लखनऊ में फर्जी IAS गिरफ्तार, 80 करोड़ का नौकरी घोटाला; 150 लोगों से ठगी
लखनऊ पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. पुलिस ने फर्जी IAS बनकर ठगी करने वाले शातिर को दबोच लिया है. उसने खुद को गुजरात कैडर का IAS बताकर 150 लोगों से 80 करोड़ रुपये की ठगी की है. सुप्रीम कोर्ट के वकील की शिकायत पर उसे गिरफ्तार किया गया है.

लखनऊ की चिनहट पुलिस ने गुरुवार को एक फर्जी IAS अधिकारी को गिरफ्तार किया है. वह खुद को गुजरात कैडर का IAS बताकर लोगों को नोकरी का झांसा देता था. उसने अब तक 150 लोगों से 80 करोड़ रुपये ठगे हैं. सुप्रीम कोर्ट के वकील की शिकायत पर उसे दबोचा गया. अब CBCID मामले की जांच कर रही है.
खुद को IAS बताने वाले जालसाज की पहचान डॉ. विवेक मिश्र के रुप में हुई है. वह 2014 बैच का IAS और गुजरात सरकार में सचिव के रूप में पेश करते हुए कई लोगों को सरकारी नौकरी का झांसा देकर ठगा है. उसने अपनी बहनों को गुजरात कैडर की IPS अधिकारी बताकर भी लोगों को अपने जाल में फंसाया था.
SC के अधिवक्ता ने 2019 में दर्ज कराया था केस
चिनहट थाने के इंस्पेक्टर दिनेश चंद्र मिश्र ने बताया कि गोमतीनगर विकल्पखंड निवासी सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता डॉ. आशुतोष मिश्र ने 24 जुलाई 2019 को विवेक मिश्र और उसकी दो बहनों, निधि मिश्र और विधि मिश्र के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था. अब CBCID उसकी बहनों की भूमिका भी खंगाल रही है.
आरोपी के खिलाफ 2019 में धोखाधड़ी, जालसाजी और धमकाने का मुकदमा दर्ज किया गया था. आरोपी सोशल मीडिया के जरिए लोगों को अपना शिकार बनाता था. पुलिस के मुताबिक, विवेक मिश्र ने सोशल मीडिया पर कई फर्जी अकाउंट बनाए थे, जिनके जरिए वह खासकर युवतियों को निशाना बनाता था.
शादी का प्रस्ताव देकर बनाता था अपना शिकार
पुलिस के मुताबिक, आरोपी युवतियों को शादी का प्रस्ताव देकर उनके परिवारों से नजदीकी बनाता और फिर सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर मोटी रकम ऐंठता था. इंस्पेक्टर मिश्र ने बताया कि आरोपी ने कई लोगों को फर्जी नियुक्ति पत्र भी दिए, जिनमें जनसंपर्क अधिकारी और स्पोर्ट्स कोटे से डिप्टी एसीपी जैसे पद शामिल थे.
वकील ने खोली पोल, ठगी का खुलासा
शिकायतकर्ता डॉ. आशुतोष मिश्र ने अपने जूनियर अधिवक्ताओं के साथ मिलकर विवेक की सच्चाई का पता लगाया. जांच में सामने आया कि उसने 150 लोगों से 80 करोड़ रुपये की ठगी की. आशुतोष के चार जूनियरों को नौकरी का झांसा देकर विवेक ने 4.5 लाख रुपये ऐंठे और उन्हें फर्जी नियुक्ति पत्र थमाए.
इसके बाद आशुतोष ने चिनहट थाने में शिकायत दर्ज कराई, जिसकी शुरुआती जांच आर्थिक अपराध शाखा (EOW) को सौंपी गई थी. बाद में सरकार ने इसकी जांच सीबीसीआईडी को ट्रांसफर कर दी. CBCID के इंस्पेक्टर रमेश चंद्र तिवारी इस मामले की जांच कर रहे हैं.