छांगुर बाबा की कोठी पर चला बुलडोजर, सरकारी जमीन घेरकर बनी थी कोठी; प्रशासन ने पहले ही दे दिया था नोटिस

धर्मांतरण माफिया छांगुर बाबा पर प्रशासन ने शिकंजा कस दिया है. मंगलवार को प्रशासन ने सरकारी जमीन घेर कर बनी छांगुर बाबा की कोठी पर बुलडोजर चला दिया. प्रशासन ने पहले ही छांगुर बाबा को इस संबंध में नोटिस दे दिया था.

छांगुर बाबा की कोठी पर चला बुलडोजर

उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में धर्मांतरण माफिया छांगुर बाबा पर प्रशासन ने शिकंजा कस दिया है. मंगलवार को प्रशासन ने सरकारी जमीन घेर कर बनी छांगुर बाबा की कोठी पर बुलडोजर चला दिया. प्रशासन ने पहले ही छांगुर बाबा को इस संबंध में नोटिस दे दिया था. उतरौला कोतवाली क्षेत्र के मधपुर गांव में बनी यह आलीशान को कोठी ग्राम समाज की जमीन पर बनी है. इसी कोठी में बैठकर छांगुर बाबा अपने सहयोगी नवीन रोहरा और नीतू रोहरा के साथ रैकेट को ऑपरेट करता था.

धर्मांतरण माफिया की कोठी पर बुलडोजर लेकर पहुंची प्रशासन की टीम को शुरूआत में काफी मशक्कत करनी पड़ी. गेट पर ताला लगा हुआ था. वहीं अंदर खड़ी महिला ने ताला नहीं खोला तो प्रशासन ने गेट तोड़ने के साथ ही एक्शन शुरू कर दिया. तीन बुलडोजर के साथ पहुंची प्रशासन की टीम ने छांगुर बाबा की कोठी में एक तरफ से तोड़फोड़ शुरू कर दी है. बता दें कि सोमवार को ही छांगुर बाबा के गेट पर नोटिस की बात सामने आई थी. हालांकि इस नोटिस पर डेट 17 मई का लिखा हुआ है.

15 दिन पहले ही पूरी हो गई मोहलत

यही नहीं, जो सात दिन की मोहलत दी गई थी, वह भी 24 मई को खत्म हो गई थी. अधिकारियों के मुताबिक ग्राम समाज की करीब तीन बीघे जमीन घेर इस कोठी का निर्माण करीब 3 करोड़ रुपये के लागत से किया गया था. छांगुर बाबा ने यह कोठी अपनी सहयोगी नीतू के नाम पर बनवाई थी. नीतू का पति भी भी छांगुर बाबा का सहयोगी है, लेकिन नीतू उसे छोड़ कर 24 घंटे छांगुर बाबा के साथ ही रहती थी. गिरफ्तारी के वक्त भी वह छांगर बाबा के साथ होटल के कमरे में छिपी हुई थी.

किसी को बंधक बनाने की भी थी सूचना

पुलिस सूत्रों के मुताबिक छांगुर बाबा की इस कोठी में किसी व्यक्ति को बंधक बनाकर रखने की सूचना थी. इस सूचना के बाद एसडीएम उतरौला के नेतृत्व में भारी संख्या में पुलिस पार्टी पहुंची और गेट तोड़ कर कोठी में बने सभी कमरों की तलाशी ली गई. इसके बाद बुलडोजर मंगा कर इस कोठी में तोड़फोड़ शुरू की गई है.