यूपी का एक ऐसा स्कूल जिसमें नहीं है कोई टीचर, चपरासी के भरोसे 141 बच्चों का भविष्य, हाईकोर्ट भी रह गया हैरान

उत्तर प्रदेश के रैपुरा गांव के जूनियर हाईस्कूल में शिक्षा के अधिकार का हनन हो रहा है. इस स्कूल में पिछले 2 साल से किसी भी टीचर की तैनानी नहीं की गई है. स्कूल एक चपरासी के भरोसे चलाया जा रहा है. अब इसको लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा है.

चपरासी के भरोसे चल रहा यूपी का ये स्कूल Image Credit:

उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जिले से एक ऐसी खबर आई है, जिसे सुनकर आप भी हैरान हो जाएंगे. यहां एक जूनियर हाई स्कूल ऐसा है, जहां पर एक भी टीचर पदस्थ नहीं. सिर्फ चपरासी की बदौलत पूरा स्कूल चल रहा है. इसको लेकर कुछ समय पहले जनहित याचिका दाखिल की गई थी. अब इसपर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार से जवाब मांगा.

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इसे लापरवाही बताते हुए कहा है कि शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 के तहत 6-14 साल के बच्चों को निशुल्क और अनिवार्य शिक्षा उपलब्ध होना मौलिक अधिकार है. इसके बावजूद रैपुरा गांव के जूनियर हाईस्कूल में पिछले 2 साल कोई टीचर नहीं. स्कूल एक चपरासी के भरोसे चलाया जा रहा है.

रैपुरा गांव के राहुल सिंह पटेल ने दायर की थी याचिका

रैपुरा गांव के ही रहने वाले राहुल सिंह पटेल स्कूल में शिक्षक नहीं होने को लेकर जनहित याचिका दायर की थी. याचिका में उन्होंने बताया कि यह स्कूल सरकार से मान्यता है. इसमें कुल 9 पद हैं. फिर भी पिछले 2 साल से एक भी शिक्षक की तैनाती यहां नहीं की गई.

शिकायत के बाद भी नहीं हुई कार्रवाई

राहुल सिंह पटेल के मुताबिक उन्होंने स्कूल में शिक्षक ना होने की शिकायत उन्होंने 11 अगस्त 2025 को चित्रकूट के डीएम और बेसिक शिक्षा अधिकारी से की. फिर आईजीआरएस (इंटीग्रेटेड ग्रिवांस रिड्रेसल सिस्टम) पर भी शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. अब इसपर मुख्य न्यायमूर्ति अरुण भंसाली और न्यायमूर्ति क्षितिज शैलेन्द्र की खंडपीठ ने सरकार से जवाब मांगा है.

स्कूल में पढ़ते हैं 141 बच्चे

जानकारी के मुताबिक शैक्षिक सत्र 2025-26 में के दौरान कक्षा 6 में 35, कक्षा 7 में 46 और कक्षा 8 में 65 बच्चों का दाखिला हुआ है. फिलहाल स्कूल में कुल 141 बच्चे रजिस्टर्ड हैं. विद्यालय में 3 चपरासी पद है, जिनमें से 2 खाली. सिर्फ एक चपरासी रामभवन के सहारे स्कूल का संचालन हो रहा है.