मायावती का मिशन @2027, ऐसे लोगों की पार्टी से कर रहीं छुट्टी, 16 अक्टूबर को लेंगी बड़ा फैसला

बसपा प्रमुख मायावती संगठन में बड़े बदलाव कर रही हैं. इसको लेकर उन्होंने लखनऊ में बैठक भी बुलाई है. फिलहाल, मंडल स्तर पर दो टीमों का गठन किया जा रहा है. इन टीमों के समीक्षा रिपोर्ट रोजाना मंडल कोआॉर्डिनेटर की तरफ से मायावती को दी जाएगी.

बसपा सुप्रीमों मायावती Image Credit:

2027 विधानसभा चुनावों की तैयारी मे जुटीं बसपा सुप्रीमों मायावती संगठन में फेरबदल करना शुरू कर दिया. उन्होंने सक्रिय नेताओं को नई जिम्मेदारी देनी शुरू कर दी है. इसके साथ ही संगठन से ऐसे लोगों की छुट्टी की जा रही है जो बिल्कुल सक्रिय नहीं हैं. फिलहाल, मायावती के निर्देश पर हर मंडल में दो-दो टीमें गठित की जा रही हैं. पहली टीम मंडल स्तर पर सक्रियता बढ़ाएगी, तो दूसरी स्थानीय स्तर पर जमीनी कामकाज संभालेगी.

मायावती ने इन नई टीमों के पदाधिकारियों के साथ 16 अक्टूबर को लखनऊ में महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है. इस दौरान संगठन विस्तार की रूपरेखा पर जरूरी सलाह दी जाएगी. दरअसल, मायावती अपने इस फैसले के जरिए प्रदेश स्तर पर पार्टी के असक्रिय हो चुके कैडर को फिर से एक्टिव करने की तैयारी में हैं.

मंडलीय कोआर्डिनेटर बसपा सुप्रीमों को करेंगे रिपोर्ट

इस दौरान मायावती की तरफ से मंडलीय कोआर्डिनेटर को स्थानीय टीमों की रोजाना की समीक्षा करने का निर्देश दिया जाएगा. साथ ही सीधे बसपा सुप्रीमो को रिपोर्ट सौंपने को कहा जाएगा. .रैली में उमड़ी लाखों की भीड़ से उत्साहित मायावती ने कार्यकर्ताओं को संदेश दिया है कि आगामी विधानसभा चुनाव में सरकार गठन के लिए कोई चूक नहीं होगी.

लापरवाह मंडलीय कोऑर्डिनेटरों को हटाया गया

अब मायावती लापरवाह मंडलीय कोऑर्डिनेटरों को हटाकर सक्रिय और समर्पित नेताओं को जिम्मेदारियां सौंपी है. हालांकि, जिला, विधानसभा, सेक्टर और पोलिंग बूथ स्तर की कमेटियों में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है. इनका मौजूदा स्वरूप पहले ही जैसा रखा गया है ताकि जमीनी स्तर पर निरंतरता बनी रहे.

नई नियुक्तियां पार्टी को मजबूत बनाएंगी

पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया, “यह फेरबदल बसपा को फिर से उत्तर प्रदेश की सियासत का मजबूत स्तंभ बनाने की दिशा में बड़ा कदम है. प्रमुख मंडलों में नई नियुक्तियां फेरबदल के तहत विभिन्न मंडलों में निम्नलिखित नेताओं को महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां दी गई हैं. उन्होंने आगे बताया कि यह सभी नियुक्तियां बहुजनवादी एजेंडे को मजबूत करने पर केंद्रित हैं. इसमें जिसमें दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यक समुदायों की भागीदारी सुनिश्चित की गई है.

भाईचारा कमेटियों का भी गठन

संगठन विस्तार के साथ-साथ बसपा ने सामाजिक समरसता बढ़ाने के लिए सभी जिलों में नई भाईचारा कमेटियों का गठन किया है. इन कमेटियों में अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी), अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी), अति पिछड़े, वैश्य और मुस्लिम समुदायों के प्रतिनिधि शामिल हैं. मेटियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि वे अपनी-अपनी जातियों और समुदायों के लोगों को बसपा के साथ जोड़ने के लिए अभियान चलाएं.

09 अक्टूबर की रैली से उत्साहित हैं बसपा समर्थक

यह कदम बहुजन समाज को एकजुट करने की मायावती की पुरानी रणनीति का विस्तार है, जो कांशीराम के विचारों पर आधारित है. 2027 के चुनाव की तैयारी में जुटे कार्यकर्ताओं में कांशीराम की पुण्यतिथि रैली की सफलता ने नया उत्साह भर दिया है. मायावती की यह सक्रियता पार्टी को फिर से मुख्यधारा में लाने का संकेत दे रही है.16 अक्टूबर की बैठक के बाद नई टीमें जमीन पर उतरेंगी, जिससे यूपी की राजनीति में आने वाले दिनों में क्या बदलाव आएगा इसको लेकर चर्चा शुरू हो गई है.