से कार्रवाई की जाएगी. फिलहाल, देखा ये जा रहा है शहरी वोटर्स ने गांव की मतदाता सूची में अपना नाम रखने की ज्यादा प्राथमिकता दे रहे हैं. यूपी में 4 नवंबर से SIR चल रहा है.
