
आजम खान की रिहाई ‘झांकी’ है, असली ‘चाल’ अभी बाकी है?
आजम खान की जेल से रिहाई को एक पखवाड़े से ज्यादा का समय हो गया है, लेकिन सूबे के सियासी गलियारों में आजम खान के सियासी कदम पर लगाए जा रहे कयासों का सिलसिला थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. जेल से रिहाई के बाद आजम खान जहां अखिलेश यादव पर मुलायम हैं तो वहीं बसपा पर नरम दिखाई दे रहे हैं. बीजेपी को लेकर भी आजम उस अंदाज में आक्रामक नहीं हैं. ऐसे में सवाल यही है कि, क्या बसपा-बीजेपी को साधकर आजम खान सपा को कोई संदेश दे रहे हैं. सवाल ये भी है कि, क्या दो नाव पर चलने का दांव खेल रहे हैं आजम?