2 लाख का इनामी, बदायूं जेल से हुआ था फरार… अब बरेली STF के हत्थे चढ़ा बदमाश
बरेली STF ने 2 लाख रुपये के इनामी बदमाश सुमित कुमार चौधरी को गिरफ्तार किया है. वह 2018 में बदायूं जेल से फरार हो गया था. तब से वह पुलिस की गिरफ्त से बचते आ रहा था. सुमित पर मुरादाबाद में पूर्व ब्लॉक प्रमुख की हत्या समेत कई मामले दर्ज हैं.

बरेली STF को गुरुवार को बड़ी कामयाबी हासिल हुई है. एसटीएफ ने दो लाख रुपये के इनामी बदमाश सुमित कुमार चौधरी को गिरफ्तार किया है. सुमित 2018 में बदायूं जेल की दीवार कूद कर फरार हो गया था. तब से वह पुलिस की आंखों में धूल झोंकता आ रहा था. उसपर बरेली, मुरादाबाद और बदायूं में कई मुकदमें दर्ज हैं.
मुरादाबाद के हजरतगढ़ी का रहने वाला सुमित चौधरी जेल से भागने के बाद दिल्ली, मेरठ , तमिलनाडु और असम में अपनी पहचान छिपाकर रह रहा था. इस बीच कुछ दिनों पहले वह बरेली आया था. वह यहां से नेपाल भागने की फिराक में था. लेकिन उससे पहले एसटीएफ ने घेराबन्दी करके उसको दबोच लिया है.
बरेली-पीलीभीत रोड के पास हुआ गिरफ्तार
दो लाख का इनामी बदमाश साल 2018 से ही लगातार पुलिस की पकड़ से दूर रह रहा था. पुलिस और स्थानीय थानों ने कई बार उसकी तलाश की लेकिन कोई सुराग नहीं मिल पाया. सुमित इतना शातिर था कि वह मोबाइल फोन का इस्तेमाल भी बेहद कम करता था. यही वजह रही कि वह सर्विलांस की निगाहों से भी बचा रहा.
इस बीच वह नेपाल भागने की कोशिश में था. बरेली एसटीएफ को उसकी गतिविधियों की सूचना मिली, जिसके बाद टीम ने घेराबंदी करके उसे इज्जत नगर थाना क्षेत्र के बरेली-पीलीभीत रोड के हाइवे पुल के नीचे से गिरफ्तार किया. गिरफ्तारी के बाद उसे कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया है.
पूर्व ब्लॉक प्रमुख की कचहरी में की थी हत्या
सुमित चौधरी का नाम पहली बार सुर्खियों में तब आया, जब उसने 23 फरवरी 2015 को मुरादाबाद कचहरी परिसर में पूर्व ब्लॉक प्रमुख योगेंद्र सिंह उर्फ भूरा की हत्या कर दी थी. उस दिन योगेंद्र सिंह को कोर्ट में पेशी के लिए पुलिस लेकर आई थी. तभी सुमित ने कचहरी के अंदर गोलियों से भूनकर उसकी हत्या कर दी.
इसके बाद पुलिस ने सुमित को मौके से ही दबोच लिया गया और जेल भेजा दिया गया था. सितंबर 2015 में उसे मुरादाबाद से बदायूं जेल शिफ्ट किया गया. लेकिन तीन साल बाद 12 मई 2018 को उसने जेल से भागने की साजिश रची. कुख्यात अपराधी चंदन की मदद से वह रस्सी के सहारे जेल की दीवार फांदकर फरार हो गया.
सात साल की फरारी का हो गया अंत
फरारी के दौरान उसका साथी चंदन दीवार से गिरकर घायल हो गया और पकड़ लिया गया, लेकिन सुमित भाग निकलने में कामयाब रहा. जेल से भागने के बाद सुमित कभी नेपाल तो कभी देश के अलग-अलग राज्यों में छिपकर रहता था. उसकी तलाश में पुलिस की कई टीमें लगी थी. वहीं अब उसके सात साल की फरारी का अंत हो गया.