पीलीभीत से जालौन तक मीनाक्षी का ब्लैकमेलिंग नेटवर्क, 25 लाख नहीं दिए तो लिखा दिया रेप केस
जालौन में इंस्पेक्टर अरुण कुमार राय की मौत मामले में कांस्टेबल मीनाक्षी शर्मा जेल में बंद है. इस बीच कांस्टेबल की पुरानी गतिविधियों की परतें खुलने लगी हैं. मीनाक्षी शर्मा पर ब्लैकमेलिंग नेटवर्क चलाने का भी आरोप है. उसने कथित तौर पर पुलिसकर्मियों को प्रेम जाल में फंसाकर 25 लाख रुपए मांगे और मना करने पर फर्जी रेप केस दर्ज कराए.
जालौन के कुठौंद थाने के इंस्पेक्टर अरुण कुमार राय की मौत के बाद आरोपी महिला सिपाही मीनाक्षी शर्मा की पुरानी गतिविधियों की परतें खुलने लगी हैं. जालौन में सामने आए आरोपों से पहले, मीनाक्षी 2019 बैच की सिपाही के पद पर भर्ती हुई थी, जिसकी पीलीभीत में पहली तैनाती पूरनपुर थाने में हुई थी. जहां उसने एक सिपाही को प्रेम जाल में फसाया.
मीनाक्षी सिपाही को प्रेम जाल में फसाकर शादी का दबाव बनाने लगी. जब सिपाही नहीं फंसा तो उसने कुछ निजी वीडियो बनाकर उससे 25 लाख रुपए मांगे. सिपाही के परिवार वालों ने उसका साथ दिया और रुपए देने से मना कर दिया, जिसके बाद मीनाक्षी ने उसके खिलाफ पीलीभीत कोतवाली में रेप का मुकदमा दर्ज कराया, और सिपाही दो माह तक जेल में रहा.
मीनाक्षी पुरानी ब्लैकमेलर है- पीड़ित सिपाही
पीलीभीत में तैनात रहे सिपाही मोहित खोखर ने चौकाने वाला दावा किया है. उनका कहना है को मीनाक्षी ब्लैकमेलर है. उसने मुझे प्रेमजाल में फंसाया, फिर 25 लाख रुपए की मांग शुरू कर दी. पैसे न देने पर अश्लील वीडियो से ब्लैकमेल किया और झूठा मुकदमा लिखवा दिया. मोहित के मुताबिक, मीनाक्षी केवल अकेले नहीं काम करती, बल्कि उसके पिता और भाई भी इस ब्लैकमेलिंग गैंग का हिस्सा हैं.
पूरनपुर पोस्टिंग के दौरान फंसा लिया- सिपाही
मोहित ने बताया कि 2022 में पूरनपुर थाने में उसकी पोस्टिंग थी, वहीं मीनाक्षी भी तैनात थी. पहले दोस्ती, फिर नजदीकियां, उसके बाद ब्लैकमेलिंग की शुरुआत की. कुछ महीनों बाद मीनाक्षी के पिता और भाई ने उससे 25 लाख रुपए की मांग शुरू कर दी. ‘जैसे-जैसे मैं पैसे देने से मना करता गया, वैसे-वैसे धमकियां बढ़ती गईं. मैंने परिवार को बताया, उन्होंने साफ मना कर दिया कि एक रुपया भी नहीं देना है.’
‘फर्जी रेप केस किया, मैं दो महीने तक जेल में रहा’
सिपाही मोहित का दावा है कि पैसे देने से इनकार उसके लिए महंगा पड़ गया. ‘2022 में मीनाक्षी ने मेरे खिलाफ फर्जी रेप का केस दर्ज करा दिया. मैं दो महीने जेल में रहा. उस दौरान मेरी नौकरी और मेरी इज्जत, सब खत्म होने की कगार पर पहुंच गई थी.’ सिपाही के अनुसार, यह मामला अभी कोर्ट में है, लेकिन मीनाक्षी अब तक एक भी तारीख पर पेश नहीं हुई क्योंकि मामला झूठा था.
एक SSI को भी फंसाकर 25 लाख लेने का आरोप
मोहित का दावा है कि वह अकेले पीड़ित नहीं है. उसने बताया कि अमरिया थाना क्षेत्र के एक वरिष्ठ उपनिरीक्षक (SSI) को भी इसी तरह प्रेमजाल में फंसाकर उससे भी लाख रुपये ऐंठे गए. यह भी आरोप है कि मीनाक्षी के पिता और भाई मिलकर पुलिसकर्मियों को निशाना बनाते हैं. आरोप है कि मीनाक्षी और उसके परिवार ने ब्लैकमेलिंग के जरिए करोड़ों की अवैध संपत्ति इकट्ठी कर ली है.
सिरोही के मुताबिक, ‘पूरी फैमिली एक गैंग की तरह काम करती है. जो पैसा ब्लैकमेल कर वसूला जाता है, उससे प्रॉपर्टी खरीदी जाती है. इसकी भी जांच होनी चाहिए.’ मोहित ने बताया कि झूठे केस के बाद उसे विभागीय स्तर पर ताने झेलने पड़े. कई सहकर्मी उस पर उंगली उठाने लगे. आखिरकार उसे पीलीभीत से हटाकर दूसरे जिले में ट्रांसफर कर दिया गया.
