नाले की खुदाई में मिला खजाना, तभी पहुंची पुलिस… सामने आ गया 1200 साल पुराना इतिहास
उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में सीवर लाइन की खुदाई के दौरान मजदूरों को तुगलक वंश कालीन सोने और चांदी के 25 सिक्के और एक सुरमेदानी मिली है. सिक्कों की चमक 1300 साल बाद भी बरकरार है. पुलिस ने सिक्के जब्त कर लिए हैं और पुरातत्वविदों ने जांच शुरू कर दी है.

उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में नाले की खुदाई हो रही थी. अचानक एक मजदूर के फावड़े से टन.. की आवाज हुई. देखा ता अंदर एक खजाना दबा हुआ था. यह देखकर मजदूरों की आंखें चौड़ी हो गई. यहां सोने के 24 और एक चांदी का सिक्का दबा हुआ था. कुछ मजदूर तो इसमें सिक्के लेकर भाग भी गए. हालांकि इसी दौरान सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंच गई और सभी मजदूरों को वापस बुलाकर सिक्के जमा कराए गए. बताया जा रहा है कि यह सिक्के तुगलक वंश के समकालीन हैं. फिलहाल पुरातत्व के जानकारों ने सिक्कों की जांच पड़ताल शुरू कर दी है.
मामला अलीगढ़ के बरहेती गांव का है. पुलिस के मुताबिक गांव में सीवर लाइन का काम शुरू किया गया है. पाइपलाइन बिछाने के लिए शुक्रवार को खुदाइ हो रही थी. दोपहर के बाद ठेकेदार की मौजूदगी में कुछ मजदूर छह से आठ फीट गहराई में खुदाई कर रहे थे. इसी दौरान एक मजदूर का फावड़ा जमीन के अंदर किसी ठोस चीज से टकराया. अंदर एक धातु का बटुआ दबा पड़ा था. मजदूरों ने इस बटुए को बाहर निकालकर देखा तो उसमें सोने और चांदी के सिक्के चमक रहे थे.
25 सिक्के, एक सुरमेदानी मिली
बड़ी बात यह कि 1300 साल बाद भी इन सिक्कों की चमक बरकरार थी. सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस ने सिक्कों पर लिखी इबारत को पढ़ने की कोशिश की. इसमें पता चला कि यह सिक्के तुगलक वंश के समकालीन हैं.पुलिस ने बताया कि इस स्थान से 25 सिक्कों के अलावा एक सुरमेदानी और इसी तरह का कोई एक और सामान मिला है. यह सामान 100 ग्राम वजन के पीली धातु के टुकड़े के रूप में है. फिलहाल पुलिस ने इन सभी चीजों को कब्जे में लेकर जिला कोषागार में जमा करा दिया है.
तुगलक वंश के दौर में समृद्ध था अलीगढ़
संबंधित खबर मिलने के बाद जिले के इतिहासकारों और पुरातत्ववेत्ताओं ने मामले की पड़ताल शुरू कर दी है. इतिहासकारों के मुताबिक तुगलक वंश के दौर में अलीगढ़ का इलाका काफी समृद्ध हुआ करता था. तुगलक वंश के प्रसिद्ध मोहम्मद बिन तुगलक खुद यहां पर कुछ समय तक आकर रहा था. ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि यह सिक्के में भी उसी के समय के हो सकते हैं. हालांकि कुछ जानकारों ने इन सिक्कों को तुगलक वंश के शासन के अंतिम दौर या उसके बाद का बता रहे हैं.



