जुनून के लिए पिता का जमा-जमाया कारोबार छोड़ा, छोड़ दिया लाखों का पैकेज; IPS सागर जैन की सक्सेस स्टोरी
सहारनपुर में एसपी ग्रामीण आईपीएस सागर जैन सैकड़ों युवाओं के प्रेरणाश्रोत हैं. उन्होंने करोड़पति पिता का कारोबार छोड़कर देश सेवा का रास्ता चुना. आईआईटी धनबाद से बी-टेक और लाखों के पैकेज वाली नौकरी ठुकराकर उन्होंने यूपीएससी की तैयारी की और साल 2018 में 160वीं रैंक हासिल की. उनका जुनून दर्शाता है कि कैसे दृढ़ संकल्प से कोई भी लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है.

पिता चाहते थे कि बेटा लंबा चौड़ा कारोबार संभाले, लेकिन बेटे के दिमाग में तो अलग ही जुनून था. उसके तो सपने में भी वर्दी ही दिखती थी. उसने अपने जुनून को पूरा करने के लिए ना केवल पिता का कारोबार छोड़ा, बल्कि लाखों के पैकेज वाली नौकरी को भी लात मार पुलिस में जाने की कठिन राह चुन ली. फिर कठिन परिश्रम करते हुए यूपीएससी की परीक्षा साल 2018 में ऑल इंडिया रैंक 160 हासिलकर लिया. बात हो रही है उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में एसपी आईपीएस ग्रामीण सागर जैन की.
मध्य प्रदेश के होशंगाबाद में एक प्रतिष्ठित कारोबारी परिवार में पैदा हुए सागर जैन ने बचपन से कभी गरीबी देखी ही नही. घर में खूब संपन्नता थी. पिता का लंबा चौड़ा कारोबार था. उनके पिता चाहते थे कि बेटा उनके कारोबार को ही नई ऊंचाई दे. इसलिए वह बचपन से ही सागर जैन को कारोबार देखने और समझने के लिए प्रेरित करते थे. लेकिन सागर के दिमाग में तो कुछ और ही चल रहा था. उन्होंने अपने परिवार में साफ साफ बोल दिया कि उन्हें कारोबार में नहीं जाना, बल्कि देश की सेवा करनी है.
आईआईटी धनबाद से किया बी-टेक
अपने माता-पिता के इकलौते बेटे होने के बावजूद उन्होंने परिवार की संपन्नता को ठोकर मार दिया और सबसे पहले आईएसएम धनबाद (अब IIT धनबाद) से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बी.टेक की डिग्री हासिल की. इसके बाद उन्हें कई बड़ी कंपनियों से लाखों रुपये पैकेज के ऑफर भी मिले, लेकिन सागर जैन कहां रूकने वाले थे. उन्होंने तो इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान ही तय कर लिया था कि उनका लक्ष्य अब सिविल सर्विसेज है.
पैकेज छोड़ पकड़ी संघर्ष की राह
उन दिनों उनके साथी बड़ी बड़ी कंपनियों में नौकरी और पैकेज की राह चुन रहे थे, उस समय सागर जैन ने एक बार फिर संघर्ष और अनुशासन का रास्ता अपनाया. कड़ी मेहनत की और समर्पण के बल पर उन्होंने यूपीएससी 2018 की परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक 160 हासिल की. इस प्रकार वह 2019 बैच के आईपीएस अधिकारी बने. ट्रेनिंग के दौरान वह वाराणसी और मुरादाबाद जैसे जिलों में काम करते हुए सागर जैन ने पुलिसिंग की बारीकियां सीखी.
डीजी कमेंडेशन डिस्क से सम्मानित
उनका मानना है कि एक अधिकारी का असली काम सिर्फ आदेश देना नहीं, बल्कि खुद मौके पर रहकर जनता के बीच काम करना है. वह 22 फरवरी 2023 से सहारनपुर जिले के एसपी (देहात) के रूप में कार्यरत हैं. यह इलाका तीन राज्यों उत्तराखंड, हरियाणा और हिमाचल की सीमाओं से जुड़ा है, जहां अपराध नियंत्रण एक बड़ी चुनौती है. उनकी कार्यकुशलता और ईमानदार नेतृत्व को देखते हुए 26 जनवरी 2023 को उन्हें डीजी कमेंडेशन डिस्क (सिल्वर) से सम्मानित किया गया.