रानी लक्ष्मी बाई आजादी की वो पहली चिंगारी थी, जो हमेशा समय से आगे चली. झांसी की रानी ने अपनी इसी तलवार से ब्रिटिश साम्राज्य की नींव हिला दी थी. उसने देश की तमाम महिलाओं को भरोसा दिया कि हिम्मत सिर्फ पुरुषों की बपौती नहीं. यदि महिलाएं भी चाह दें तो देश की आन-बान और शान के लिए ना केवल अपनी जान न्यौछावर कर सकती हैं, बल्कि दुश्मन के दांत खट्टे भी कर सकती है.
उत्तर प्रदेश के झांसी में सखी हनुमान मंदिर में बजरंग बली की स्त्री रूप में पूजा होती है. आनंद रामायण के अनुसार, हनुमान जी ने माता सीता की सेवा के लिए यह रूप धारण किया था. 500 वर्ष पूर्व ओरछा के एक संत को सपने में हनुमान जी ने इस रूप में दर्शन दिए थे, जिसके बाद यह मंदिर स्थापित हुआ.