आजमगढ़ में अखिलेश के आने से पहले ब्राह्मणों का विरोध, घरों पर लगाये काले झंडे !
आजमगढ़ में विधानसभा चुनाव 2027 की तैयारी तेज करने के क्रम में अखिलेश यादव ने नए भवन का निर्माण कराया है, जिसका उद्घाटन किया जाना है. लेकिन अखिलेश यादव के यहा जाने से पहले ही ब्राह्मण समाज के लोगों ने इसका विरोध शुरू कर दिया है.

आजमगढ़ में अखिलेश यादव ने नए- नए बनाए गए भवन के उद्घाटन से पहले ही एक नया विवाद शुरू हो गया है. इसको लेकर के खूब चर्चाएं हो रही हैं. दरअसल, इटावा कांड के बाद से ही नाराज ब्राह्मण सभा के लोगों ने अब अखिलेश यादव का विरोध शुरू कर दिया है. अखिलेश यादव के आजमगढ़ पहुंचने से पहले ब्राह्मण समाज के लोगों ने अपने घरों के सामने काले झंडे लगाए हैं. इटावा की घटना पर राजनीति कर ब्राह्मणों की छवि खराब करने का गंभीर आरोप लगाया है. लोगों के विरोध की तस्वीरें आजमगढ़ के अतरौलिया विधानसभा क्षेत्र सगड़ी और मुबारकपुर सहित तमाम विधानसभा क्षेत्र से आई हैं.
यह वह विधानसभा क्षेत्र है जहां से समाजवादी पार्टी बेहद मजबूत मानी जाती है लेकिन, इटावा की घटना के बाद ब्राह्मणों के इस विरोध का असर आगामी चुनाव पर भी पड़ सकता है. क्योंकि यह वही क्षेत्र है जहां पर यादव ब्राह्मण हर वर्ग समाजवादी पार्टी के साथ मजबूती से खड़ा रहता है.
ब्राह्मण और यादव को बांटा जा रहा है
भारतीय जनता पार्टी के नेता हरबंस मिश्रा ने भी गंभीर आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव ने इटावा पर राजनीति की जो यादव और ब्राह्मण बनाकर उनमें द्वेष पैदा कर दिया है. पहले दोनों ही साथ में रहते थे. यहां अब ब्राह्मण वास्तविक रूप से नाराज हैं और वह काले झंडे लगाकर इस बात का विरोध कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि राजनीति की वजह से ब्राह्मण और यादव समाज को बांटा न जाए.
बीजेपी नेता हरबंस मिश्रा ने यह भी बताया कि यादव और पंडित यह वह वर्ग है जहां, यादव के घर ब्राह्मण पूजा करने जाता है और यादव ब्राह्मण के घर दूध निकालने जाता है सदियों से चली आ रही इस घनिष्ठता को इटावा की घटना पर राजनीति कर समाज को बांटने का काम किया गया है. नगर निगम घर-घर जाकर जांच करेगा और नियमों को तोड़ने वालों पर कार्रवाई करेगा. यह कदम पशु कल्याण और सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है.



