रात में सोते रह गए बंदी रक्षक, हथकड़ी खोलकर फरार हुआ 22 साल का साइबर ठग

उत्तर प्रदेश के कासगंज से हैरान करने वाला मामला सामने आया है. यहां पर इजाल के लिए गया एक साइबर अपराधी फरार हो गया है. जिस समय साइबर अपराधी फरार हुआ, उसम समय बंदी की निगरानी में तैनात टीम सो गई थी.

कासगंज में गिरफ्तारी के समय साइबर अपराधी

उत्तर प्रदेश के कासगंज जेल से इलाज के लिए एक साइबर अपराधी को एस एन मेडिकल कॉलेज में ले जाया गया था. लेकिन, उसका इरादा तो कुछ और ही था. ऐसे में मौके का फायदा उठाकर शुक्रवार की रात्रि को हथकड़ी से हाथ निकाल कर भाग निकला. उसकी निगरानी के लिए तैनात रहे बंदी रक्षक सोते ही रह गए. जब एक घंटे बात उनकी नींद खुली तो पता चला बंदी फरार है. फिर भी उसे पकड़ने के लिए तलाश की गई मगर बंदी हाथ नहीं आया. मामले में दोनों बंदी रक्षक और बंदी के खिलाफ थाना एम एम गेट में केस दर्ज किया गया है.

बंदी जबलपुर का रहने वाला है उसकी तलाश में टीम को जबलपुर भी भेजा गया है. साइबर क्राइम के मामले में कासगंज पुलिस ने मध्य प्रदेश के जबलपुर के रहने वाले 22 साल के संकेत यादव को गिरफ्तार किया था. वह कासगंज जेल में बंद था. पिछले कुछ दिनों से उसे पेट दर्द और उल्टी की शिकायत थी.

कर्मचारियों की गहरी नींद का उठाया फायदा

कासगंज में शुक्रवार शाम को एस एन मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग में भर्ती कराया था. उसकी देखरेख में बंदी रक्षक अजीत पांडे और जयंत कुमार तैनात थे. रात में दोनों कर्मचारी गहरी नींद में सो गए. इसका फायदा उठाकर रात करीब 2:00 बजे संकेत यादव हथकड़ी से हाथ निकाल कर भाग निकला.

रात 3:00 बजे कर्मचारियों की नींद खुली तब उन्हें बंदी के भागने का पता चला. उन्होंने आसपास तलाश की लेकिन, उसका कोई सुराग नहीं लग सका. उन्होंने पुलिस को सूचना दी. थाना एसएम गेट पुलिस ने बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन पर देखा लेकिन, वह नहीं मिल सका. कासगंज जेल में उप कारापाल उमेशचंद्र शर्मा की तहरीर पर दोनों बंदी रक्षकों और बंदी संकेत यादव के खिलाफ केस लिखा गया है.

एसपी की आवाज में बात करके की थी ठगी

आगरा के एस एन मेडिकल कॉलेज से फरार हुआ कैदी संकेत यादव ने ठगी करने के समय एसपी की आवाज में बात की थी. ठगी करने के आरोप में पकड़ा गया था. उसे गंभीर बीमारी की वजह से इलाज के लिए शुक्रवार को आगरा ले जाया गया. वह पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया. साइबर ठग संकेत यादव 22 साल का है. उसे जबलपुर में पुलिस ने 15 जुलाई को गिरफ्तार करके जेल भेजा था.

उसने जिले में रह चुकी आईपीएस अर्पडा कौशिक की फोटो लगाकर आगरा के एक कारोबारी से ठगी की कोशिश की थी. उसी मामले में आगरा में केस दर्ज किया गया था. गिरफ्तारी के समय उसके पास से 75 सिम और चार मोबाइल बरामद हुए थे. आरोपी पर अलग-अलग जिलों में साइबर ठगी के केस दर्ज हैं. पहले वह चोरी के मोबाइल खरीदने वाली दुकान पर काम करता था. फिर कुछ समय बाद ग्राहक सेवा केंद्र पर काम किया वहीं से उसे साइबर ठगी का तरीका सूझा. वह अधिकारियों की डीपी लगाकर ग्राहक सेवा केंद्र वालों को डराकर वसूली करने लगा.

गंभीर बीमारी की शिकायत होने पर पुलिस अभिरक्षा से उसे शुक्रवार को जिला जेल से जिला अस्पताल ले जाया गया. यहां से उसे आगरा रेफर किया गया था. डिप्टी जेलर रामदास यादव ने बताया कि गंभीर बीमारी के इलाज के लिए आगरा ले जाया गया था वह साइबर ठग है और जेल में बंद था.

रिपोर्ट- देवेंद्र यादव / कासगंज