मंत्री बनते ही राजभर क्यों एक रिटायर्ड ट्रैफिक इंस्पेक्टर को सैल्यूट करने पहुंचे थे?
उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने एक निजी चैनल के पॉडकास्ट में अपने जीवन का एक सच उजाकर किया है. कहा कि राजनीति में आने से पहले वह टेंपू चलाते थे. एक ट्रैफिक इंस्पेक्टर ने एक दिन उन्हें तीन चार थप्पड़ लगा दिए थे. इससे दुखी होकर उन्होंने तय कर लिया कि एक दिन वह भी उस इंस्पेक्टर से सैलूट कराएंगे. फिर साल 2017 में पहली बार मंत्री बनने के बाद वह उस इंस्पेक्टर के घर भी पहुंचे थे. ओमप्रकाश ने इस घटना को अपने जीवन का टर्निंग पॉइंट बताया है.
उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री और सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर का एक बयान सोशल मीडिया में खूब वायरल हो रहा है. उनका यह बयान एक मीडिया चैनल को दिए इंटरव्यू का हिस्सा है. इसमें ओमप्रकाश राजभर ने उस घटना का जिक्र किया है, जिसे उनकी जिंदगी का टर्निंग पॉइंट कहा जाता है. यह घटना 40 साल पुरानी है. उस समय ओमप्रकाश राजभर पढ़ाई का खर्च निकालने के लिए बनारस में टेंपू चलाते थे.
ओमप्रकाश राजभर ने अपने इंटरव्यू में बताया कि उन दिनों टेंपू में तीन लोगों को लेकर चलने की अनुमति थी, लेकिन ज्यादा पैसे कमाने के लिए वह पांच सवारियां बैठाकर अंधरापुर चौराहे से गुजर रहे थे. उस समय एक ट्रैफिक इंस्पेक्टर ने उन्हें हाथ दी, लेकिन उन्होंने नजर बचाकर निकलने की कोशिश की. ऐसे में इंस्पेक्टर ने अपनी बाइक से उनका पीछा कर रोक लिया और तीन चार थप्पड़ लगा दिए. ओमप्रकाश राजभर ने बताया कि उस समय उन्होंने हाथ उठाकर इंस्पेक्टर को रोका था और कहा था कि उन्हें पढ़ाई के लिए पर्याप्त पैसे नहीं मिलते. इसलिए खर्चों की पूर्ति के लिए वह टेंपू चलाते हैं.
इंस्पेक्टर ने जब्त किया था टेंपू
ओमप्रकाश ने बताया कि यह सुनकर इंस्पेक्टर ने दोबारा मारा तो नहीं, लेकिन उनके टेंपू को पुलिस लाइन ले जाकर जब्त कर लिया. उसी समय उन्होंने तय कर लिया कि जिस इंस्पेक्टर ने उन्हें मारा है, एक दिन वह उसी से सैलूट कराएंगे. वह कहते हैं कि यह उनके जीवन का टर्निंग पॉइंट था और वह लक्ष्य तय कर काम में जुट गए. आखिरकार 2017 में वह पहली बार कैबिनेट मंत्री बने और वह दिन आ गया. उन्होंने मंत्री बनते ही सबसे पहले बनारस के डीएम को फोन किया और 1980 से 90 के बीच तैनात रहे सभी टीआई का नाम और पता मांगा.
सीधे घर पहुंच गए ओमप्रकाश
नाम आने के बाद उन्होंने उस टीआई की पहचान की. पता चला कि वह प्रयागराज के रहने वाले हैं और अब रिटायर हो चुके हैं. ऐसे में उन्होंने तत्काल प्रयागराज का प्रोटोकॉल लगवाया और उनके घर पहुंच गया. वहीं सामने आने पर उन्होंने उस टीआई को सैलूट किया. जब उन्होंने इसकी वजह पूछी तो उन्हें उस घटना की याद दिलाते हुए कहा कि आज मैं आपकी वजह से ही मंत्री हूं. यदि आपने तीन चार पड़ाका मारा नहीं होता तो मैं यहां नहीं होता.