बरेली में फायरिंग हो या गोरखपुर में मर्डर… अभी तक नहीं पकड़े गए आरोपी, क्या कर रही है UP पुलिस?
उत्तर प्रदेश में बरेली में दिशा पाटनी के घर पर हुई फायरिंग और गोरखपुर में NEET छात्र की हत्या के मामलों में पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं. इन दोनों ही मामलों में खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपराधियों को पकड़ने का भरोसा दिलाया था, लेकिन तीन दिन बाद भी अब तक गिरफ़्तारी तो दूर, बदमाशों की पहचान तक नहीं हो सकी है. दोनों ही मामलों में पीड़ित परिवारों ने पुलिस की सुस्ती पर गंभीर आरोप लगाए हैं.

उत्तर प्रदेश के बरेली में बॉलीवुड एक्ट्रेस दिशा पाटनी के घर पर फायरिंग और गोरखपुर में NEET छात्र की हत्या, इन दो मामलों ने उत्तर प्रदेश की खूब किरकिरी कराई है. इन दोनों ही मामलों में खुद सीएम योगी एन्वॉल्व हैं. उन्होंने खुद ऐलान किया है कि अपराधियों को पाताल से भी ढूंढ निकालेंगे. मुख्यमंत्री के इस ऐलान के बाद पूरे प्रदेश की पुलिस फोर्स में बदमाशों की तलाश में जुट गई, लेकिन तीन दिन बाद भी परिणाम सिफर है. दोनों ही मामलों में पुलिस अब तक पीड़ित परिवार को संतुष्ठ नहीं कर पाया है. बल्कि दोनों ही मामलों में पीड़ित परिवार ने गंभीर आरोप लगाते हुए पुलिस की कार्य प्रणाली पर सवाल उठाए हैं. आइए, आज हम इन दोनों मामलों को खंगालने की कोशिश करते हैं. देखते हैं कि अब तक दोनों मामलों की जांच कहां तक पहुंची.
पहले बात करते हैं गोरखपुर में NEET छात्र की हत्या की. तीन दिन पहले दो गाड़ियों में भरकर गोतस्कर आते हैं और एक फर्नीचर के गोदाम का शटर तोड़ने की कोशिश करते हैं. जानकारी होने दुकान मालिक और NEET छात्र दीपक अपने पिता के साथ आया, जिन्हें देखकर गो तस्कर भागने लगे. ऐसे में दीपक ने अपने पिता एवं अन्य ग्रामीणों के साथ मिलकर उन्हें घेरने की कोशिश की. संयोग से इसी दौरान दीपक की बाइक फिसल गई और मौका देखकर गोतस्करों ने दीपक को भी उठाकर अपनी गाड़ी में डाल लिया और करीब 4 किमी आगे सड़क पर फेंककर फरार हो गए. जबतक लोग वहां पहुंचे, दीपक की मौत हो चुकी थी.
गोरखपुर में कैंप कर रहे एसटीएफ चीफ
इसी बीच ग्रामीणों ने गोतस्करों की एक गाड़ी को घेर लिया, लेकिन गोतस्कर इसमें से उतर कर दूसरी गाड़ी में फरार हो गए. हालांकि इस दौरान ग्रामीणों ने एक आरोपी को पकड़ लिया और बुरी तरह मारपीट करने के बाद उसकी गाड़ी में आग लगा दी. बाद में मौके पर पहुंची पुलिस उस गोतस्कर को अधमरे हालत में लोगों से छुड़ाकर अस्पताल में भर्ती कराया है. अब दीपक के परिजनों का आरोप है कि उसे गोली मारी गई है, जबकि पुलिस और प्रशासन का कहना है कि चोट लगने से मौत हुई है. इस मामले में सीएम योगी ने पीड़ित परिवार से बात की. कहा कि बदमाशों को पाताल से भी ढूंढ निकालेंगे. हालांकि अभी तक पुलिस बदमाशों की पहचान तक नहीं कर सकी है. जबकि खुद एडीजी लॉ एंड ऑर्डर एवं एसटीएफ चीफ अमिताभ यश गोरखपुर में ही कैंप कर रहे हैं.
बरेली कांड में लकीर पीट रही पुलिस
अब दूसरा मामला बरेली का. गोरखपुर हत्याकांड में तो पुलिस को अंदेशा है कि अपराधी कौन लोग हो सकते हैं, लेकिन बरेली में एक्ट्रेस दिशा पाटनी के घर पर हमले के मामले में तो पुलिस को यही नहीं पता कि वारदात किसने की, क्यों की और टारगेट क्या था? अभी तक पुलिस हवाई हवाई इनपुट पर ही काम करती नजर आ रही है. एक फोनकॉल वाले इनपुट पर पुलिस टीम राजस्थान के भरतपुर पहुंची थी, वहां पता चला कि फोन करने वाला सनकी है और उसका इस वारदात से कोई लेना देना ही नहीं. एक और इनपुट सोशल मीडिया से मिला, जिसमें लॉरेंस के गुर्गे रोहित गोदारा और गोल्डी बरार द्वारा वारदात की जिम्मेदारी लेने की बात कही गई थी, लेकिन इसमें भी इस सोशल मीडिया पोस्ट के अलावा कुछ नहीं है.
हैरान कर सकता है पुलिस का तर्क
अब इस मामले में पुलिस तर्क दे रही है कि ढाई हजार सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली गई है. 8 टीमें बनाकर हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान में दबिश हो रही है. अब तक करीब साढ़े पांच सौ बदमाशों की लिस्ट बनाकर 300 से अधिक बदमाशों से पूछताछ की गई है. बावजूद इसके, अभी तक पुलिस को पता नहीं चल पाया है कि यह वारदात किसने की. ऐसे में पुलिस रोज एक नया शिगूफा छोड़ती है और उसे ट्रैस करने की कोशिश का दावा कर रही है. अब पुलिस ने दावा किया गया है कि बदमाश वारदात को अंजाम देने के बाद उत्तराखंड की ओर गए हो सकते हैं.
सीएम ने की थी एक्ट्रेस के पिता से बात
बरेली मामले में सीएम योगी ने खुद एक्ट्रेस दिशा पाटनी के पिता से बात किया था. इस घटन से डरे सहमे एक्ट्रेस के पिता को सीएम ने यह कहते हुए भरोसा दिया था कि बदमाश पाताल में भी छिपे होंगे तो उन्हें ढूंढ निकालेंगे. इस बात की पुष्टि खुद एक्ट्रेस के पिता ने मीडिया से बातचीत में किया. उन्होंने कहा कि मुखयमंत्री की बात पर उन्हें पूरा भरोसा है. लेकिन इस बात को भी तीन दिन हो चुके हैं, लेकिन अभी तक बरेली पुलिस लकीर पीटती ही नजर आ रही है. अब पीड़ित परिवार का कहना है कि पुलिस पूरी जिम्मेदारी से काम नहीं कर रही.