रणनीति या मतभेद… रिहाई पर सपा नेताओं ने बनाई दूरी, अखिलेश के बयान पर क्या बोले आजम?
आजम खान की रिहाई पर मुरादाबाद की सपा सांसद रुचि वीरा पहुंची, लेकिन सपा के बड़े नेता नदारद रहे. सियासी गलियारों में भी आजम खान और सपा आलाकमान के बीच दूरी की चर्चा शुरू हो गई है. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि आजम खान सपा छोड़ बसपा ज्वाइन कर सकते हैं.
समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान 23 महीने बाद सीतापुर जेल से रिहा हो गए हैं. रिहाई से खुश सपा कार्यकर्ताओं ने आपस में लड्डू बांटे. लेकिन आजम खान की रिहाई के वक्त समाजवादी पार्टी के बड़े नेताओं की गैरमौजूदगी रही. ऐसे में सपा आलाकमान और आजम खान के बीच दूरी की चर्चा सियासी गलियारों में तेज हो गई है. हालांकि, अखिलेश यादव ने जरूर आजम खान की आजादी को लेकर कोर्ट का आभार जताया.
समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो अखिलेश यादव कहा कि प्रदेश में सपा सरकार बनने पर आजम खान के खिलाफ लगे सभी मुकदमे वापस लिए जाएंगे. लेकिन अखिलेश के इस बयान पर आजम की चुप्पी और मुस्कराहट ने सियासी गलियारों में हलचल पैदा कर दी है.
आजम खां की रिहाई और सपा नेताओं की दूरी
आजम खान जिस वक्त जेल से बाहर आ रहे थे उस दौरान मुरादाबाद की सपा सांसद रुचि वीरा और कुछ स्थानीय नेता ही उनके स्वागत के लिए मौजूद थे. वहीं, 2022 में उनकी रिहाई के दौरान पूर्व कैबिनेट मंत्री शिवपाल यादव जेल के बाहर मौजूद थे. ऐसे में आजम की रिहाई पर सपा के बड़े नेताओं का ना आना सियासी गलियारों में एक बड़ी चर्चा बन गई है.
समाजवादी पार्टी की गैरमौजूदगी पर आजम खान की प्रतिक्रिया ने भी सस्पेंस गहरा दिया. आजम ने अपने चिरपरिचित अंदाज में तंज कसते हुए कहा कि अगर मैं बड़ा नेता होता तो कोई बड़ा नेता मिलने जरूर आता. उनकी इस टिप्पणी से सपा आलाकमान और उनके बीच आई दूरियां और संगठन के भीतर तनाव की अटकलों को हवा दी.
अखिलेश यादव ने कोर्ट का जताया आभार
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने लखनऊ में एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि हम कोर्ट का धन्यवाद करते हैं कि आजम खान को न्याय मिला. भाजपा ने उन पर झूठे मुकदमे लगाए. सपा सरकार बनने पर उनके सभी केस वापस लिए जाएंगे, जैसे योगी सरकार ने अपने नेताओं के मुकदमे वापस लिए. इसके साथ ही पत्रकारों पर लगे मुकदमे वापस लिए जाएंगे. अखिलेश ने अपने ट्विटर यानी X पोस्ट पर भी लिखा कि न्याय में विश्वास को बनाए रखने के लिए कोर्ट का शुक्रिया. फर्जी मुकदमों की एक मियाद होती है. सामाजिक सौहार्द के प्रतीक लोगों को भाजपा कभी पसंद नहीं करती.
समाजवादी पार्टी की नई रणनीति
समाजवादी पार्टी के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक भाजपा आजम खान के मुद्दे को धार्मिक ध्रुवीकरण के लिए इस्तेमाल करना चाहती है. सपा इसे टालने के लिए सतर्क है. अखिलेश यादव का इटावा में भव्य मंदिर बनवाना और राममनोहर लोहिया के “हिंदू बनाम हिंदू” दर्शन को अपनाना सपा की उदार हिंदुत्व की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है. यही कारण है कि सपा के बड़े नेताओं ने आजम की रिहाई पर दूरी बनाए रखी. वहीं, एक दूसरे सपा नेता ने कहा कि आजम खान के मूड का पता नहीं. कब क्या बोल दें, इसलिए बिना सहमति के कोई वरिष्ठ नेता उनसे मिलने नहीं गया.
क्या बसपा ज्वाइन करेंगे आजम?
आजम खान के बसपा में शामिल होने की अटकटें भी तेज हैं. इस पर आजम खान ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अभी कुछ कह नहीं सकता. यह वही लोग बता सकते हैं जो अटकलें लगा रहे हैं. पिछले पांच साल में जेल में रहने के कारण उनका किसी से संपर्क नहीं रहा. सेहत को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि पहले इलाज कराएंगे, सेहत ठीक करेंगे.
सपा ने भाजपा पर लगाया ये आरोप
अखिलेश ने भाजपा पर जातिगत भेदभाव का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि गोरखपुर में एक ही जाति को पोस्टिंग और ठेके दिए जा रहे हैं. साथ ही, उन्होंने कोर्ट से उम्मीद जताई कि वह जातीय भेदभाव खत्म करने का रास्ता दिखाएगा ताकि कोई मंदिर या घर को गंगा जल से न धोए. अखिलेश ने यह भी कहा कि सपा की गाड़ियों पर झंडा लगाने पर चालान काटा जा रहा है, जो सरकारी दबाव का सबूत है.