‘हक मांग रहे भीख नहीं…’ संविधान लेकर मार्च, PM मोदी और CM योगी को राखी; AMU में क्यों आंदोलन पर उतरी छात्राएं?
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में 36% की फीस वृद्धि और छात्रों के साथ कथित दुर्व्यवहार के विरोध में छात्रों का आंदोलन जारी है. छात्राओं ने फीस वृद्धि, छात्रसंघ चुनाव न कराए जाने और पुलिस की कथित ज्यादती के खिलाफ संविधान लेकर मार्च किया और अपना हक मांगा. विभिन्न छात्र संगठनों और राजनीतिक दलों ने भी इस आंदोलन का समर्थन किया है.

अलीगढ़ यूनिवर्सिटी में छात्रों का आंदोलन थमने का नहीं ले रहा. शनिवार को यूनिवर्सिटी की छात्राओं ने हाथ में संविधान लेकर मार्च निकाला. कहा कि हम भीख नहीं, अपना हक मांग रहे हैं. यह सभी छात्र-छात्राएं एएमयू में 36% शुल्क वृद्धि, छात्राओं के साथ दुर्व्यवहार, अवैध निलंबन और छात्रसंघ चुनाव न कराए जाने के विरोध में सड़क पर उतरी थीं. इसी मुद्दे पर एक हफ्ते पहले से ही यहां छात्रों का आंदोलन चल रहा था, लेकिन अब छात्राओं के सड़क पर उतरने से आंदोलन को धार मिल गई है.
इस आंदोलन को अब विधि के छात्रों के अलावा राजनीतिक दलों, छात्र संगठनों और संयुक्त किसान मोर्चा जैसे संगठनों का भी समर्थन मिल रहा है. इस आंदोलन के तहत छात्रों ने बाब-ए-सैयद गेट को बंद कर दिया, वहीं ब्लैक कोट मार्च निकाला. छात्र-छात्राएं फीस वृद्धि को वापस लेने और एएमयू छात्रसंघ चुनाव कराने की मांग कर रही हैं. छात्रों में प्रॉक्टोरियल टीम और उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा अभद्रता और मारपीट की वजह से भी आक्रोश है.
40 फीसदी तक फीस बढोत्तरी का आरोप
छात्रों का आरोप है कि एएमयू में विभिन्न शैक्षणिक कार्यक्रमों (अंडर ग्रेजुएट, पोस्टग्रेजुएट और अन्य) की फीस में अचानक 36% तक की वृद्धि की गई है. कुछ कोर्सेज में यह वृद्धि 40% तक है. यह बढोत्तरी विशेष रूप से गरीब और वंचित वर्ग के छात्रों के लिए अन्यायपूर्ण है. जबकि एएमयू प्रशासन ने इस बढोत्तरी को जायज करार दिया है. कहा कि 15-20% की औसत वृद्धि है और यह यूनिवर्सिटी के बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य सेवाओं, हॉल सुविधाओं और अन्य संसाधनों के उन्नयन के लिए आवश्यक है. फीस बढोत्तरी का फैसला 4 जून 2025 को अकादमिक परिषद की बैठक में लिया गया था.
बाबे सैयद गेट पर चल रहा प्रदर्शन
उधर, छात्रों का आरोप है कि फीस वृद्धि की कोई पूर्व सूचना नहीं दी गई. उन्हें रजिस्ट्रेशन पोर्टल खुलने पर इसकी जानकारी मिली और उसी समय से आंदोलन शुरू किया गया. 4 अगस्त से छात्र बाब-ए-सैयद गेट को अवरुद्ध कर धरने पर हैं. लॉ के छात्रों ने संविधान की किताबें हाथ में लेकर लॉ फैकल्टी से बाबे सैयद गेट तक शांतिपूर्ण मार्च निकाला. यह मार्च प्रशासन और पुलिस की कथित अभद्रता और हिंसा के विरोध में था. वहीं प्रदर्शनकारी छात्राओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, जिलाधिकारी (डीएम), पुलिस अधीक्षक (एसपी), और एएमयू के पूर्व छात्रों को राखी भेजकर अपने हितों की रक्षा के लिए समर्थन मांगा.
जुमे की नमाज पर हुआ था बवाल
शुक्रवार (8 अगस्त 2025) को धरना स्थल पर नमाज अदा करने को लेकर बवाल हुआ था. उस समय पुलिस ने कथित तौर पर छात्रों को खींचकर हटाया और आंसू गैस के गोले छोड़े थे. छात्रों का आरोप है कि प्रॉक्टोरियल टीम ने भी उनके साथ अभद्रता की, जिसमें एक छात्रा बेहोश हो गई, वहीं एक महिला सुरक्षा गार्ड घायल हुई थी. इस दौरान कुछ छात्रों को हिरासत में लिया गया और उनके खिलाफ निलंबन व एफआईआर जैसी कार्रवाइयां की गईं थी.



