भाजपा की मेरठ बैठक में कई दिग्गजों की गैरहाजिरी, सियासी गलियारों में चर्चा तेज

मेरठ में भाजपा ने आगामी विधान परिषद और पंचायत चुनाव को लेकर बड़ी बैठक बुलाई. इसमें संगठनात्मक रणनीति पर अहम चर्चा की हुई. प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने बैठक का नेतृत्व किया. लेकिन इस बैठक में कई दिग्गज नेता नहीं पहुंचे थे. अब उनकी गैरहाजिरी ने सियासी गलियारों में हलचल बढ़ा दी है.

बैठक के दौरान BJP प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी व अन्य

मेरठ में आगामी शिक्षक एवं स्नातक विधान परिषद चुनाव और त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2026 को लेकर भाजपा ने संगठन को धार देने की कवायद तेज कर दी है. इसी कड़ी में शनिवार को मेरठ में प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी के नेतृत्व में अहम बैठक आयोजित की गई. बैठक में बड़ी संख्या में कार्यकर्ता और पदाधिकारी जुटे, लेकिन कई दिग्गज नेताओं की गैरमौजूदगी ने माहौल को चर्चा से भर दिया.

प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने इस मौके पर कहा कि भाजपा की असली ताकत उसका संगठन और कार्यकर्ता हैं. चुनाव की दिशा और दशा तय करने में बूथ स्तर पर सक्रिय कार्यकर्ता ही निर्णायक भूमिका निभाते हैं. उन्होंने सभी से आह्वान किया कि शिक्षक और स्नातक परिषद चुनाव से लेकर पंचायत चुनाव तक हर मोर्चे पर भाजपा को विजयी बनाने के लिए समर्पण भाव से जुटना होगा.

बैठक में इन दिग्गज नेताओं ने नहीं लिया हिस्सा

भूपेंद्र चौधरी ने हालांकि चुटकी लेते हुए अपने कार्यकर्ताओं को ये भी कह दिया कि थाने चौकी मेरे लिए छोड़ दो. हालांकि, बैठक से ज्यादा चर्चा में वे नाम रहे जो इस आयोजन में नजर नहीं आए. प्रदेश महासचिव और नोएडा से विधायक पंकज सिंह, पूर्व मंत्री सुरेश राणा, पूर्व विधायक संगीत सोम जैसे नेताओं की अनुपस्थिति ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं.

वहीं मेरठ सांसद अरुण गोविल, भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और राज्यसभा सांसद लक्ष्मीकांत बाजपेयी का न पहुंचना भी चर्चा का विषय रहा. सबसे अहम गैरमौजूदगी विधान परिषद सदस्य अश्विनी त्यागी और अशोक कटारिया की रही, जिनकी भूमिका शिक्षक और स्नातक चुनाव में महत्वपूर्ण मानी जाती है. उनके साथ ही पूर्व सांसद राघव लखनपाल और पूर्व राज्य मंत्री सुनील भराला भी बैठक में नहीं थे.

मेरठ में रहने के बाद भी बैठक में नहीं पहुंचे

मेरठ महानगर अध्यक्ष विवेक रस्तोगी से जब ये पूछा गया कि गई दिग्गज नेता शामिल नहीं हुए तो उन्होंने कहा कि कुछ नेता निजी कारणों से नहीं पहुंच पाए होंगे, सबको बुलाया गया था. वहीं, पश्चिमी क्षेत्र मीडिया प्रभारी गजेंद्र सिंह ने कहा कि कुछ नेता नहीं आए, लेकिन ऐसा कुछ नहीं कि आपस मनमुटाव हो, कोई न कोई कारण होगा जिस वजह से वो नेता नहीं आए पाए.

वहीं, दूसरी तरफ अपना नाम न उजागर करने की शर्त पर एक नेता ने बताया कि जिन लोगों को इनको बुलाना नहीं होता, उनको ये आखिरी समय पर कार्यक्रम की सूचना देते है. यदि कोई बाहर होगा तो कैसे आ पाएगा. बता दें कि कुछ दिग्गज नेता उस समय पर मेरठ में ही थे. लेकिन बैठक में नहीं पहुंचे. इन नेताओं की गैरहाजिरी ने सियासी गलियारों में हलचल बढ़ा दी है.