नोएडा में 6 दिसंबर को होने वाली मायावती की रैली हुई रद्द, आखिर क्यों लेना पड़ा ऐसा फैसला?

मायावती ने लंबे समय बाद कांशीराम के परिनिर्वाण दिवस पर 9 अक्टूबर को लखनऊ में रैली की थी. इस रैली के दौरान वह अपने पुराने रूप में भी नजर आई थीं, जिससे राजनीतिक हलकों में हलचलें बढ़ गई थी. वह 6 दिसंबर को नोएडा में भी शक्ति प्रदर्शन करने वाली थीं. लेकिन अब इसे कैंसिल कर दिया गया है.

बसपा प्रमुख मायावती (फाइल फोटो)

बसपा प्रमुख मायावती 6 दिसंबर को डॉ. भीमराव आंबेडकर के परनिर्वाण दिवस के मौके पर नोएडा में रैली करने वाली थीं. लेकिन अब इस रैली को रद्द कर दिया गया है. जानकारी के मुताबिक वह इस दिन अपने आवास पर ही डॉ. आंबेडकर को श्रद्धासुमन अर्पित करेंगी.

आखिर मायावती ने क्यों रद्द कर दी रैली

नोएडा में होने वाली रैली को रद्द करने को लेकर मायावती का कहना है कि महापुरुषों की जयंती और पुण्यतिथि के मौके पर बहुजन समाज के बहुजन समाज के संतों, गुरुओं व महापुरुषों स्मारक स्थलों पर भीड़ उमड़ती है. इसको लेकर मेरा अनुभव रहा कि कि हमारी सुरक्षा को लेकर जो सरकारी प्रबंध किए जाते हैं, उससे लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

मायावती ने 2019 की घटना को किया याद

मायावती ने अपने बयान में पुराना दर्द भी याद दिलाया. 2019 में भी दिल्ली के रामलीला मैदान में हुई रैली में उनकी सुरक्षा में लगी भारी पुलिस फोर्स की वजह से हजारों लोग गेट पर ही घंटों फंस गए थे. कई महिलाएं और बच्चे बेहोश हो गए थे.उस घटना का जिक्र करते हुए मायावती ने कहा था, “मेरे कारण अगर एक भी बहुजन को दिक्कत हो, तो मैं रैली करने से बेहतर घर पर ही रहूंगी.

बसपा व्हाट्सएप ग्रुप में वायरल हो रहा ये मैसेज

रैली रद्द होने की खबर जैसे ही सोशल मीडिया पर फैली, बसपा कार्यकर्ताओं में निराशा की लहर दौड़ गई. नोएडा, गाजियाबाद, हापुड़, मेरठ से बसें बुक हो चुकी थीं. कई कार्यकर्ताओं ने तो छुट्टी भी ले ली थी. लेकिन कुछ ही देर में माहौल बदल गया. “बहन जी ने फिर साबित कर दिया कि वो हमारी नेता नहीं, बड़ी बहन हैं. अपनी जनता से ज्यादा खुद को कभी महत्व नहीं दिया,” यह मैसेज हर बसपा व्हाट्सएप ग्रुप में वायरल हो गया.

लखनऊ-नोएडा में यहां बाबा साहब को कर सकेंगे श्रद्धासुमन अर्पित

उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजनों में सुरक्षा व्यवस्था बहुत जरूरी हो जाती है. लेकिन इससे कार्यकर्ताओं और उनके परिवारों को होने वाली असुविधा होती है. इस वजह से ये फैसाल लिया है. उन्होंने आगे कहा कि लखनऊ में डॉ. आंबेडकर सामाजिक परिवर्तन स्थल पर, वहीं पश्चिमी यूपी, दिल्ली व उत्तराखंड के लोग नोएडा में स्थित राष्ट्रीय दलित प्रेरणा स्थल पर अपने परिवार सहित पहुंचकर बाबा साहब श्रद्धासुमन अर्पित कर सकेंगे.

9 अक्टूबर को लखनऊ में की थी रैली

बता दें कि मायावती ने लंबे समय बाद कांशीराम के परिनिर्वाण दिवस पर 9 अक्टूबर को लखनऊ में रैली की थी. उस रैली में बड़ी संख्या में लोग उमड़े थे. ऐसे में माना जा रहा है कि मायावती के नए तेवर और कलेवर अन्य विपक्षी दलों को परेशानी में डालेंगे. अपनी रैली के दौरान वह अपने पुराने रूप में भी नजर आई थीं. सपा समेत सभी विपक्षी दलों पर जमकर हमला किया था. पश्चिमी यूपी में जनाधार को बढ़ाने के तहत वह नोएडा में भी शक्ति प्रदर्शन करने वाली थीं. लेकिन अब इसे रद्द कर दिया.

क्या मायावती का मास्टर स्ट्रोक है ये फैसला

राजनीतिक गलियारों में इसे मायावती का “मास्टर स्ट्रोक” भी कहा जा रहा है. एक तरफ उन्होंने अपनी जनता के प्रति संवेदनशीलता दिखाई, दूसरी तरफ विपक्ष को बोलने का मौका भी नहीं छोड़ा. बहरहाल, 6 दिसंबर को नोएडा की सड़कों पर नीली पताकाएं तो लहराएंगी, पर वह चेहरा गायब रहेगा जिसे देखने के लिए लाखों आंखें तरस रही थीं.