काशी विश्वनाथ मंदिर में स्पर्श दर्शन पर रोक, जानें क्यों लिया गया ये फैसला

नए साल को देखते हुए इस समय काशी में रोजाना दो लाख से ज़्यादा श्रद्धालु मंदिर में दर्शन करने के लिए पहुंच रहे हैं. 31 दिसंबर और 01 जनवरी को श्रद्धालुओं की संख्या छह लाख तक पहुंचने की संभावना है. ऐसे में काशी विश्वनाथ मंदिर में 24 दिसंबर से 03 जनवरी तक स्पर्श दर्शन बंद कर दिया गया है.

काशी विश्वनाथ मंदिर (फाइल फोटो) Image Credit:

दिसंबर का महीना खत्म होने को है. इस बीच तीर्थंयात्रियों और पर्यटकों का हुजूम काशी में उमड़ पड़ा है. रोज दो से ढाई लाख पर्यटक और श्रद्धालु काशी पहुंच रहे हैं. इस भीड़ को देखते हुए श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास ने आज से स्पर्श दर्शन पर रोक लगा दी है. अब 24 दिसंबर से तीन जनवरी तक काशी विश्वनाथ मंदिर में स्पर्श दर्शन पर रोक रहेगी.

काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के एसडीएम शंभू शरण ने बताया कि अभी से ही मंदिर में श्रद्धालुओं का पहुंचना शुरू हो चुका है. देश के कोने-कोने से श्रद्धालु बाबा विश्वनाथ के दर्शन करने के लिए पहुंच रहे हैं. मंदिर में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए जिग जैग लाइन व्यवस्था के माध्यम से श्रद्धालुओं को परिसर में भेजा जाएगा.

31 दिसंबर को मंदिर में 6 लाख श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना

उन्होंने आगे बताया कि रोज दो लाख से ज़्यादा श्रद्धालु मंदिर में दर्शन करने के लिए पहुंच रहे हैं. साल के आखिरी और नए साल के पहले दिन यानी कि 31 दिसंबर और एक जनवरी को श्रद्धालुओं की संख्या छह लाख तक पहुंचने की संभावना है.

न्यू ईयर टूरिस्ट डेस्टिनेशन में काशी नंबर वन!

नए साल पर अब धूम धड़ाका की जगह ईश्वर के प्रति धन्यवाद और परिवार के कल्याण की कामना के लिए काशी विश्वनाथ आने की नई परंपरा बनी है. ऑल इंडिया टूरिस्ट फेडरेशन के कोऑर्डिनेटर एके सिंह ने बताया कि विशेष रूप से काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर बनने के बाद से नए साल पर काशी आने वाले पर्यटकों की संख्या देश में किसी भी टूरिस्ट डेस्टिनेशन की तुलना में सबसे ज़्यादा है.

वाराणसी ने आगरा-गोवा को 3 साल पहले ही पीछे छोड़ा

आगरा और गोवा को वाराणसी ने तीन साल पहले ही पीछे छोड़ दिया है. दस साल पहले तक वेस्टर्न कांसेप्ट पर धूम धड़ाके के साथ कॉकटेल न्यू ईयर मनाने की एक परम्परा सी थी. लवर्स पॉइंट आगरा या बीच पॉइंट गोवा, दुबई या काठमांडू जाने का ट्रेंड था. लेकिन अब परिवार के कल्याण की कामना लिए साल भर सुख-शांति और समृद्धि के लिए बाबा विश्वनाथ के दरबार में हाजिरी लगाने की नई परम्परा बन गई है.

पर्यटकों की संख्या बढ़ने के पीछे ये भी वजह

एके सिंह ने आगे कहा कि आश्चर्य ये है कि सबसे ज़्यादा ईयर एन्ड पर काशी यूथ आ रहे हैं. इस उयलब्धि के पीछे नई राजनैतिक चेतना के साथ साथ कानून व्यवस्था और काशी के लोगों का व्यवहार भी है. मुझे ये कहने में कोई संकोच नही है कि गोवा की तुलना में काशी के लोगों का व्यवहार ज़्यादा अच्छा है.