कौन हैं शिवराज-बृजराज, जो पिता राजा भैया की बने ढाल… मां भानवी पर लगाए गंभीर आरोप
कुंडा विधायक राजा भैया के जुड़वा बेटे शिवराज प्रताप सिंह और बृजराज प्रताप सिंह हाल ही में अपने माता-पिता के विवाद में बयान देकर सुर्खियों में आ गए. ये दोनों अपने पिता के पदचिन्हों पर चलते हुए राजनीति कर रहे हैं. मां के विरुद्ध सार्वजनिक बयान देने के बाद दोनों के बारे में गूगल में खूब सर्च किया जा रहा है. 'बड़े राजा' और 'छोटे राजा' के नाम से जाने और पहचाने जा रहे राजा भैया के दोनों बेटों के न्याय करने का तरीका भी काफी पसंद किया जाता है.
उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ में कुंडा विधायक राजा भैया और उनकी पत्नी भानवी सिंह का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा. भदरी रियासत के किले से निकलकर यह विवाद पहले सड़क पर, फिर कोर्ट में और अब पीएमओ कार्यालय के बाद सोशल मीडिया पर खूब चल रहा है. इस विवाद में अब तक चुप रहे राजा भैया के दोनों बेटे शिवराज प्रताप सिंह और रघुराज प्रताप सिंह भी कूद पड़े हैं. अपनी मां भानवी सिंह की खूब लानत-मलानत कर चर्चा में आए शिवराज प्रताप और बृजराज प्रताप सिंह को कुंडा और प्रताप गढ़ में तो सभी जानते हैं, लेकिन अब इनके बारे में बाहर के लोग भी जानन चाहते हैं. उन्हें गूगल पर खूब सर्च भी किया जा रहा है.
भदरी रियासत के राजा अभी उदयप्रताप सिंह हैं. वहीं कुंडा विधायक राजा भैया युवराज हैं. जबकि उनके दोनों बेटे शिवराज प्रताप सिंह और बृजराज प्रताप सिंह कुंवर हैं. दोनों ने ग्वालियर स्थित सिंधिया स्कूल से स्कूली शिक्षा ग्रहण की. वहीं मुंबई से ग्रेजुएशन किया. साल 2003 में पैदा हुए शिवराज प्रताप सिंह और बृजराज प्रताप सिंह जुड़वा भाई हैं और पिता राजा भैया के नक्शे कदम पर चलते हुए इसी साल अप्रैल महीने में सक्रिय राजनीति शुरू की है. हालांकि साल 2022 के विधानभा चुनावों में इन्होंने कुंडा में अपने पिता के लिए घूमकर वोट मांगे थे.
इस नाम से बुलाते हैं कुंडा के लोग
कुंडा के लोग राजा भैया के बड़े बेटे शिवराज प्रताप सिंह को ‘बड़े राजा’ कहकर संबोधित करती है. वहीं बृजराज प्रताप सिंह को ‘छोटे राजा’ कहा जाता है. दोनों भाई अपने पिता की ही तरह पंचायतों में जाते हैं और पिता की स्टाइल में ही फैसले भी सुनाते हैं. कुंडा वासियों के मुताबिक दोनों पक्षों की सुनने के बाद जब ये फैसला सुनाते हैं तो दोनों पक्ष हंसी खुशी उसे स्वीकार भी कर लेते हैं. स्थानीय लोगों के मुताबिक इनके न्याय करने का तरीका बिलकुल व्यवहारिक और तर्क संगत होता है.
जन्म के समय जेल में थे पिता
शिवराज प्रताप और बृजराज प्रताप सिंह के जन्म के समय उत्तर प्रदेश में मायावती की सरकार थी. उन दिनों मायावती ने राजा भैया को पोटा कानून के तहत गिरफ्तार करा दिया था. इसकी वजह से राजा भैया 10 महीने तक अपने बेटों का चेहरा भी नहीं देख पाए थे. हालांकि बाद में मायावती की सरकार गिरने के बाद सपा की सरकार बनी और मुलायम सिंह की पहल पर राजा भैया की रिहाई हो सकी थी.
मां के साथ रहती हैं दोनों बहनें
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, माता-पिता के विवाद में राजा भैया के चारों बच्चे भी बंट कर रह गए हैं. एक तरफ जहां दोनों बेटे शिवराज प्रताप सिंह और बृजराज प्रताप सिंह पिता के साथ भदरी रियासत के किले में रहते हैं. वहीं दूसरी ओर उनकी दोनों बेटियां राघवी कुमारी और बजेश्वरी कुमारी अपनी मां के साथ दिल्ली में रहती हैं. राघवी शूटिंग में स्टेट लेबल चैंपियन रह चुकी है. उन्होंने साल 2018 में डबल ट्रैप शूटिंग में गोल्ड मेडल हासिल किया था. उन्हें शूटिंग की कला विरासत में मिली है. पिता राजा भैया और दादा उदय प्रताप सिंह भी शूटिंग के शौकीन रहे हैं.
बेटे मां के विरोध में तो बेटियां पिता के खिलाफ
अभी माता-पिता के विवाद में शिवराज प्रताप सिंह और बृजराज प्रताप सिंह ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए स्थिति स्पष्ट करने की कोशिश की थी. इसमें दोनों ने घर के विवाद के लिए अपनी मां को ही जिम्मेदार बताया था. कहा था कि उनकी मां लालची है और इसी लालच की वजह से उनके पिता को बदनाम करने की कोशिश कर रही है. जबकि कुछ दिन पहले ही राजा भैया की बेटी राघवी कुमारी ने सोशल मीडिया पोस्ट किया था. इसमें उन्होंने अपनी मां का पक्ष लेते हुए कहा था कि उनकी लड़ाई केवल पद और पैसे की नहीं, बल्कि जीवन जीने के अधिकार की है.